ETV Bharat / state

बस्तर में भूकंप आने की क्या है वजह, भूगर्भशास्त्री ने दिए खतरनाक संकेत ! - earthquake in Bastar - EARTHQUAKE IN BASTAR

बस्तर में कुछ दिनों पहले भूकंप के झटके महसूस किए गए. इस बारे में ईटीवी भारत ने भूगर्भशास्त्र के जानकार से बातचीत की. आइए जानते हैं बस्तर में भूकंप आने के क्या कारण हैं ?

Cause of earthquake in Bastar
बस्तर में भूकंप के कारण
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 29, 2024, 8:04 PM IST

Updated : Apr 29, 2024, 11:13 PM IST

बस्तर में भूकंप के क्या है कारण ?

बस्तर: छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग घने जंगल, गुफा और अधोसंरचना से भरा हुआ है. यहां पिछले 4 सालों में 2 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के कारण बस्तरवासियों में भय का माहौल है. 4 साल पहले 4.0 की तीव्रता से भूकंप आया था. वहीं, कुछ दिनों पहले 2.6 की तीव्रता के झटके महसूस किए गए. बस्तर में लगातार भूकंप के झटके का मुख्य कारण बस्तर में बेतहाशा निर्माण कार्य होना है. ऐसा विशेषज्ञों का कहना है.

बस्तर के रॉक फोर्मेशन्स रोकता है प्राकृतिक आपदा: विशेषज्ञों की मानें तो बस्तर की प्रकृति के साथ छेड़छाड़ अधिक होना यहां आने वाले भूकंप का कारण है. इस बारे में ईटीवी भारत ने भूगर्भशास्त्र के जानकार अतितांशु शेखर झा से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "बस्तर में काफी स्टेबल रॉक फोर्मेशन्स है. बस्तर में चट्टानें और ग्रेनाइट है और यहां इंद्रावती नदी है. ये सभी चीजें बस्तर में स्टेबल रॉक फोर्मेशन्स बनाते हैं. इस कारण लंबे समय से बस्तर में कोई बड़ी भूगर्भीय हलचल नहीं हुई है. बस्तर के क्षेत्र में 2 चीजें तेजी से हो रही है. बस्तर के रॉक फोर्मेशन्स में कार्बोनेट शिलाएं हैं. कार्बोनेट शिलाओं में यदि पानी जाता है, तो वो घुलने लगती है. कांगेर वैली नेशनल पार्क में काफी गुफाएं जमीन के अंदर है. यदि जमीन के अंदर गुफाएं टूट जाती है, तो भूकंप आने की संभावनाएं बन सकती है."

प्रकृति से न करें छेड़छाड़: भूगर्भशास्त्र के जानकार अतितांशु शेखर झा ने आगे कहा कि, "इसके अलावा जगदलपुर में पिछले 2-3 दशकों में काफी अधिक मात्रा में निर्माण काम हुए हैं. कई मकानों का निर्माण, कॉलोनी, बड़े-बड़े बिल्डिंग, NMDC स्टील प्लांट जैसे निर्माण कार्य हुए हैं. इसके कारण जमीन का संतुलन हल्का बिगड़ा है. इसको री एडजस्ट करने के दौरान दबाव बनता है. दबाव के कारण छोटी हलचल होती है. इस कारण पिछले 4 सालों में 2 बार बस्तर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. विकास कार्य के निर्माण को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन जितना अधिक हो वे प्रकृति से अधिक छेड़छाड़ के बगैर विकास कार्य करें तो भूकंप आने की संभावना कम हो जाएगी. वर्ना प्रकृति से छेड़छाड़ करने पर लोगों को भूकंप का दंश झेलना पड़ेगा."

यानी कि अगर प्रकृति के साथ बस्तर में छोड़छाड़ नहीं किया गया तो प्राकृतिक आपदा से बचा जा सकेगा. लेकिन प्रकृति से छेड़छाड़ करने पर यहां भूकंप की संभावना बढ़ जाएगी.

बस्तर के जगदलपुर में भूकंप के झटके, घरों से बाहर निकले लोग - Earthquake In Bastar
दिल्ली एनसीआर सहित पाकिस्तान अफगानिस्तान में महसूस किये गये भूकंप के झटके
छत्तीसगढ़ में आए भूकंप पर वैज्ञानिकों ने क्या कहा, जानिए कहां था इसका केंद्र ?

बस्तर में भूकंप के क्या है कारण ?

बस्तर: छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग घने जंगल, गुफा और अधोसंरचना से भरा हुआ है. यहां पिछले 4 सालों में 2 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के कारण बस्तरवासियों में भय का माहौल है. 4 साल पहले 4.0 की तीव्रता से भूकंप आया था. वहीं, कुछ दिनों पहले 2.6 की तीव्रता के झटके महसूस किए गए. बस्तर में लगातार भूकंप के झटके का मुख्य कारण बस्तर में बेतहाशा निर्माण कार्य होना है. ऐसा विशेषज्ञों का कहना है.

बस्तर के रॉक फोर्मेशन्स रोकता है प्राकृतिक आपदा: विशेषज्ञों की मानें तो बस्तर की प्रकृति के साथ छेड़छाड़ अधिक होना यहां आने वाले भूकंप का कारण है. इस बारे में ईटीवी भारत ने भूगर्भशास्त्र के जानकार अतितांशु शेखर झा से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "बस्तर में काफी स्टेबल रॉक फोर्मेशन्स है. बस्तर में चट्टानें और ग्रेनाइट है और यहां इंद्रावती नदी है. ये सभी चीजें बस्तर में स्टेबल रॉक फोर्मेशन्स बनाते हैं. इस कारण लंबे समय से बस्तर में कोई बड़ी भूगर्भीय हलचल नहीं हुई है. बस्तर के क्षेत्र में 2 चीजें तेजी से हो रही है. बस्तर के रॉक फोर्मेशन्स में कार्बोनेट शिलाएं हैं. कार्बोनेट शिलाओं में यदि पानी जाता है, तो वो घुलने लगती है. कांगेर वैली नेशनल पार्क में काफी गुफाएं जमीन के अंदर है. यदि जमीन के अंदर गुफाएं टूट जाती है, तो भूकंप आने की संभावनाएं बन सकती है."

प्रकृति से न करें छेड़छाड़: भूगर्भशास्त्र के जानकार अतितांशु शेखर झा ने आगे कहा कि, "इसके अलावा जगदलपुर में पिछले 2-3 दशकों में काफी अधिक मात्रा में निर्माण काम हुए हैं. कई मकानों का निर्माण, कॉलोनी, बड़े-बड़े बिल्डिंग, NMDC स्टील प्लांट जैसे निर्माण कार्य हुए हैं. इसके कारण जमीन का संतुलन हल्का बिगड़ा है. इसको री एडजस्ट करने के दौरान दबाव बनता है. दबाव के कारण छोटी हलचल होती है. इस कारण पिछले 4 सालों में 2 बार बस्तर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. विकास कार्य के निर्माण को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन जितना अधिक हो वे प्रकृति से अधिक छेड़छाड़ के बगैर विकास कार्य करें तो भूकंप आने की संभावना कम हो जाएगी. वर्ना प्रकृति से छेड़छाड़ करने पर लोगों को भूकंप का दंश झेलना पड़ेगा."

यानी कि अगर प्रकृति के साथ बस्तर में छोड़छाड़ नहीं किया गया तो प्राकृतिक आपदा से बचा जा सकेगा. लेकिन प्रकृति से छेड़छाड़ करने पर यहां भूकंप की संभावना बढ़ जाएगी.

बस्तर के जगदलपुर में भूकंप के झटके, घरों से बाहर निकले लोग - Earthquake In Bastar
दिल्ली एनसीआर सहित पाकिस्तान अफगानिस्तान में महसूस किये गये भूकंप के झटके
छत्तीसगढ़ में आए भूकंप पर वैज्ञानिकों ने क्या कहा, जानिए कहां था इसका केंद्र ?
Last Updated : Apr 29, 2024, 11:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.