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शिक्षक भर्ती पेपर लीक : बाबूलाल कटारा की संपत्तियों पर ईडी का एक्शन, जानिए काली कमाई से कहां-कहां खरीदी प्रॉपर्टी

ED action on properties of Babulal Katara, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पेपर लीक माफियाओं पर ताबड़तोड़ एक्शन कर रही है. बुधवार को ईडी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में डूंगरपुर पहुंचकर आरपीएससी सदस्य रहे बाबूलाल कटारा की बेशकीमती संपत्तियों को जब्त किया है.

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बाबूलाल कटारा की संपत्तियों पर ईडी का एक्शन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 13, 2024, 1:52 PM IST

जयपुर. पेपर लीक माफिया पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का एक्शन जारी है. शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में ईडी ने आज बुधवार को डूंगरपुर पहुंचकर आरपीएससी सदस्य रहे बाबूलाल कटारा की बेशकीमती संपत्तियों को जब्त किया है. दरअसल, डूंगरपुर पहुंची ईडी की टीम ने आज जिले के तीन गांवों में बाबूलाल कटारा की संपत्तियों को जब्त जब्त कर वहां बोर्ड लगाया है. बताया जा रहा है कि जिन संपत्तियों पर कार्रवाई की गई है, वह बाबूलाल कटारा के बेटे के नाम पर है. फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर अभी ईडी की ओर से आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

तीन गांवों में कटारा की पांच प्रॉपर्टी : प्रवर्तन निदेशालय की टीम आज बुधवार को सुबह डूंगरपुर पहुंची. जिले के भातपुर, मालपुर और राजपुर में बाबूलाल कटारा की पांच संपत्तियां होने की जानकारी ईडी के अधिकारियों को मिली. इसके बाद इन गांवों में पहुंची टीम ने इन संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की और जब्ती संबंधी बोर्ड लगाया. बताया जा रहा है कि यह संपत्तियां बाबूलाल कटारा के बेटे के नाम पर हैं. ईडी को बाबूलाल कटारा की कई और संपत्तियों की जानकारी मिली है, जिनकी तस्दीक के बाद उन पर भी कार्रवाई की जा सकती है.

डूंगरपुर में 1330 वर्गफीट का भूखंड सीज : जिला मुख्यालय पर मुख्य लोकेशन पर भी बाबूलाल कटारा की दो बेशकीमती संपत्तियों पर ईडी की कार्रवाई की गई है. डूंगरपुर में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सामने 1330 वर्गफीट के वाणिज्यिक भूखंड को भी ईडी ने जब्त कर वहां जब्ती का बोर्ड लगाया है. इसके साथ ही जिला मुख्यालय पर ही एक दूसरे वाणिज्यिक भूखंड को भी सीज किया गया है.

इसे भी पढ़ें : बड़ी कार्रवाई : पेपर लीक मामले में RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा को राज्यपाल मिश्र ने किया निलंबित

आरपीएससी सदस्य रहते शेरसिंह को दिया पर्चा : आरपीएससी की शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में बाबूलाल कटारा की मुख्य भूमिका सामने आई है. वह तब आरपीएससी का सदस्य था और पेपर सेट करने का काम भी उसी के जिम्मे था. उसने लाखों रुपए लेकर परीक्षा का पर्चा पेपर लीक गिरोह के सरगना शेरसिंह उर्फ अनिल मीणा को दिया, जिसने अपने नेटवर्क के जरिए पर्चा अभ्यर्थियों तक पहुंचाया था. शेरसिंह की गिरफ्तारी के बाद एसओजी ने बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार किया. बाद में ईडी ने भी उससे पूछताछ की थी.

शिक्षक ग्रेड-3 से आरपीएससी तक पहुंचा : बाबूलाल कटारा डूंगरपुर जिले की भातपुर ग्राम पंचायत के मालपुर गांव का रहने वाला है. वह 1987 में शिक्षक ग्रेड-3 बना था. शिक्षक की नौकरी करते-करते ही वह अर्थशास्त्र का व्याख्याता बन गया. इसके कुछ समय बाद ही वह जिला सांख्यिकी अधिकारी बन गया. साल 1994 से 2005 तक वह विकास अधिकारी रहा. इसके बाद साल 2013 से वह उदयपुर के माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान में निदेशक रहा. आरपीएससी सदस्य बनने पर उसने वीआरएस लिया था.

जयपुर. पेपर लीक माफिया पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का एक्शन जारी है. शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में ईडी ने आज बुधवार को डूंगरपुर पहुंचकर आरपीएससी सदस्य रहे बाबूलाल कटारा की बेशकीमती संपत्तियों को जब्त किया है. दरअसल, डूंगरपुर पहुंची ईडी की टीम ने आज जिले के तीन गांवों में बाबूलाल कटारा की संपत्तियों को जब्त जब्त कर वहां बोर्ड लगाया है. बताया जा रहा है कि जिन संपत्तियों पर कार्रवाई की गई है, वह बाबूलाल कटारा के बेटे के नाम पर है. फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर अभी ईडी की ओर से आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

तीन गांवों में कटारा की पांच प्रॉपर्टी : प्रवर्तन निदेशालय की टीम आज बुधवार को सुबह डूंगरपुर पहुंची. जिले के भातपुर, मालपुर और राजपुर में बाबूलाल कटारा की पांच संपत्तियां होने की जानकारी ईडी के अधिकारियों को मिली. इसके बाद इन गांवों में पहुंची टीम ने इन संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की और जब्ती संबंधी बोर्ड लगाया. बताया जा रहा है कि यह संपत्तियां बाबूलाल कटारा के बेटे के नाम पर हैं. ईडी को बाबूलाल कटारा की कई और संपत्तियों की जानकारी मिली है, जिनकी तस्दीक के बाद उन पर भी कार्रवाई की जा सकती है.

डूंगरपुर में 1330 वर्गफीट का भूखंड सीज : जिला मुख्यालय पर मुख्य लोकेशन पर भी बाबूलाल कटारा की दो बेशकीमती संपत्तियों पर ईडी की कार्रवाई की गई है. डूंगरपुर में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सामने 1330 वर्गफीट के वाणिज्यिक भूखंड को भी ईडी ने जब्त कर वहां जब्ती का बोर्ड लगाया है. इसके साथ ही जिला मुख्यालय पर ही एक दूसरे वाणिज्यिक भूखंड को भी सीज किया गया है.

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आरपीएससी सदस्य रहते शेरसिंह को दिया पर्चा : आरपीएससी की शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में बाबूलाल कटारा की मुख्य भूमिका सामने आई है. वह तब आरपीएससी का सदस्य था और पेपर सेट करने का काम भी उसी के जिम्मे था. उसने लाखों रुपए लेकर परीक्षा का पर्चा पेपर लीक गिरोह के सरगना शेरसिंह उर्फ अनिल मीणा को दिया, जिसने अपने नेटवर्क के जरिए पर्चा अभ्यर्थियों तक पहुंचाया था. शेरसिंह की गिरफ्तारी के बाद एसओजी ने बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार किया. बाद में ईडी ने भी उससे पूछताछ की थी.

शिक्षक ग्रेड-3 से आरपीएससी तक पहुंचा : बाबूलाल कटारा डूंगरपुर जिले की भातपुर ग्राम पंचायत के मालपुर गांव का रहने वाला है. वह 1987 में शिक्षक ग्रेड-3 बना था. शिक्षक की नौकरी करते-करते ही वह अर्थशास्त्र का व्याख्याता बन गया. इसके कुछ समय बाद ही वह जिला सांख्यिकी अधिकारी बन गया. साल 1994 से 2005 तक वह विकास अधिकारी रहा. इसके बाद साल 2013 से वह उदयपुर के माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान में निदेशक रहा. आरपीएससी सदस्य बनने पर उसने वीआरएस लिया था.

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