बिलासपुर: निर्वाचन आयोग की ओर से देश में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए पिछले 15 सालों से लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसे लेकर SVEEP टीम की ओर से देश में सामाजिक संगठन, छात्र, शासकीय कर्मचारी और निजी कर्मचारियों के साथ मिलकर आम नागरिकों से वोटिंग की अपील की जाती है. साथ ही लोगों को बताया जाता है कि मतदान हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भी स्वीप टीम की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में वोटरों को मतदान के लिए जागरूक करने का काम किया जा रहा है. कई क्षेत्रों में वोटरों को मतदान के लिए शपथ भी दिलाई जा रही है.
स्वीप टीम कर रही वोटरों को जागरूक: दरअसल, देश के साथ ही छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के लिए मतदान किए जाएंगे. प्रदेश के सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से निर्वाचन आयोग स्वीप टीम की मदद से मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. इस कार्यक्रम के तहत शासकीय कर्मचारी, जिला निर्वाचन अधिकारी और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी और सदस्य मतदाता जागरूकता अभियान से जुड़ रहे हैं. मतदाता को जागरुक करने के मकसद से कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
ग्रामीण इलाकों में होता है अधिक मतदान: इस बारे में ईटीवी भारत ने बिलासपुर जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी अवनीश शरण से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "स्वीप कार्यक्रम के तहत जिले में लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से लगातार मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में आम नागरिकों की सहभागिता रहती है. बड़ी संख्या में लोग इस कार्यक्रम में शामिल होकर मतदान करने की शपथ लेते हैं."
जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर ने बताया कि पिछले चुनाव में देखा गया है कि शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत अच्छा रहता है. ग्रामीण क्षेत्रों में 65 से 70% तक मतदान होते हैं. वहीं, शहरी इलाकों की अगर बात करें तो शहरी क्षेत्र में मतदान को लेकर आम नागरिक जागरूक नहीं है. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत पूरे बिलासपुर जिले का 56 प्रतिशत था. वहां भी सबसे ज्यादा वोटिंग ग्रामीण इलाकों में की गई है. ग्रामीण इलाकों में मतदाता सुबह से ही लाइन लगाकर मतदान करते हैं, लेकिन शहरी क्षेत्र में वैसी भीड़ नहीं होती, जैसी ग्रामीण इलाकों में होती है."
मतदान करने के लिए ग्रामीण अधिक जागरूक हैं, लेकिन शहरी क्षेत्र के लोग मतदान करने नहीं निकलते. जो मतदान होता है उसमें भी उनकी संख्या कम रहती है. अक्सर देखा गया है कि हाई प्रोफाइल और बड़े लोग मतदान के लिए जागरूक नहीं है. मतदान केंद्र में भीड़ होने की वजह से वह बिना मतदान किए ही लौट जाते है, ऐसे में शहरीय क्षेत्रों में मतदान के लिए जनजागरुकता अभियान तेजी से चलाया जा रहा है -अवनीश शरण, जिला निर्वाचन अधिकारी, बिलासपुर
पिछले चुनाव में हुई 65 फीसद वोटिंग: बात अगर साल 2023 के विधानसभा चुनाव की करें तो छत्तीसगढ़ में 60–65 फीसद ही मतदान हो पाया था. ऐसे में स्वीप टीम की ओर से वोटरों को मतदान के लिए जागरूक करने का काम किया जा रहा है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बिलासपुर लोकसभा सीट पर 65% मतदान हुआ था. यही कारण है कि स्वीप टीम ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में वोटरों को मतदान के लिए जागरूक कर रहा है.