लखनऊ : भाजपा सरकार में हुई 69 हजार शिक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित 6800 आरक्षित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर सोमवार को एससीईआरटी कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान अभ्यर्थियों ने कार्यालय परिसर में प्रवेश कर जमकर नारेबाजी की, जिससे निदेशालय में कुछ देर सभी कामकाज प्रभावित हुआ. अभ्यर्थियों के प्रदर्शन और घेराव की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने अभ्यर्थियों को जोर जबरदस्ती करके कार्यालय परिसर से बाहर निकाला. इसके बाद अभ्यर्थी कार्यालय के गेट पर धरने पर बैठ गए. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक न्याय और नियुक्ति नहीं मिल जाती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
बता दें कि अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे हैं. अभ्यर्थी पिछले 593 दिनों से धरनास्थल इको गार्डन में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही 38 दिन से इनका क्रमिक भूख हड़ताल भी जारी है. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई थी. जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया.
इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश अधिकारियों को दिया था. इसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के बाद 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की. लेकिन, अभी तक न्याय नहीं मिल सका है.
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