लखनऊ: टीबी (TB) मरीजों के लिए खुशखबरी है. अब उनका पोषण भत्ता दोगुना कर दिया गया है. भारत सरकार ने इसका आदेश जारी कर दिया है. 1 नवंबर से नई व्यवस्था लागू की जाएगी. अब हर तीन-तीन माह पर एकमुश्त किस्त सीधे मरीज के खाते में भेजी जाएंगी.
टीबी उन्मूलन में जुटी सरकारः केजीएमयू रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि टीबी उन्मूलन को ताकत देने के लिए पोषण भत्ते में वृद्धि की गई है. अभी टीबी मरीजों को 500 रुपए प्रतिमाह प्रदान किया जा रहा है. टीबी के खात्मे के लिए भारत सरकार ने पोषण भत्ते की राशि दोगुना करने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि कुपोषण से टीबी का जोखिम बढ़ता है. टीबी से कमजोरी बढ़ती है. वजन घटता है. मरीज की तबीयत भी बिगड़ जाती है. बेहतर पोषण से टीबी मरीजों की मृत्यु दर में कम लाने में मदद मिल रही है लिहाजा भारत सरकार ने 500 की जगह 1000 रुपए प्रतिमाह टीबी मरीजों को पोषण भत्ता कर दिया है. सभी नए टीबी व पुराने मरीजों को इसका लाभ मिलेगा.
कब मिलेगी किस्तः यह प्रोत्साहन 3000 रुपए की दो बराबर किस्तों में दिया जाएगा. 3000 रुपए का पहला लाभ इलाज के समय अग्रिम के रूप में दिया जाएगा जबकि 3000 रुपए का दूसरा लाभ इलाज के 84 दिन पूरे होने पर दिया जाएगा. बताया कि जिन मरीजों का इलाज 6 माह से अधिक चलेगा उन्हें 1000 रुपए प्रति माह का नया लाभ दिया जाएगा. डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी के इलाज के लिए देश में 5 सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स चिन्हित किए गए हैं. इनमें एक सेंटर केजीएमयू का रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग है.
आयुष्मान भारत डिजीटल मिशन रैंकिंग में लखनऊ शीर्ष स्थान परः आयुष्मान भारत डिजीटल मिशन की मंगलवार को जारी रैंकिंग में लखनऊ को पूरे देश में पहले पायदान पर रखा गया है. नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने सोशल मीडिया के अपने आधिकारिक पेज पर इसका ऐलान किया है. लखनऊ में योजना के नोडल डॉ. एपी सिंह के मुताबिक आयुष्मान योजना के तहत चलने वाले डिजीटल मिशन में मरीजों के साथ निजी अस्पताल, वहां काम करने वाले डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और पैरा मेडिकल स्टाफ का रजिस्ट्रेशन कराना होता है. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के मुताबिक लखनऊ को निजी अस्पतालों में एक लाख मरीजों के रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य दिया गया था जो पूरा हो गया. इसके अलावा निजी अस्पतालों की सबसे ज्यादा आईडी जारी करने में लखनऊ पहले नंबर पर रहा.
टीबी मरीजों के लिए खुशखबरी: अब 500 की जगह मिलेगा 1000 रुपए भत्ता, किस माह से मिलेगा जानिए
भारत सरकार की ओर से जारी किया गया आदेश, यूपी के टीबी मरीजों को मिलेगा लाभ
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Oct 9, 2024, 7:58 AM IST
|Updated : Oct 9, 2024, 9:31 AM IST
लखनऊ: टीबी (TB) मरीजों के लिए खुशखबरी है. अब उनका पोषण भत्ता दोगुना कर दिया गया है. भारत सरकार ने इसका आदेश जारी कर दिया है. 1 नवंबर से नई व्यवस्था लागू की जाएगी. अब हर तीन-तीन माह पर एकमुश्त किस्त सीधे मरीज के खाते में भेजी जाएंगी.
टीबी उन्मूलन में जुटी सरकारः केजीएमयू रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि टीबी उन्मूलन को ताकत देने के लिए पोषण भत्ते में वृद्धि की गई है. अभी टीबी मरीजों को 500 रुपए प्रतिमाह प्रदान किया जा रहा है. टीबी के खात्मे के लिए भारत सरकार ने पोषण भत्ते की राशि दोगुना करने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि कुपोषण से टीबी का जोखिम बढ़ता है. टीबी से कमजोरी बढ़ती है. वजन घटता है. मरीज की तबीयत भी बिगड़ जाती है. बेहतर पोषण से टीबी मरीजों की मृत्यु दर में कम लाने में मदद मिल रही है लिहाजा भारत सरकार ने 500 की जगह 1000 रुपए प्रतिमाह टीबी मरीजों को पोषण भत्ता कर दिया है. सभी नए टीबी व पुराने मरीजों को इसका लाभ मिलेगा.
कब मिलेगी किस्तः यह प्रोत्साहन 3000 रुपए की दो बराबर किस्तों में दिया जाएगा. 3000 रुपए का पहला लाभ इलाज के समय अग्रिम के रूप में दिया जाएगा जबकि 3000 रुपए का दूसरा लाभ इलाज के 84 दिन पूरे होने पर दिया जाएगा. बताया कि जिन मरीजों का इलाज 6 माह से अधिक चलेगा उन्हें 1000 रुपए प्रति माह का नया लाभ दिया जाएगा. डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी के इलाज के लिए देश में 5 सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स चिन्हित किए गए हैं. इनमें एक सेंटर केजीएमयू का रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग है.
आयुष्मान भारत डिजीटल मिशन रैंकिंग में लखनऊ शीर्ष स्थान परः आयुष्मान भारत डिजीटल मिशन की मंगलवार को जारी रैंकिंग में लखनऊ को पूरे देश में पहले पायदान पर रखा गया है. नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने सोशल मीडिया के अपने आधिकारिक पेज पर इसका ऐलान किया है. लखनऊ में योजना के नोडल डॉ. एपी सिंह के मुताबिक आयुष्मान योजना के तहत चलने वाले डिजीटल मिशन में मरीजों के साथ निजी अस्पताल, वहां काम करने वाले डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और पैरा मेडिकल स्टाफ का रजिस्ट्रेशन कराना होता है. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के मुताबिक लखनऊ को निजी अस्पतालों में एक लाख मरीजों के रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य दिया गया था जो पूरा हो गया. इसके अलावा निजी अस्पतालों की सबसे ज्यादा आईडी जारी करने में लखनऊ पहले नंबर पर रहा.