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बच्चों को मौसमी बीमरियों से बचाना हो तो पिलाएं स्वर्णप्राशन, क्या है इसकी खासियत, जानिए - Suvarna Prashan in Raipur

स्वर्ण प्राशन बच्चों के लिए वरदान माना गया है. इसका उद्देश्य बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना है. आज पुष्य नक्षत्र पर रायपुर के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय में आज बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा. आइए जानें कि स्वर्ण प्राशन क्या है, स्वर्ण प्राशन संस्कार कितने साल के बच्चों का किया जाता है और स्वर्ण प्राशन के लाभ क्या हैं.

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 8, 2024, 8:36 AM IST

Updated : Jul 8, 2024, 10:12 AM IST

SUVARNA PRASHAN IN RAIPUR
स्वर्णप्राशन (ETV Bharat)

रायपुर : घर में जब नए मेहमान के रूप में बच्चे का जन्म होता है तो माता-पिता के साथ पूरा परिवार खुशियां मनाते हैं. ऐसे में माता-पिता अपने बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य और बीमारियों से बचाव के लिए कुछ प्राचीन संस्कारों को अपनाते हैं. ताकि उनका बच्चा निरोगी रहे और बीमारियों से लड़ने में सक्षम रहे. इसीलिए हर पुष्य नक्षत्र तिथि में परिजन बच्चों को स्वर्णप्राशन कराते हैं.

स्वर्ण प्राशन क्या है ? : बच्चों को आयुर्वेदिक जड़ी बुटियों से निर्मित एक रसायन पिलाया जाता है, जिसे स्वर्णप्राशन कहा जाता है. स्वर्णप्राशन हर माह की पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को पिलाई जाने वाली औषधि है. यह औषधि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, श्वसन संबंधी और अन्य रोगों से रक्षा करने के साथ ही एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाने में अत्यंत लाभकारी है. यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में भी मदद करता है. स्वर्ण प्राशन संस्कार (Suvarnaprashan Sanskar), सनातन धर्म के 16 प्राचीन संस्कारो में से एक है, जो बच्चों में होने वाली मौसमी बीमरियों से भी रक्षा करता है.

Importance of SUVARNAPRASHAN
स्वर्णप्राशन के लाभ (ETV Bharat)

किन औषधियों से बनता है स्वर्ण प्राशन : स्वर्ण प्राशन, स्वर्ण (सोना) के साथ शहर, ब्रह्माणी, अश्वगंधा, गिलोय, शंखपुष्पी, वचा जैसे जड़ी बुटियों से निर्मित किया जाता है. इसके सेवन से बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास बेहतर होता है. इस साल 8 जुलाई के साथ ही अन्य पुष्य नक्षत्र तिथियों 3 अगस्त, 30 अगस्त, 26 सितम्बर, 24 अक्टूबर, 20 नवम्बर और 18 दिसम्बर को भी स्वर्णप्राशन कराया जाएगा.

रायपुर में आज यहां कराया जाएगा स्वर्णप्राशन : रायपुर के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय में हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 साल के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाता है. इसी क्रम में 8 जुलाई यानी आज पुष्य नक्षत्र के अवसर पर चिकित्सालय के कौमारभृत्य बाल रोग विभाग में सुबह 9:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक स्वर्ण प्राशन का सेवन कराया जाएगा.

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स्वर्ण प्राशन क्या है ? : बच्चों को आयुर्वेदिक जड़ी बुटियों से निर्मित एक रसायन पिलाया जाता है, जिसे स्वर्णप्राशन कहा जाता है. स्वर्णप्राशन हर माह की पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को पिलाई जाने वाली औषधि है. यह औषधि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, श्वसन संबंधी और अन्य रोगों से रक्षा करने के साथ ही एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाने में अत्यंत लाभकारी है. यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में भी मदद करता है. स्वर्ण प्राशन संस्कार (Suvarnaprashan Sanskar), सनातन धर्म के 16 प्राचीन संस्कारो में से एक है, जो बच्चों में होने वाली मौसमी बीमरियों से भी रक्षा करता है.

Importance of SUVARNAPRASHAN
स्वर्णप्राशन के लाभ (ETV Bharat)

किन औषधियों से बनता है स्वर्ण प्राशन : स्वर्ण प्राशन, स्वर्ण (सोना) के साथ शहर, ब्रह्माणी, अश्वगंधा, गिलोय, शंखपुष्पी, वचा जैसे जड़ी बुटियों से निर्मित किया जाता है. इसके सेवन से बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास बेहतर होता है. इस साल 8 जुलाई के साथ ही अन्य पुष्य नक्षत्र तिथियों 3 अगस्त, 30 अगस्त, 26 सितम्बर, 24 अक्टूबर, 20 नवम्बर और 18 दिसम्बर को भी स्वर्णप्राशन कराया जाएगा.

रायपुर में आज यहां कराया जाएगा स्वर्णप्राशन : रायपुर के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय में हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 साल के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाता है. इसी क्रम में 8 जुलाई यानी आज पुष्य नक्षत्र के अवसर पर चिकित्सालय के कौमारभृत्य बाल रोग विभाग में सुबह 9:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक स्वर्ण प्राशन का सेवन कराया जाएगा.

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Last Updated : Jul 8, 2024, 10:12 AM IST
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