बोकारो: केंद्र और राज्य सरकार लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के तमाम दावे करती है. नेता इसका श्रेय लेने से नहीं कतराते. इसके बावजूद आज भी लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. ऐसा ही मामला चास प्रखंड के पिंड्राजोड़ा पंचायत के चौवाटांड़ में देखने को मिल रहा है.
लोग शुद्ध पेयजल के लिए तरसते नजर आ रहे हैं. नल जल योजना के तहत गांव के हर घर में नल पहुंचाया गया है, लेकिन नल में पानी नहीं है. नल भी पूरी तरह से उखड़ कर नष्ट हो गये हैं. नल जल के लिए टंकी बनाई गई है, वह भी पूरी तरह से बंद है. पानी टंकी के दरवाजे पर ताला लटका हुआ है.
ग्रामीण कई किलोमीटर दूर गंदे पानी में स्नान करने जाते हैं, जबकि गांव में एक सोलर वाटर टैंक है, जहां से पानी घर ले जाने के लिए गांव की महिलाएं और पुरुष घंटों इंतजार करते हैं.
गंदे पानी से नहाने को मजबूर लोग
लोगों का कहना है कि नल जल योजना पूरी तरह खत्म हो गयी है. बाहर से पानी लाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. नहाने के लिए गंदे पानी का प्रयोग करना पड़ता है. पानी की शिकायत कई बार स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि से लेकर सांसद, विधायक तक से की गयी, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
ग्रामीण का कहना है कि चुनाव आ रहे हैं, वोट पाने के लिए नेता पैर पकड़कर वोट मांगेंगे. जब वोट मिल जाएगा तो गायब हो जाएंगे. इसे लेकर लोगों में नाराजगी है. लोग चाहते हैं कि गांव में पानी की समस्या खत्म हो जाए.