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खूंटी में कौन होगा कांग्रेस का उम्मीदवार, टिकट पाने की उम्मीद में हैं कई दावेदार, पार्टी की जीत का कर रहे हैं दावा

Khunti Lok Sabha seat. खूंटी लोकसभा सीट से टिकट पाने के लिए कांग्रेस में कई दावेदार हैं. पार्टी में अभी इसे लेकर मंथन का दौर चल रहा है. वहीं टिकट के दावेदार अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं. हालांकि उनका कहना है कि उम्मीदवार कोई भी हो, जीत कांग्रेस की ही होगी.

Suspense over the name of Congress candidate from Khunti Lok Sabha seat
Suspense over the name of Congress candidate from Khunti Lok Sabha seat
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 6, 2024, 1:36 PM IST

Updated : Mar 6, 2024, 2:02 PM IST

टिकट को लेकर कांग्रेस नेताओं के बयान

खूंटीः आदिवासी बहुल खूंटी लोकसभा सीट का ताज किसके सर सजेगा यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद पता चलेगा. भाजपा ने अर्जुन मुंडा को दोबारा प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने अभी तक नाम की घोषणा नहीं की है. पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. इसलिए पूरी तैयारी की जा रही है. दावेदारों के नाम पर मंथन भी हो रहा है. टिकट के प्रमुख दावेदार भी फिलहाल असमंजस की स्थिति में हैं, हालांकि उनलोगों का कहना है कि पार्टी जिसे भी टिकट देगी, उसे सब मिलकर जिताएंगे.

खूंटी से पूर्व में चुनाव हार चुके पार्टी के कद्दावर नेता कालीचरण मुंडा टिकट के लिए पूरी जोर लगाए हुए हैं. आदिवासी महिला नेता दयामनी बारला भी टिकट की रेस में हैं. जबकि एक वर्ग प्रदीप बालमुचू को फोकस करने में लगा हुआ है. दयामनी बारला ने दावा किया है कि वो चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस से नहीं जुड़ी हैं. मिशनरियों के सहयोग को गलत बताया और भाजपा पर जमकर हमला बोला. जबकि प्रदीप बलमुचू और कालीचरण मुंडा ने कहा कि पार्टी जिसे उम्मीदवार बनाती है उसे जिताना प्राथमिकता में रहेगा.

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू ने कहा कि उम्मीदवारी है, यह आदमी दावा करता है और कौन उमीदवार होगा यह आलाकमान तय करेगा. फिलहाल इसको लेकर अभी तक तो स्क्रीनिंग भी नहीं हुई है. वहां जो फाइनल होगा देखा जाएगा, कौन उम्मीदवार होगा यह ज्यादा जरूरी नहीं है, लेकिन जो उम्मीदवार होगा उसे ताकत के साथ जीताना यह जरूरी है. उन्होंने कहा कि खूंटी ही नहीं सभी जगहों पर अच्छे अंतर से जीतना चुनौती है. उन्होंने खुंटी से अर्जुन मुंडा को टिकट मिलने पर कहा कि यह कांग्रेस के लिए फायदेमंद होगा. अर्जुन मुंडा को भाजपा ने टिकट देकर कांग्रेस का रास्ता साफ कर दिया है. उन्होंने कहा कि अर्जुन मुंडा ने केंद्र में मंत्री रहते हुए खूंटी वालों को कुछ नहीं दिय. अर्जुन मुंडा ने अपने कार्यकाल में कुछ नहीं किया. इसलिए जीरो बट्टा सन्नाटा है. अगर अर्जुन मुंडा को टिकट नहीं मिलता तो कांग्रेस के लिए चुनौती हो सकती थी लेकिन खूंटी से कांग्रेस में जो भी उम्मीदवार होगा भारी मतों से जीतेगा.

हाल ही में कांग्रेस से जुड़ी दयामनी बारला ने बताया कि उनसे सब कोई पूछ रहा है कि कांग्रेस का दामन थामा है. दयामनी ने कहा कि समय की मांग है और जो देश बचाना चाहता है, संविधान बचाना चाहता है वो कांग्रेस में आये. टिकट की दावेदारी और मिशनिरियो के समर्थन मामले पर कहा कि ऐसा नहीं है. कांग्रेस में पहले से आना था लेकिन देर हो गई. उन्होंने कहा कि भाजपा जात पात की बात करती है. आदिवासी समाज की बात होनी चाहिए न कि मिशनरियों की बात होनी चाहिए. भाजपा एक तरफ मिशनिरियों को रखना चाहता है दूसरी तरफ सरना के लोगों को अलग करना चाहती है. एक तरफ मिशनरियों को कहती है आदिवासी नहीं हो, जबकि सरना को कहती है तुम सनातनी हो. वही डिलिस्टिंग मामले पर भी भाजपा को उन्होंने घेरा है. उन्होंने जल जंगल जमीन की बात कही.

तीसरे दावेदार और पूर्व प्रत्याशी कालीचरण मुंडा ने सांसद अर्जुन मुंडा पर हमला करते हुए कहा कि मंत्री रहते हुए भी खूंटी लोकसभा क्षेत्र के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया. क्या विषय को लेकर जनता से वोट मांगने जाएंगे. जल, जंगल की रक्षा के लिए कांग्रेस पार्टी का जनप्रतिनिधि होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि खूंटी में कोई भी उम्मीदवार हो कांग्रेस पार्टी को भारी मतों से जीताने का काम करेंगे.

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खूंटी से पूर्व में चुनाव हार चुके पार्टी के कद्दावर नेता कालीचरण मुंडा टिकट के लिए पूरी जोर लगाए हुए हैं. आदिवासी महिला नेता दयामनी बारला भी टिकट की रेस में हैं. जबकि एक वर्ग प्रदीप बालमुचू को फोकस करने में लगा हुआ है. दयामनी बारला ने दावा किया है कि वो चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस से नहीं जुड़ी हैं. मिशनरियों के सहयोग को गलत बताया और भाजपा पर जमकर हमला बोला. जबकि प्रदीप बलमुचू और कालीचरण मुंडा ने कहा कि पार्टी जिसे उम्मीदवार बनाती है उसे जिताना प्राथमिकता में रहेगा.

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू ने कहा कि उम्मीदवारी है, यह आदमी दावा करता है और कौन उमीदवार होगा यह आलाकमान तय करेगा. फिलहाल इसको लेकर अभी तक तो स्क्रीनिंग भी नहीं हुई है. वहां जो फाइनल होगा देखा जाएगा, कौन उम्मीदवार होगा यह ज्यादा जरूरी नहीं है, लेकिन जो उम्मीदवार होगा उसे ताकत के साथ जीताना यह जरूरी है. उन्होंने कहा कि खूंटी ही नहीं सभी जगहों पर अच्छे अंतर से जीतना चुनौती है. उन्होंने खुंटी से अर्जुन मुंडा को टिकट मिलने पर कहा कि यह कांग्रेस के लिए फायदेमंद होगा. अर्जुन मुंडा को भाजपा ने टिकट देकर कांग्रेस का रास्ता साफ कर दिया है. उन्होंने कहा कि अर्जुन मुंडा ने केंद्र में मंत्री रहते हुए खूंटी वालों को कुछ नहीं दिय. अर्जुन मुंडा ने अपने कार्यकाल में कुछ नहीं किया. इसलिए जीरो बट्टा सन्नाटा है. अगर अर्जुन मुंडा को टिकट नहीं मिलता तो कांग्रेस के लिए चुनौती हो सकती थी लेकिन खूंटी से कांग्रेस में जो भी उम्मीदवार होगा भारी मतों से जीतेगा.

हाल ही में कांग्रेस से जुड़ी दयामनी बारला ने बताया कि उनसे सब कोई पूछ रहा है कि कांग्रेस का दामन थामा है. दयामनी ने कहा कि समय की मांग है और जो देश बचाना चाहता है, संविधान बचाना चाहता है वो कांग्रेस में आये. टिकट की दावेदारी और मिशनिरियो के समर्थन मामले पर कहा कि ऐसा नहीं है. कांग्रेस में पहले से आना था लेकिन देर हो गई. उन्होंने कहा कि भाजपा जात पात की बात करती है. आदिवासी समाज की बात होनी चाहिए न कि मिशनरियों की बात होनी चाहिए. भाजपा एक तरफ मिशनिरियों को रखना चाहता है दूसरी तरफ सरना के लोगों को अलग करना चाहती है. एक तरफ मिशनरियों को कहती है आदिवासी नहीं हो, जबकि सरना को कहती है तुम सनातनी हो. वही डिलिस्टिंग मामले पर भी भाजपा को उन्होंने घेरा है. उन्होंने जल जंगल जमीन की बात कही.

तीसरे दावेदार और पूर्व प्रत्याशी कालीचरण मुंडा ने सांसद अर्जुन मुंडा पर हमला करते हुए कहा कि मंत्री रहते हुए भी खूंटी लोकसभा क्षेत्र के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया. क्या विषय को लेकर जनता से वोट मांगने जाएंगे. जल, जंगल की रक्षा के लिए कांग्रेस पार्टी का जनप्रतिनिधि होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि खूंटी में कोई भी उम्मीदवार हो कांग्रेस पार्टी को भारी मतों से जीताने का काम करेंगे.

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Last Updated : Mar 6, 2024, 2:02 PM IST
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