बागपत : कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शुक्रवार को जिले में कृषि विज्ञान केंद्र का निरीक्षण किया और तीन दिवसीय कृषि मेले का शुभारंभ किया. इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि सपा सरकार में गन्ना किसानों का दो साल तक भुगतान नहीं होता था. 14 हजार करोड़ रुपए का किसानों का गन्ना भुगतान रुका हुआ था, हमारी सरकार ने सत्ता में आने के बाद सभी किसानों का समय पर गन्ने का भुगतान किया और मिलों की क्षमता में वृद्धि की है. किसानों की आमदनी दोगुनी से ज्यादा हो चुकी है.
52 मीट्रिक टन फसल की खरीदारी : कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सपा सरकार में मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) पर 7 मीट्रिक टन फसल की खरीदारी होती थी. हमारी सरकार ने एमएसपी पर 52 मीट्रिक टन फसल की खरीदारी की, जिससे किसानों की आय दोगुनी हुई. बीजेपी सरकार ने किसानों से किया वादा पूरा किया है. गन्ने का भुगतान समय पर हो रहा है और किसानों को सोलर पैनल से जोड़ने के लिए भी बड़ी योजना चलाई जा रही है. जिस पर 60% का अनुदान भी किसानों को दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार आई थी उस समय 650 कुंतल प्रति हेक्टेयर गन्ने का उत्पादन होता था. आज खेत वही हैं, किसान वही हैं और 840 कुंतल प्रति हेक्टेयर उत्पादन हो रहा है. यह सिर्फ किसानों को समय पर बीज उपलब्ध कराये जाने के कारण, समय पर उनको पानी की सुविधा, ग्रामीण क्षेत्रों मे बिजली के घंटों को बढ़ाये जाने और डीजल और फर्टिलाइजर की कीमतों को स्थिर करके रखे जाने के कारण ही उत्तर प्रदेश में किसान की आमदनी बढ़ी है. जब हमारी सरकार आई थी 2017 मार्च महीने में उस समय हमारे ऊपर 14 हजार करोड़ रुपए का बकाया छोड़कर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की सरकार गई थी. राज्य की अनेक चीनी मिलों को उन्होंने बंद कर दिया था. बागपत के चीनी मिल को रमाला चीनी मिल का स्ट्रेंथिंग करके 1250 उसकी कैपेसिटी बढ़ा करके ढाई हजार किया है.
दो-दो साल तक नहीं होता था बकाया भुगतान : उन्होंने कहा कि रामबाला और बागपत फैक्ट्री का बकाया भुगतान दो-दो साल तक नहीं होता था, यह हमने उसके भीतर इंप्रूव किया है. इंप्रूव किए जाने के कारण किसान की आमदनी बढ़ी है. जब 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी थी, उसके पहले साल 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. उन्होंने कहा कि जो आज एमएसपी की गारंटी की बात करते हैं मात्र 7 लाख मीट्रिक टन की खरीदारी की थी. योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद तुरंत हम लोगों ने फैसला किया की राज्य के भीतर 50 लाख मीट्रिक टन खरीदारी करेंगे और हम लोगों ने 43 लाख मैट्रिक टन खरीदारी की. केंद्र सरकार ने विगत वर्षों के 9 साल के भीतर एमएसपी के रेट को बढ़ाकर डेढ़ गुना से दोगुना किया. उदाहरण के रूप मे बाजरे की एमएसपी 1250 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये किया, सीधा 100% बढ़ाया. इस तरह चने, सरसों की एमएसपी बढ़ी है. एमएसपी केवल केंद्र सरकार ने बढ़ाई है, जिसकी वजह से किसान की आमदनी आगे की और बढ़ी है.
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