बेतिया: बिहार के नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा का विरोध शुरू हो गया है. बेतिया के नियोजित शिक्षकों में नाराजगी है. नाराज नियोजित शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो 10 फरवरी से हम लोग आंदोलन शुरू करेंगे. जिले में मसाल जुलूस निकालेंगे. यह आंदोलन जिले से लेकर पूरे बिहार में चलेगा. सदन तक इसका आवाज पहुंचेगी. सरकार को इसका खामियाजा आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है.
बेतिया में शिक्षकों का प्रदर्शन: बेतिया में नियोजित शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ और सक्षमता परीक्षा के विरोध में प्रदर्शन किया हैं. बेतिया के सागर पोखरा के समीप शिक्षकों ने मार्च निकाला और सरकार कों चेतावनी दी हैं. शिक्षकों ने बताया हैं की नियोजित शिक्षकों का राज्य कर्मी का दर्जा मांगना महंगा पड़ गया है. सरकार नियोजित शिक्षकों को हटाने की साजिश रच रही है.
सरकार का तुगलकी फरमान: BPSC परीक्षा में ऑफलाइन परीक्षा ली गई तो वहीं नियोजित शिक्षकों से ऑनलाइन परीक्षा लेने की बात की जा रही है. यहां तक कि 26 फरवरी से परीक्षा देने की तारीख की भी घोषणा कर दी गई है. ऑनलाइन परीक्षा देने की किसी भी तरह का प्रशिक्षण नहीं दिया गया है. जो शिक्षक तीन बार में साक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करेंगे उनको सेवा मुक्त कर दिया जाएगा. सरकार का यह आदेश तुगलकी फरमान है. जिसका पूरे बिहार में शिक्षक विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब बीजेपी सरकार से बाहर थी तो उन्होंने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में आंदोलन किया था और उन्होंने वादा किया था कि अगर हमारी सरकार बनती है तो नियोजित शिक्षकों को उनका हक मिलेगा.
सक्षमता परीक्षा का विरोध: बता दें कि नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा को लेकर नाराज हैं. उनका कहना है कि हमारी नौकरी 60 वर्षों तक है. उसके बावजूद भी सरकार हमारी सक्षमता परीक्षा ले रही है. कई वर्षों से हम लगातार सरकार के शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करते आए हैं. मैट्रिक से लेकर इंटर तक के बच्चों को पढ़ते आए हैं और उसी के कारण बच्चे परीक्षा पास भी करते हैं. बच्चों को हम साक्षर बनाए हैं. बच्चों को हमने पढ़ाया है और हम ही लोगों को आज सरकार असक्षम मान रही है जो कहीं से उचित नहीं है.
"अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. हम सड़क से लेकर सदन तक इसका विरोध करेंगे. जब सरकार से बीजेपी अलग थी तो नियोजित शिक्षकों के पक्ष में उन्होंने प्रदर्शन किया था. आज सरकार में आते ही भाजपा अपना रंग बदल लिया है."-नाराज नियोजित शिक्षक
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