मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ के निवासियों को सरकार ने दस साल पहले स्वीमिंग पूल का सौगात दिया था. इसके लिए सरकार की ओर से लाखों रूपये के बजट भी स्वीकृत किया गया और निर्माण कार्य भी शुरू हुआ. लेकिन नगर पालिका मनेंद्रगढ़ में सत्ता परिवर्तन और राजनीतिक खींचतान की वजह से यह प्रोजेक्ट आज तक अधूरा पड़ा हैं. पिछले दस सालों से यह प्रोजेक्ट भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच राजनीति का मुद्दा बना हुआ है. वहीं, इस प्रोजेक्ट को लेकर सवाल पूछने पर धर्मेन्द्र पटवा और राजकुमार केशरवानी एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हैं.
अधूरा पड़ा है स्पीमिंग पूल प्रोजेक्ट : छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान दस साल पहले जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में स्वीमिंग पूल निर्माण के लिए मनेंद्रगढ़ नगर पालिका को 1.11 करोड़ राशि आवंटित की गई. उस समय नगर पालिका मनेंद्रगढ़ के अध्यक्ष बीजेपी के धर्मेन्द्र पटवा थे. उन्होंने हसिया नदी के किनारे नगर पालिका पार्क के पास इसका निर्माण कार्य शुरू करवाया. लेकिन दस साल बीत जाने के बाद आज भी यह प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा है.
कांग्रेस शासन काल में भी शुरू नहीं हुआ काम : सत्ता बदलने के बाद नगर पालिका मनेंद्रगढ़ के अध्यक्ष कांग्रेस के राजकुमार केशरवानी बने. उनके कार्यकाल में इस परियोजना के लिए अतिरिक्त 50 लाख रुपए का प्रावधान हुआ. काम कुछ आगे बढ़ा ही था कि धर्मेन्द्र पटवा ने ठेकेदार को भुगतान को लेकर शिकायत दर्ज कराई और शिकायत के चलते निर्माण कार्य बंद हो गया. इस दौरान फाइलें एसडीएम कार्यालय व नगर पालिका कार्यालय के चक्कर काटती रही, लेकिन दोबारा निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका.
हमने सही तरीके से काम शुरू करवाया था. लेकिन कांग्रेस के समय गलत तरीके से भुगतान किया गया. ठेकेदार के स्वीमिंग पूल का काम शुरू करने, मशीने लगाने के बाद भुगतान किया जाना था. लेकिन ठेकेदार को काम शुरू करने से पहले ही भुगतान कर दिया गया. शिकायत करना मेरी जिम्मेदारी थी : धर्मेन्द्र पटवा, पूर्व नपा अध्यक्ष, मनेंद्रगढ़
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार : बीजेपी की ओर से मनेंद्रगढ़ के पूर्व नपा अध्यक्ष रहे धर्मेंद्र पटवा के आरोपों पर कांग्रेस के पूर्व नपा अध्यक्ष राजकुमार केशरवानी ने पलटवार किया है. राजकुमार केशरवानी ने बताया कि यहां स्वीमिंग पूल का टैंक भी नहीं बना था. यहां सिर्फ दो कमरे का निर्माण हुआ था. उसी समय धर्मेंद्र पटवा के द्वारा निविदा निकाली जाती है, जिसमें शर्त रखा जाता है कि सप्लाई के 90 दिन के अंदर भुगतान कर दिया जाएगा.
मैं उनसे जानना चाहता हूं कि जब निर्माण कार्य किसी तरह का हुआ ही नहीं था तो उन्होंने 40 लाफ रुपये की मशीन का ऑर्डर क्यों दिया. जब मैं नगर पालिका अध्यक्ष बना तो हमारा पावर छीन लिया गया. सारा भुगतान सीएमओ के द्वारा किया गया. उस समय भाजपा की सरकार थी. कई बार उसकी जांच कराई, उसके बाद यह हुआ कि जो आरोप लगा रहा है, उसी की सारी गलती है. फिर फाइल सही कर के वापस भेज दिया गया : राजकुमार केशरवानी, पूर्व नपा अध्यक्ष, मनेंद्रगढ़
कबाड़ बन रहा इंफ्रास्ट्रक्चर : स्वीमिंग पूल निर्माण स्थल पर चेंजिंग रूम, सड़क और कुछ मशीनें लगाई गई, जो समय के साथ कबाड़ में तब्दील हो रही है. नगर पालिका मनेंद्रगढ़ की वर्तमान अध्यक्ष प्रभा पटेल का कहना है कि एसडीएम कार्यालय से फाइल वापस आ गई है, सरकार से राशि मिलते ही काम शुरू होगा.
हम काम पूरा करना चाहते हैं, लेकिन सरकार से राशि का इंतजार है. फाइल हमारे पास है, राशि मिलते ही काम शुरू होगा. : प्रभा पटेल, नपा अध्यक्ष, मनेंद्रगढ़
राजनीति और भ्रष्टाचार में फंसा विकास कार्य : राजनीतिक खींचतान और भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण मनेंद्रगढ़ का यह प्रोजेक्ट अधर में लटका हुआ है. शहर के निवासियों को अब उम्मीद है कि जल्द ही इसे पूरा किया जाएगा. अगर यह स्वीमिंग पूल तैयार होता है तो मनेंद्रगढ़ के लोगों को एक बेहतरीन सुविधा मिलती. लेकिन अधूरे निर्माण और राजनीतिक खींचतान के चलते यह सपना अब तक अधूरा है.