भोजपुर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार 9 नवंबर को तरारी विधानसभा उपचुनाव में एनडीए के भाजपा प्रत्याशी विशाल प्रशांत के चुनाव प्रचार के लिए तरारी पहुंचे. जहां उन्होंने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुसलमानों को लेकर बड़ा बयान दिया. भाजपा के साथ ही गठबंधन में रहने की बात दोहरायी. मंच पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, बिहार के मंत्री विजय चौधरी, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह मौजूद रहे.
"हम लोगों ने मुस्लिम समुदाय के लिए काफी काम किया, मदरसों को सरकारी दर्जा दिया और उनके शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन दिया. और वो लोग (राजद और कांग्रेस) सिर्फ मुसलमानों का वोट लेते थे."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
मुस्लिम वोटरों से पूछे सवालः नीतीश कुमार ने मुस्लिम वोटरों पर निशाना साधते हुए उनके लिए किये गये कामों को याद दिलाया. उन्होंने कहा कि जितना हम लोगों ने मुसलमानों के लिए काम किया उतना कोई नहीं किया है. इसके बाद उन्होंने मुस्लिम वोटरों से सवाल भी पूछे कि मुसलमान क्यों दाय-बांय करते रहते हैं. उनका इशारा, एनडीए के बदले किसी ओर को वोट देने सा था. नीतीश कुमार ने राजद को मुसलमान विरोधी साबित करने का प्रयास करते हुए कहा जिसको वह लोग वोट देते हैं वह लोग क्या काम करते थे, किसी से छुपा हुआ नहीं है.
विशाल प्रशांत को जिताने की अपीलः नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग जब से सरकार में आए हैं, तब से दलित, महादलित, पिछड़ा,अति पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए लगातार काम कर रहे हैं. इसलिए इस बार तरारी में यहां के एनडीए प्रत्याशी विशाल प्रशांत को वोट दे कर जीत दिलवाएं. सभा को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए प्रत्याशी विशाल प्रशांत को विजयी माला पहनाया और लोगों से पूछे, किसको वोट देना है. सभी ने विशाल प्रशांत को वोट देने की बात कही.
अब कहीं नहीं जाना हैः जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए से अपने पुराने संबंधों को भी याद किया. नीतीश कुमार ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे. उन्होंने ही पहली बार उनको बिहार का मुख्यमंत्री बनाया. इस दौरान नीतीश कुमार ने राजद के साथ गठबंधन में जाने को अपनी गलती बताया, इसके लिए सॉरी भी कहा. उन्होंने कहा कि दो बार हमसे गलती हो गई. अब कहीं नहीं जाना है. इन्हीं लोगों के साथ रहना है और बिहार का विकास करना है.
कौन है विशाल प्रशांतः भाजपा प्रत्याशी विशाल प्रशांत बाहुबली सुनील पांडे के बेटे हैं. 2020 में सुनील पांडे ने तरारी से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. भाकपा माले के सुदामा प्रसाद से 13000 वोटों से हार गए था. भाजपा उम्मीदवार कौशल कुमार विद्यार्थी तीसरे नंबर पर रहे थे. सुदामा प्रसाद के सांसद बनने के कारण यह सीट खाली है. सुनील पांडे और उनके परिवार के सदस्य 2000 से 2020 तक 6 विधानसभा चुनाव में से चार बार जीत चुके हैं. अब उनके बेटे पर बीजेपी ने दांव लगाया है.
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