लखनऊ: प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद और सरकार के बीच ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर घमासान मचने के बाद सरकार बैकफुट पर आ गई है. योगी सरकार ने टीचरों के विरोध को देखते हुए ऑनलाइन अटेंडेंस व्यवस्था पर फिलहार रोक लगा दिया है.
वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर आ रही टेक्निकल दिक्कत भी सरकार के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर रही है. ऑनलाइन उपस्थिति लगाने वाला प्रेरणा पोर्टल एप काम नहीं कर रहा है. प्राथमिक स्कूल में बांटे गए टैबलेट में से 50 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों के पास ओटीपी नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे एप खुलने में समस्या आ रही है.
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति, एमडीएम, स्टूडेंट्स उपस्थिति समेत 12 पंजिकाओं को प्रेरणा पोर्टल एप पर जोड़ा गया है. पहले पुराने एप पर शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति छोड़कर अन्य पंजिकाएं रजिस्टर थीं. अब एप पर शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति पंजिका को जोड़कर एप अपग्रेड किया गया है. इसके साथ ही शिक्षकों को नए सिम अलॉट हुए हैं. ऐसे में नए एप से शिक्षकों को सिम पर ओटीपी नहीं आ रहे हैं.
नए सिम पर नहीं आ रहे ओटीपी: बेसिस के संघ के अध्यक्ष सुधांशु मोहन का कहना है कि शिक्षकों की मानें तो शिक्षक एमडीएम और स्टूडेंट्स उपस्थिति समेत कई पंजिकाओं को पुराने एप पर अपडेट कर रहे हैं लेकिन, वो उनके पर्सनल नंबर के सहारे चल रहा है. प्रेरणा पोर्टल ऐप से विभाग के द्वारा दिए गए सिम पर ओटीपी नहीं पहुंच रहे हैं. इससे प्रेरणा पोर्टल एप खुलने में समस्या आ रही है. वहीं, कई इलाकों में नेटवर्क तो कई टैबलेट भी नहीं खुल रहे हैं. शिक्षकों ने बताया कि अपडेट हुए पोर्टल पर ही समस्या आ रही है.
एप पर स्टूडेंट्स रिकॉर्ड रखने का नियम ही नहीं: बेसिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के प्रेरणा पोर्टल एप की प्राइवेसी पॉलिसी में 13 वर्ष की आयु के स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड रखने का नियम नहीं है. विभाग द्वारा प्रेरणा पोर्टल एप पर छात्रों की हाजिरी लगवाई जा रही है. ऐसे में तो यह नियम विरुद्ध है. प्राइवेसी पॉलिसी में यह साफ दिया गया है कि 13 वर्ष की आयु के स्टूडेंट्स से संबंधित कोई भी प्राइवेट डाटा का रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया जाएगा. वहीं, बेसिक विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्रों तकरीबन 13 वर्ष से कम के हैं. ऐसे में उनका रिकॉर्ड दर्ज करना पूरी तरह से गलत है.
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