खगड़ियाः बिहार के खगड़िया में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रथम चरण में चयनित एक अभ्यर्थी को थंब इंप्रेशन नहीं मिलने का बाद गिरफ्तार कर लिया गया. उस पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा है. बायोमीट्रिक जांच में उसके थंब इंप्रेशन की पहचान नहीं हो पायी. जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी शिक्षक ने खुद को निर्दोष बताया है.
कौन है फर्जी शिक्षकः आरोपी शिक्षक का नाम मिथुन कुमार है. वह पिछले दो महीना से प्राथमिक विद्यालय गोरियामी अलौली में ड्यूटी कर रहा था. गिरफ्तार किये गये शिक्षक के अनुसार उसने दो महीने का वेतन भी उठाया है. अब उसे फर्जीवाड़ा के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना निशित कुमार के अनुसार मिथुन ने परीक्षा में अपनी जगह पर किसी दूसरे व्यक्ति को बैठाया होगा. परीक्षा के समय लिया गया थंब इंप्रेशन नहीं मिल रहा है.
"बीपीएससी द्वारा प्रथम चरण में चयनित शिक्षकों के थंब इंप्रेशन का मिलान किया जा रहा है. आज 22 शिक्षकों को बुलाया गया था. इनमें से एक मिथुन नामक शिक्षक का थंब इंप्रेशन नहीं मिला. जांच करने पर पता चला कि जो अभ्यर्थी परीक्षा दिया था वो कोई और था और जब नौकरी कर रहा है वह दूसरा है. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया."- निशित कुमार, डीपीओ स्थापना
थंब इंप्रेशन के माध्यम से री-वेरीफिकेशनः बता दें कि बिहार में शिक्षकों की दो चरणों में नियुक्ति हुई है. बीपीएससी के कड़े इंतजाम के बाद भी फर्जीवाड़े का मामला सामने आ रहे थे. इसके बाद शिक्षा विभाग ने उन तमाम शिक्षकों का थंब इंप्रेशन के माध्यम से री-वेरीफिकेशन कर रहा है, जो प्रथम चरण में बीपीएससी से चयनित हुए हैं. बता दें कि पहले चरण की नियुक्ति परीक्षा में एक लाख 20 हजार शिक्षकों का चयन हुआ था.