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जानें, किसे कहते हैं झारखंड की सिल्क सिटी, पीएम मोदी को भेंट की गयी थी यहां की शॉल! - TASAR SILK

कपड़ों में तसर सिल्क की बात ही निराली है. झारखंड का ये गांव, जहां की शॉल पीएम को भी भेंट की गयी थी.

Tasar silk business in Bhagaiya village of Godda district
देवघर में सिल्क के कपड़ों का स्टॉल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 13, 2025, 5:51 PM IST

देवघर: झारखंड का पड़ोसी राज्य बिहार का भागलपुर जिला का नाम सिल्क सिटी है, जो पूरे देश में विख्यात है. लेकिन क्या आपको पता है झारखंड का एक ऐसा गांव है जो सिल्क उत्पादन में भागलपुर से आगे निकल रहा है. ये गांव भागलपुर के पास झारखंड के गोड्डा और देवघर जिला के सीमा पर है.

गोड्डा जिला का भगैया गांव में उत्पादन होने वाला तसर सिल्क प्रख्यात है. इस सिल्क से बने कपड़े को लोग बड़े शौक से पहनते हैं. हाल फिलहाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने भगैया सिल्क की चादर उपहार के रूप में दिया था.

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4 अप्रैल 2024 को पीएम के देवघर आगमन पर शॉल भेंट करते सांसद (सांसद निशिकांत दुबे ट्वीट)

इन दिनों देवघर में पुस्तक मेला में लगा है. जिसमें भगैया सिल्क का स्टॉल लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. मेला घूमने आए लोगों ने कहा कि इस मेले में जो सिल्क के कपड़े मिल रहे हैं. वह सिल्क के कपड़े देश के बड़े-बड़े शहरों में यहां के दर की तुलना में बहुत ज्यादा दर पर मिलते हैं. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में जानें, भगैया गांव के सिल्क की कहानी और क्या कहते हैं कारोबारी और बुनकर.

देवघर के बीएड कॉलेज में पुस्तक मेला के स्टॉल में लगे सिल्क के चादर और विभिन्न डिजाइन के कपड़ों को बुनने वाले बुनकरों ने कहा कि इस क्षेत्र में सैकड़ों बुनकर परिवार रहते हैं और उनका जीवन इसी कारोबार से चलता है. बुनकर आलोक और ऋतिक पटवा ने कहा कि अगर गोड्डा और संथाल क्षेत्र के तसर सिल्क का प्रचार-प्रसार किया जाए तो ज्यादा से ज्यादा कारोबारी इस क्षेत्र में आकर अपना पूंजी निवेश करना चाहेंगे.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः भगैया गांव के सिल्क की बात निराली (ETV Bharat)

सिल्क का व्यापार करने वाले विजय भारती ने कहा कि भगैया गांव के कारीगर इतने दक्ष हैं कि तसर सिल्क से विभिन्न तरह के डिजाइनदार कपड़ों का निर्माण अपने घर में ही करते हैं. इस क्षेत्र में सरकार द्वारा सिल्क बनाने के बेहतर मशीन और अन्य उपकरण दिए जाएं तो झारखंड में रह रहे हजारों बुनकर परिवार अपने जीवन स्तर को और भी अच्छा कर पाएंगे.

वहीं गोड्डा और देवघर के इलाकों में रहने वाले बुनकरों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार सिल्क से जुड़ी विभिन्न योजनाएं चला तो रही हैं. लेकिन इसका लाभ धरातल पर बुनकरों या उससे जुड़े कारोबारियों को नहीं मिल रहा है.

इसे भी पढ़ें- युवा पीढ़ी तक पहुंचे एप्लिक कुंडा कला, संरक्षित करने में जुटी उषा और विनीता! - APPLIQUE KUNDA ART

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इसे भी पढ़ें- गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में दिखेगी दुमका में उत्पादित तसर सिल्क की झांकी, उपायुक्त ने पूरी टीम को दी बधाई - दुमका तसर सिल्क

देवघर: झारखंड का पड़ोसी राज्य बिहार का भागलपुर जिला का नाम सिल्क सिटी है, जो पूरे देश में विख्यात है. लेकिन क्या आपको पता है झारखंड का एक ऐसा गांव है जो सिल्क उत्पादन में भागलपुर से आगे निकल रहा है. ये गांव भागलपुर के पास झारखंड के गोड्डा और देवघर जिला के सीमा पर है.

गोड्डा जिला का भगैया गांव में उत्पादन होने वाला तसर सिल्क प्रख्यात है. इस सिल्क से बने कपड़े को लोग बड़े शौक से पहनते हैं. हाल फिलहाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने भगैया सिल्क की चादर उपहार के रूप में दिया था.

tasar-silk-business-in-bhagaiya-village-of-godda-district
4 अप्रैल 2024 को पीएम के देवघर आगमन पर शॉल भेंट करते सांसद (सांसद निशिकांत दुबे ट्वीट)

इन दिनों देवघर में पुस्तक मेला में लगा है. जिसमें भगैया सिल्क का स्टॉल लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. मेला घूमने आए लोगों ने कहा कि इस मेले में जो सिल्क के कपड़े मिल रहे हैं. वह सिल्क के कपड़े देश के बड़े-बड़े शहरों में यहां के दर की तुलना में बहुत ज्यादा दर पर मिलते हैं. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में जानें, भगैया गांव के सिल्क की कहानी और क्या कहते हैं कारोबारी और बुनकर.

देवघर के बीएड कॉलेज में पुस्तक मेला के स्टॉल में लगे सिल्क के चादर और विभिन्न डिजाइन के कपड़ों को बुनने वाले बुनकरों ने कहा कि इस क्षेत्र में सैकड़ों बुनकर परिवार रहते हैं और उनका जीवन इसी कारोबार से चलता है. बुनकर आलोक और ऋतिक पटवा ने कहा कि अगर गोड्डा और संथाल क्षेत्र के तसर सिल्क का प्रचार-प्रसार किया जाए तो ज्यादा से ज्यादा कारोबारी इस क्षेत्र में आकर अपना पूंजी निवेश करना चाहेंगे.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः भगैया गांव के सिल्क की बात निराली (ETV Bharat)

सिल्क का व्यापार करने वाले विजय भारती ने कहा कि भगैया गांव के कारीगर इतने दक्ष हैं कि तसर सिल्क से विभिन्न तरह के डिजाइनदार कपड़ों का निर्माण अपने घर में ही करते हैं. इस क्षेत्र में सरकार द्वारा सिल्क बनाने के बेहतर मशीन और अन्य उपकरण दिए जाएं तो झारखंड में रह रहे हजारों बुनकर परिवार अपने जीवन स्तर को और भी अच्छा कर पाएंगे.

वहीं गोड्डा और देवघर के इलाकों में रहने वाले बुनकरों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार सिल्क से जुड़ी विभिन्न योजनाएं चला तो रही हैं. लेकिन इसका लाभ धरातल पर बुनकरों या उससे जुड़े कारोबारियों को नहीं मिल रहा है.

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