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टिहरी के डीएफओ बोले- बिना जनसहयोग वनाग्नि पर काबू पाना मुश्किल, आग लगाने वालों के नाम बताने पर मिलेगा पुरस्कार - Forest fire in Tehri

Forest fire in Tehri टिहरी के डीएफओ का कहना है कि बिना जनसहयोग के वनाग्नि पर काबू पाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि जो भी जंगल में आग लगा रहा है, उसकी सूचना और फोटो देने वाले को सम्मानित किया जाएगा. सूचना देने वालों के नाम गुप्त रखे जाएंगे.

Forest fire in Tehri
टिहरी फॉरेस्ट फायर (Photo- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 6, 2024, 9:54 AM IST

टिहरी: जिले के जंगलों में आग लगने पर डीएफओ टिहरी ने दी अपनी सफाई दी है. डीएफओ ने कहा कि टिहरी में वन क्षेत्र ज्यादा होने के कारण हर जगह आग बुझाना संभव नहीं हो पा रहा है. वहीं इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी वनाग्नि के लिए आग में घी का काम कर रही है. मौसम की बेरुखी से अगले 10 दिन वन विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण हैं. मौसम शुष्क रहने और गर्मी के चलते आग की घटनाओं में बढ़ोत्तरी की आशंका है.

टिहरी वन प्रभाग के डीएफओ पुनीत तोमर ने वनाग्नि रोकने और नियंत्रण के लिए जनसहयोग मांगा है. उन्होंने कहा कि आग लगाने वाले का नाम देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी. डीएफओ पुनीत तोमर ने कहा कि वनाग्नि से पर्यावरण भी दूषित हो रहा है. इससे जहां विभाग और देश को वन संपदा, वन्य जीव जंतुओं का नुकसान हो रहा है, वहीं यह सरकार के लिए भी चुनौती बनी हुई है. कहा कि लोगों की शिकायत पर अभी तक 10 मामले सामने आए हैं. जिसमें से विभाग ने तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. डीएफओ ने कहा कि अगले करीब दो सप्ताह मौसम और शुष्क रहने की संभावना है. जिससे जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ने से वन संपदा को ज्यादा नुकसान हो सकता है. डीएफओ पुनीत तोमर ने कहा कि टिहरी जिले के अंतर्गत वन भूमि का क्षेत्र बहुत ज्यादा है. इस कारण हर जगह आग बुझाने के लिए जाना संभव नहीं है.

टिहरी क्षेत्र में 172 क्रू स्टेशन सक्रिय हैं: क्षेत्र में 172 क्रू स्टेशन सक्रिय हैं. जिससे टीम का रिस्पांस टाइम ठीक होने पर टिहरी वन प्रभाग क्षेत्र में जंगलों की आग पर काबू पा लिया गया है. इसके बावजूद बड़ा क्षेत्र होने के कारण एक समय में कई घटनाएं होने पर टीम का हर जगह पहुंचना संभव नहीं है. डीएफओ ने कहा कि जंगलों को आग से बचाने में आमजन का सहयोग जरूरी है. जो व्यक्ति जंगल में आग लगाने वाले की फोटो के साथ सूचना देगा, उसका नाम गुप्त रखा जाएगा और उसे उचित पुरस्कार भी दिया जाएगा. स्थानीय लोगों से सूचना मिलने पर अभी तक हिंडोलाखाल थाना, टिहरी और घनसाली पुलिस थाने में एक-एक एफआईआर दर्ज कराई गई हैं. डीएफओ ने बताया कि अभी तक टिहरी वन प्रभाग क्षेत्र में 120 घटनाएं हुई हैं. जिससे 55 हेक्टेयर आरक्षित वन क्षेत्र और 65 हेक्टेयर सिविल वन भूमि आग की चपेट में आई है. मुख्यमंत्री स्तर से लेकर विभागीय स्तर तक वनाग्नि की प्रत्येक दिन समीक्षा हो रही है. बगैर जन सहयोग के इस पर काबू पाना मुश्किल है.
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टिहरी: जिले के जंगलों में आग लगने पर डीएफओ टिहरी ने दी अपनी सफाई दी है. डीएफओ ने कहा कि टिहरी में वन क्षेत्र ज्यादा होने के कारण हर जगह आग बुझाना संभव नहीं हो पा रहा है. वहीं इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी वनाग्नि के लिए आग में घी का काम कर रही है. मौसम की बेरुखी से अगले 10 दिन वन विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण हैं. मौसम शुष्क रहने और गर्मी के चलते आग की घटनाओं में बढ़ोत्तरी की आशंका है.

टिहरी वन प्रभाग के डीएफओ पुनीत तोमर ने वनाग्नि रोकने और नियंत्रण के लिए जनसहयोग मांगा है. उन्होंने कहा कि आग लगाने वाले का नाम देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी. डीएफओ पुनीत तोमर ने कहा कि वनाग्नि से पर्यावरण भी दूषित हो रहा है. इससे जहां विभाग और देश को वन संपदा, वन्य जीव जंतुओं का नुकसान हो रहा है, वहीं यह सरकार के लिए भी चुनौती बनी हुई है. कहा कि लोगों की शिकायत पर अभी तक 10 मामले सामने आए हैं. जिसमें से विभाग ने तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. डीएफओ ने कहा कि अगले करीब दो सप्ताह मौसम और शुष्क रहने की संभावना है. जिससे जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ने से वन संपदा को ज्यादा नुकसान हो सकता है. डीएफओ पुनीत तोमर ने कहा कि टिहरी जिले के अंतर्गत वन भूमि का क्षेत्र बहुत ज्यादा है. इस कारण हर जगह आग बुझाने के लिए जाना संभव नहीं है.

टिहरी क्षेत्र में 172 क्रू स्टेशन सक्रिय हैं: क्षेत्र में 172 क्रू स्टेशन सक्रिय हैं. जिससे टीम का रिस्पांस टाइम ठीक होने पर टिहरी वन प्रभाग क्षेत्र में जंगलों की आग पर काबू पा लिया गया है. इसके बावजूद बड़ा क्षेत्र होने के कारण एक समय में कई घटनाएं होने पर टीम का हर जगह पहुंचना संभव नहीं है. डीएफओ ने कहा कि जंगलों को आग से बचाने में आमजन का सहयोग जरूरी है. जो व्यक्ति जंगल में आग लगाने वाले की फोटो के साथ सूचना देगा, उसका नाम गुप्त रखा जाएगा और उसे उचित पुरस्कार भी दिया जाएगा. स्थानीय लोगों से सूचना मिलने पर अभी तक हिंडोलाखाल थाना, टिहरी और घनसाली पुलिस थाने में एक-एक एफआईआर दर्ज कराई गई हैं. डीएफओ ने बताया कि अभी तक टिहरी वन प्रभाग क्षेत्र में 120 घटनाएं हुई हैं. जिससे 55 हेक्टेयर आरक्षित वन क्षेत्र और 65 हेक्टेयर सिविल वन भूमि आग की चपेट में आई है. मुख्यमंत्री स्तर से लेकर विभागीय स्तर तक वनाग्नि की प्रत्येक दिन समीक्षा हो रही है. बगैर जन सहयोग के इस पर काबू पाना मुश्किल है.
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