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खाट पर सिस्टम! यहां सड़क के अभाव में मरीज को ऐसे पहुंचाया जाता है अस्पताल - System On Cot

Road problem in Latehar. लातेहार के कई गांव में अब तक विकास की किरण नहीं पहुंची है. हालत यह है कि कई गांव अब तक सड़क से नहीं जुड़ी है. इस कारण मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में परेशानी होती है. इमरजेंसी में मरीज को खाट पर टांगकर अस्पताल पहुंचाया जाता है.

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गर्भवती महिला को खाट पर टांगकर ले जाते ग्रामीण. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 28, 2024, 6:39 PM IST

लातेहारः जिले के महुआडांड़ प्रखंड में आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां बुनियादी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं हैं. हालत यह है कि कई गांव के ग्रामीणों को एक अदद पक्की सड़क भी नसीब नहीं है. इस कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है. खासकर जब मरीज को अस्पताल पहुंचाना होता है तो खाट पर टांग कर ले जाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता है.

गर्भवती महिला को खाट पर टांगकर ले जाते ग्रामीण. (वीडियो-ईटीवी भारत)

खाट पर टांगकर महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया

प्रखंड के तिसिया गांव के खुटीकरम टोला में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां गांव की एक गर्भवती महिला को खाट पर टांग कर ग्रामीणों ने आठ किलोमीटर का सफर तय कर उसे एंबुलेंस तक पहुंचाया. इसके बाद महिला को अस्पताल पहुंचाया जा सका. हालांकि ऊपर वाले का शुक्र रहा कि महिला समय पर अस्पताल पहुंच गई और उसका सुरक्षित प्रसव हो सका.

गांव में सड़क नहीं रहने से नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस

दरअसल, महुआडांड़ प्रखंड के तिसिया गांव के खुटीकरम गांव निवासी एक आदिम जनजाति महिला को प्रसव पीड़ा के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों से संपर्क किया. स्वास्थ्य कर्मियों से एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गई, लेकिन महिला के गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं होने के कारण गांव तक एंबुलेंस का पहुंचना संभव नहीं था.

इस कारण गांव से आठ किलोमीटर पहले एंबुलेंस खड़ी हो गई. इसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने महिला के परिजन के साथ मिलकर खाट पर टांग कर महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया. फिर एंबुलेंस से महिला को महुआडांड़ अस्पताल लाया गया. जहां महिला का सुरक्षित प्रसव हो सका और उसने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया.

ग्रामीणों को हमेशा होती है परेशानी

इधर, महिला के पति उदेश्वर कोरबा ने बताया कि उनके गांव तक पहुंचने के लिए आज तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है. गांव तक पहुंचने के लिए अभी भी ग्रामीणों को दो पहाड़ी नदियों को पार करना पड़ता है. बरसात के मौसम में गांव तक कोई भी गाड़ी नहीं पहुंच पाती है.

उन्होंने बताया कि जब उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने लगी तो किसी प्रकार सहिया दीदी को इसकी सूचना दी गई. सहिया दीदी के प्रयास से एंबुलेंस तो उपलब्ध हो गई थी, परंतु गांव तक एंबुलेंस पहुंचना असंभव था. इसी कारण खाट पर टांग कर पत्नी को 8 किलोमीटर पैदल चलकर एंबुलेंस तक लाए. इसके बाद एंबुलेंस के सहारे अस्पताल तक पहुंचे. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी को जुड़वा बच्चे हुए हैं. दोनों बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं.

महुआडांड़ में बनायी जाएगी सड़कः विधायक प्रतिनिधि

इधर, इस संबंध में मनिका विधायक रामचंद्र सिंह के विधायक प्रतिनिधि हरिशंकर यादव ने बताया कि विधायक रामचंद्र सिंह ने अपने कार्यकाल में महुआडांड़ प्रखंड में पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान अनेक सड़कों का निर्माण कराया है. कई सड़कों का अभी टेंडर भी हो गया है. जिसका निर्माण कार्य जल्द ही आरंभ कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कुछ एक गांव तक यदि सड़क नहीं पहुंच पाई है तो आने वाले कुछ दिनों में वहां सड़क निर्माण करा दी जाएगी.

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गर्भवती महिला को खाट पर टांगकर ले जाते ग्रामीण. (वीडियो-ईटीवी भारत)

खाट पर टांगकर महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया

प्रखंड के तिसिया गांव के खुटीकरम टोला में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां गांव की एक गर्भवती महिला को खाट पर टांग कर ग्रामीणों ने आठ किलोमीटर का सफर तय कर उसे एंबुलेंस तक पहुंचाया. इसके बाद महिला को अस्पताल पहुंचाया जा सका. हालांकि ऊपर वाले का शुक्र रहा कि महिला समय पर अस्पताल पहुंच गई और उसका सुरक्षित प्रसव हो सका.

गांव में सड़क नहीं रहने से नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस

दरअसल, महुआडांड़ प्रखंड के तिसिया गांव के खुटीकरम गांव निवासी एक आदिम जनजाति महिला को प्रसव पीड़ा के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों से संपर्क किया. स्वास्थ्य कर्मियों से एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गई, लेकिन महिला के गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं होने के कारण गांव तक एंबुलेंस का पहुंचना संभव नहीं था.

इस कारण गांव से आठ किलोमीटर पहले एंबुलेंस खड़ी हो गई. इसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने महिला के परिजन के साथ मिलकर खाट पर टांग कर महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया. फिर एंबुलेंस से महिला को महुआडांड़ अस्पताल लाया गया. जहां महिला का सुरक्षित प्रसव हो सका और उसने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया.

ग्रामीणों को हमेशा होती है परेशानी

इधर, महिला के पति उदेश्वर कोरबा ने बताया कि उनके गांव तक पहुंचने के लिए आज तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है. गांव तक पहुंचने के लिए अभी भी ग्रामीणों को दो पहाड़ी नदियों को पार करना पड़ता है. बरसात के मौसम में गांव तक कोई भी गाड़ी नहीं पहुंच पाती है.

उन्होंने बताया कि जब उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने लगी तो किसी प्रकार सहिया दीदी को इसकी सूचना दी गई. सहिया दीदी के प्रयास से एंबुलेंस तो उपलब्ध हो गई थी, परंतु गांव तक एंबुलेंस पहुंचना असंभव था. इसी कारण खाट पर टांग कर पत्नी को 8 किलोमीटर पैदल चलकर एंबुलेंस तक लाए. इसके बाद एंबुलेंस के सहारे अस्पताल तक पहुंचे. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी को जुड़वा बच्चे हुए हैं. दोनों बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं.

महुआडांड़ में बनायी जाएगी सड़कः विधायक प्रतिनिधि

इधर, इस संबंध में मनिका विधायक रामचंद्र सिंह के विधायक प्रतिनिधि हरिशंकर यादव ने बताया कि विधायक रामचंद्र सिंह ने अपने कार्यकाल में महुआडांड़ प्रखंड में पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान अनेक सड़कों का निर्माण कराया है. कई सड़कों का अभी टेंडर भी हो गया है. जिसका निर्माण कार्य जल्द ही आरंभ कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कुछ एक गांव तक यदि सड़क नहीं पहुंच पाई है तो आने वाले कुछ दिनों में वहां सड़क निर्माण करा दी जाएगी.

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