ETV Bharat / state

यूपी में स्वाइन फ्लू की एंट्री; आगरा में मुजफ्फरनगर की महिला में मिला इन्फ्लूएंजा एच1एन1 वायरस - Swine Flu in Agra

महिला के इलाज के लिए डॉक्टर्स और कर्मचारियों की अलग से टीम लगाई गई है, जो मास्क और ग्लब्स पहन कर उपचार कर रहे हैं. 5 साल बाद आगरा में पहला स्वाइन फ्लू का मामला आया है. इससे पहले 2019 में स्वाइन फ्लू के 227 केस मिले थे.

Etv Bharat
आगरा में मुजफ्फरनगर की महिला में मिला इन्फ्लूएंजा एच1एन1 वायरस. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 16, 2024, 8:30 AM IST

आगरा: ताजनगरी आगरा में एक महिला में स्वाइन फ्लू (इन्फ्लूएंजा एच 1 एन 1) की पुष्टि हुई है. महिला मुजफ्फरनगर की है, जो अपनी बेटी के घर आगरा के सिकंदरा क्षेत्र में आई थी. निजी लैब की जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने पर महिला को रविवार को निजी अस्पताल से एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. जहां पर महिला को आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है.

महिला के इलाज के लिए डॉक्टर्स और कर्मचारियों की अलग से टीम लगाई गई है, जो मास्क और ग्लब्स पहन कर उपचार कर रहे हैं. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि, 5 साल बाद आगरा में पहला स्वाइन फ्लू का मामला आया है. मरीज की अब एसएन मेडिकल कॉलेज में जांच कराई जाएगी. इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को सूचना दे दी गई है.

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी 55 वर्षीय महिला सात दिन पहले आगरा आई थी. सिकंदरा क्षेत्र में अपनी बेटी के घर रह रही थी. महिला को बुखार आया, जो उतर नहीं रहा था. जिस पर उसे तीन दिन पहले हरीपर्वत क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

महिला को तेज बुखार के साथ ही सांस लेने में परेशानी और निमोनिया था. इस पर उसकी निजी लैब से स्वाइन फ्लू की जांच कराई गई तो रविवार दोपहर दो बजे स्वाइन फ्लू (इन्फ्लूएंजा एच 1 एन 1) होने की पुष्टि हुई. इस पर निजी अस्पताल से महिला को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी के आइसोलेशन रूम में भर्ती करके आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. महिला मरीज को टेमीफ्लू दी जा रही है.

स्वाइन फ्लू के लक्षण

  • ए - मामूली खांसी-जुकाम बुखार
  • बी 1 - तेज बुखार, सर्दी जुकाम
  • बी 2 - खांसी जुकाम व तेज बुखार
  • सी सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, लिवर में समस्या.

परिजन और डॉक्टर्स की भी कराई जाएगी जांच: सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि महिला मरीज के परिजन को मास्क लगाकर रहने के लिए कहा गया है. मरीज के मुंह और नाक से स्लैब लेकर एसएन की माइक्रोबायोलाजी लैब में जांच कराई जाएगी. इसके साथ ही मरीज के संपर्क में आए परिजन समेत अन्य लोग और अस्पताल में इलाज करने वाले डॉक्टर समेत कर्मचारियों की भी जांच कराई जाएगी. जिससे संक्रमण ना फैल सके.

ब्योरा न देने पर लैब का पंजीकरण होगा निरस्त: बता दें कि फिरोजाबाद के दो मरीजों में निजी लैब की जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी. इसमें से एक मरीज की मौत हो गई थी. मगर, निजी लैब और हॉस्पिटल संचालक ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना नहीं दी गई थी. आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि निजी लैब को स्वाइन फ्लू संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने पर नाम सहित अन्य ब्योरा देने, पुष्टि होने पर सैंपल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा न करने पर पंजीकरण निरस्त किया जाएगा. हॉस्पिटल संचालकों को भी ब्योरा देना है. इनके खिलाफ भी ब्योरा न देने पर कार्रवाई की जाएगी.

2019 में मिले थे 227 मरीज: आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि आगरा में 2019 में सबसे ज्यादा 227 स्वाइन फ्लू के मरीज मिले थे. इसके बाद कोरोना का संक्रमण फैला. स्वाइन फ्लू के केस आना बंद हो गए थे. जनता से अपील है कि, यदि कोई संदिग्ध मरीज है तो कंट्रोल रूम का नंबर 0562 2600412 पर कॉल करें.

छह फीट दूरी तक खतरा: एसएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. अंकुर गोयल ने बताया कि स्वाइन फ्लू संक्रमित के मुंह और नाक से निकलने वाले ड्रापलेट से संक्रमण फैलता है. इस बीमारी से संक्रमित मरीज के मुंह से निकलने वाली सूक्ष्म बूंदों से छह फीट तक बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है.

ये भी पढ़ेंः बनारस की मशरूम रानी वंध्या चौरसिया; 4 गमलों से 14 कमरों तक पहुंची खेती, 24 महिलाओं को दे रहीं रोजगार

आगरा: ताजनगरी आगरा में एक महिला में स्वाइन फ्लू (इन्फ्लूएंजा एच 1 एन 1) की पुष्टि हुई है. महिला मुजफ्फरनगर की है, जो अपनी बेटी के घर आगरा के सिकंदरा क्षेत्र में आई थी. निजी लैब की जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने पर महिला को रविवार को निजी अस्पताल से एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. जहां पर महिला को आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है.

महिला के इलाज के लिए डॉक्टर्स और कर्मचारियों की अलग से टीम लगाई गई है, जो मास्क और ग्लब्स पहन कर उपचार कर रहे हैं. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि, 5 साल बाद आगरा में पहला स्वाइन फ्लू का मामला आया है. मरीज की अब एसएन मेडिकल कॉलेज में जांच कराई जाएगी. इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को सूचना दे दी गई है.

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी 55 वर्षीय महिला सात दिन पहले आगरा आई थी. सिकंदरा क्षेत्र में अपनी बेटी के घर रह रही थी. महिला को बुखार आया, जो उतर नहीं रहा था. जिस पर उसे तीन दिन पहले हरीपर्वत क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

महिला को तेज बुखार के साथ ही सांस लेने में परेशानी और निमोनिया था. इस पर उसकी निजी लैब से स्वाइन फ्लू की जांच कराई गई तो रविवार दोपहर दो बजे स्वाइन फ्लू (इन्फ्लूएंजा एच 1 एन 1) होने की पुष्टि हुई. इस पर निजी अस्पताल से महिला को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी के आइसोलेशन रूम में भर्ती करके आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. महिला मरीज को टेमीफ्लू दी जा रही है.

स्वाइन फ्लू के लक्षण

  • ए - मामूली खांसी-जुकाम बुखार
  • बी 1 - तेज बुखार, सर्दी जुकाम
  • बी 2 - खांसी जुकाम व तेज बुखार
  • सी सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, लिवर में समस्या.

परिजन और डॉक्टर्स की भी कराई जाएगी जांच: सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि महिला मरीज के परिजन को मास्क लगाकर रहने के लिए कहा गया है. मरीज के मुंह और नाक से स्लैब लेकर एसएन की माइक्रोबायोलाजी लैब में जांच कराई जाएगी. इसके साथ ही मरीज के संपर्क में आए परिजन समेत अन्य लोग और अस्पताल में इलाज करने वाले डॉक्टर समेत कर्मचारियों की भी जांच कराई जाएगी. जिससे संक्रमण ना फैल सके.

ब्योरा न देने पर लैब का पंजीकरण होगा निरस्त: बता दें कि फिरोजाबाद के दो मरीजों में निजी लैब की जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी. इसमें से एक मरीज की मौत हो गई थी. मगर, निजी लैब और हॉस्पिटल संचालक ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना नहीं दी गई थी. आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि निजी लैब को स्वाइन फ्लू संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने पर नाम सहित अन्य ब्योरा देने, पुष्टि होने पर सैंपल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा न करने पर पंजीकरण निरस्त किया जाएगा. हॉस्पिटल संचालकों को भी ब्योरा देना है. इनके खिलाफ भी ब्योरा न देने पर कार्रवाई की जाएगी.

2019 में मिले थे 227 मरीज: आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि आगरा में 2019 में सबसे ज्यादा 227 स्वाइन फ्लू के मरीज मिले थे. इसके बाद कोरोना का संक्रमण फैला. स्वाइन फ्लू के केस आना बंद हो गए थे. जनता से अपील है कि, यदि कोई संदिग्ध मरीज है तो कंट्रोल रूम का नंबर 0562 2600412 पर कॉल करें.

छह फीट दूरी तक खतरा: एसएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. अंकुर गोयल ने बताया कि स्वाइन फ्लू संक्रमित के मुंह और नाक से निकलने वाले ड्रापलेट से संक्रमण फैलता है. इस बीमारी से संक्रमित मरीज के मुंह से निकलने वाली सूक्ष्म बूंदों से छह फीट तक बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है.

ये भी पढ़ेंः बनारस की मशरूम रानी वंध्या चौरसिया; 4 गमलों से 14 कमरों तक पहुंची खेती, 24 महिलाओं को दे रहीं रोजगार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.