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होली खेलते समय आंखों को लेकर बरतें विशेष सावधानी, लापरवाही से जा सकती है रोशनी - Eye Care On Holi

Holi 2024: होली पर लोग रंगों में सराबोर हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी जरा सी लापरवाही उनके लिए मुसीबत सबब बन जाता है. पूरे शरीर में सबसे कोमल अंग हमारे आंख हैं, जिनका रंग खेलते वक्त हमें खास ख्याल रखना होता है, नहीं तो इसकी रौशनी भी जा सकती है. आइए जानते हैं कि आखिर अपनी आंखों को लेकर हमें क्या सावधानियां बरतनी है.

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निम्मी रानी
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निम्मी रानी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 25, 2024, 11:46 AM IST

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निम्मी रानी

पटना: होली पर रंग खेलने में खूब मजा आता है. लेकिन यही मजा, सजा में बदल सकता है, अगर रंग खेलते वक्त अपनी आंखों को लेकर विशेष सावधानियां नहीं बरती. हर जगह रंग, गुलाल, पानी, फूल से होली खेली जा रही है. लेकिन इसमें जरा सी भी लापरवाही आंखों की रोशनी छीन सकती है.

आंखों को बचाने के उपाय: पटना के दृष्टिकुंज नेत्रालय की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निम्मी रानी ने बताया कि होली उत्साह का त्यौहार है और सभी धूमधाम से इसे मानते हैं. लेकिन होली के हुड़दंग में अपने शरीर के सेंसिटिव ऑर्गन का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है. आंख हमारे शरीर के काफी सेंसिटिव ऑर्गन हैं और ऐसे में आंखों की सेहत के लिए जरूरी है कि हम ऑर्गेनिक रंग अबीर गुलाल की होली खेले.

केमिकल वाले रंग आंखों के लिए हानिकारक: उन्होंने बताया कि बाजार में कई केमिकल युक्त रंग हैं, जो आंखों में एलर्जी पैदा कर देते हैं और उस समय आंख मिचना आंखों के सेहत के लिए काफी नुकसानदाई हो सकता है. बाजार में गहरा रंग करने के लिए लीड और अन्य घातक केमिकल युक्त रंग और अबीर मिल रहे हैं. यह अंदर जाने के बाद आंखों में एलर्जी पैदा करते थे. आंखों में लालिमा बढ़ जाती है और रोशनी प्रभावित होती है. ऐसे में जरूरी है कि घर में तैयार किए हुए या केमिकल फ्री रंग-अबीर से होली खेले.

बच्चों को लेकर भी विशेष सावधानी: डॉ निम्मी रानी ने बताया कि इसके अलावा बच्चों को लेकर के भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. पानी वाले गुब्बारे से बच्चे होली खेलने से परहेज करें, क्योंकि कई बार पानी के गुब्बारे सीधे आंखों पर लग जाते हैं और काफी डैमेज कर देते हैं.

"पानी के गुब्बारे से आंखों पर जो डायरेक्ट चोट लगता है, उससे कई बार आंखों की पुतलियां डैमेज हो जाती हैं और रोशनी हमेशा के लिए खत्म हो जाती है. इसके अलावा जो लोग कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं, फैशन के तौर पर या जरूरत के अनुसार वह होली खेलते समय कॉन्टैक्ट लेंस उतार कर होली खेलें. होली खेलने समय यदि आंखों पर किसी प्रकार का कोई भी चश्मा लगाकर होली खेलते हैं तो बेहतर रहता है. इससे आंखों में रंग जाने का खतरा कम हो जाता है."- डॉ निम्मी रानी, नेत्र रोग विशेषज्ञ

आंखों में परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: डॉ निम्मी रानी ने बताया कि यदि आंखों में किसी रंग के जाने से एलर्जी हो रही है, खुजली, जलन या फिर आंखे लाल हो रही हैं तो तुरंत ठंडे सादे पानी से आंखों को धोए. आंखों में जलन है तो बर्फ से सिकाई करें. इसके अलावा आंखों की जनरल लुब्रिकेंट और आई ड्रॉप मिलते हैं, इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके बावजूद यदि आंखों में जलन से राहत नहीं मिल रही है तो तुरंत नजदीकी नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें.

ये भी पढ़ें: बेफिक्र होकर अपनों के संग मनाएं होली, रंग खेलते समय अपने स्किन को लेकर इन बातों का रखें विशेष ध्यान - Skin Care On Holi

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निम्मी रानी

पटना: होली पर रंग खेलने में खूब मजा आता है. लेकिन यही मजा, सजा में बदल सकता है, अगर रंग खेलते वक्त अपनी आंखों को लेकर विशेष सावधानियां नहीं बरती. हर जगह रंग, गुलाल, पानी, फूल से होली खेली जा रही है. लेकिन इसमें जरा सी भी लापरवाही आंखों की रोशनी छीन सकती है.

आंखों को बचाने के उपाय: पटना के दृष्टिकुंज नेत्रालय की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निम्मी रानी ने बताया कि होली उत्साह का त्यौहार है और सभी धूमधाम से इसे मानते हैं. लेकिन होली के हुड़दंग में अपने शरीर के सेंसिटिव ऑर्गन का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है. आंख हमारे शरीर के काफी सेंसिटिव ऑर्गन हैं और ऐसे में आंखों की सेहत के लिए जरूरी है कि हम ऑर्गेनिक रंग अबीर गुलाल की होली खेले.

केमिकल वाले रंग आंखों के लिए हानिकारक: उन्होंने बताया कि बाजार में कई केमिकल युक्त रंग हैं, जो आंखों में एलर्जी पैदा कर देते हैं और उस समय आंख मिचना आंखों के सेहत के लिए काफी नुकसानदाई हो सकता है. बाजार में गहरा रंग करने के लिए लीड और अन्य घातक केमिकल युक्त रंग और अबीर मिल रहे हैं. यह अंदर जाने के बाद आंखों में एलर्जी पैदा करते थे. आंखों में लालिमा बढ़ जाती है और रोशनी प्रभावित होती है. ऐसे में जरूरी है कि घर में तैयार किए हुए या केमिकल फ्री रंग-अबीर से होली खेले.

बच्चों को लेकर भी विशेष सावधानी: डॉ निम्मी रानी ने बताया कि इसके अलावा बच्चों को लेकर के भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. पानी वाले गुब्बारे से बच्चे होली खेलने से परहेज करें, क्योंकि कई बार पानी के गुब्बारे सीधे आंखों पर लग जाते हैं और काफी डैमेज कर देते हैं.

"पानी के गुब्बारे से आंखों पर जो डायरेक्ट चोट लगता है, उससे कई बार आंखों की पुतलियां डैमेज हो जाती हैं और रोशनी हमेशा के लिए खत्म हो जाती है. इसके अलावा जो लोग कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं, फैशन के तौर पर या जरूरत के अनुसार वह होली खेलते समय कॉन्टैक्ट लेंस उतार कर होली खेलें. होली खेलने समय यदि आंखों पर किसी प्रकार का कोई भी चश्मा लगाकर होली खेलते हैं तो बेहतर रहता है. इससे आंखों में रंग जाने का खतरा कम हो जाता है."- डॉ निम्मी रानी, नेत्र रोग विशेषज्ञ

आंखों में परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: डॉ निम्मी रानी ने बताया कि यदि आंखों में किसी रंग के जाने से एलर्जी हो रही है, खुजली, जलन या फिर आंखे लाल हो रही हैं तो तुरंत ठंडे सादे पानी से आंखों को धोए. आंखों में जलन है तो बर्फ से सिकाई करें. इसके अलावा आंखों की जनरल लुब्रिकेंट और आई ड्रॉप मिलते हैं, इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके बावजूद यदि आंखों में जलन से राहत नहीं मिल रही है तो तुरंत नजदीकी नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें.

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