नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़ी साजिश के मामले के आरोपी ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी है. एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेयी ने यह आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि तथ्यों और साक्ष्यों को देखने के बाद, आरोपी को यूएपीए के तहत जमानत नहीं दी जा सकती है.
इस मामले में चार आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें सफूरा जरगर, ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं. इनमें सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है.
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वहीं ताहिर हुसैन के खिलाफ दिल्ली दंगों में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी चल रहा है. ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया है. ईडी ने कहा कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई. ईडी के मुताबिक, ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की. दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया. इस मामले के सह-आरोपी अमित गुप्ता सरकारी गवाह बन चुका है.
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