Tulsi Dal in Solar Eclipse : होलिका दहन के दिन चंद्र ग्रहण समाप्त हुआ है, हालांकि भारत में यह नहीं दिखा है, इसलिए यह मान्य भी नहीं था. अब 8 अप्रैल 2024 को पहला सूर्य ग्रहण पड़ने जा रहा है, इसका कितना असर होगा, हमारे देश में मान्य होगा या नहीं होगा, और फिर सूर्य ग्रहण के दौरान किन सावधानियां को रखना चाहिए. तुलसी का पौधा कहां स्थापित हो तो शुभ रहेगा, सूर्य ग्रहण से कैसे तुलसी दल हमारी सुरक्षा करेगा जानिए ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से.
8 अप्रैल को साल का पहला सूर्यग्रहण
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को पड़ने जा रहा है. हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए भारत में मान्य भी नहीं होगा ना ही इसका सूतक माना जाएगा और ना ही इसका किसी तरह का कोई प्रभाव भारत में रहेगा".
मुश्किलों से बचाएगा तुलसी दल
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि सूर्य ग्रहण में तुलसी दल बहुत उपयोगी होता है. तुलसी का पौधा हो या तुलसी दल हो यह मुश्किलों से बचाता है. ज्योतिष आचार्य की मानें तो "सूर्य ग्रहण के दिन तुलसी का पौधा अगर गमले में लगा हुआ है तो उसे घर के मध्य में रख दें, जिससे किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश उस घर में नहीं होगा सकारात्मकता बनी रहेगी".
इसके अलावा तुलसी का पत्ता तोड़कर दूध में, जल में, भगवान के पास बचे हुए भोजन में डाल दें तो वो चीज सूर्य ग्रहण के दौरान अशुद्ध नहीं मानी जाती है, उनकी शुद्धता बनी रहती है. इतना ही नहीं अगर गर्भवती महिलाएं हैं तो तुलसी का पत्ता अपने पास में रखें और थोड़ा गाय का गोबर पेट में लेप कर लें तो सूर्य ग्रहण का कोई प्रभाव उन पर नहीं पड़ता है.
सूर्यग्रहण में बरतें ये सावधानी
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि 8 अप्रैल को ये जो सूर्य ग्रहण पड़ने जा रहा है वो अपने देश में नहीं दिखेगा. उसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा, इसलिए परेशान होने की ज्यादा जरूरत नहीं है. बात की जाए सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानियों की तो सूर्य ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए. सोने से नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश होती है. ग्रहण के समय किसी भी तरह के जल या दूध चाय फल इनका सेवन न करें. सूर्य ग्रहण के समय बड़े देवताओं के पट घर में स्थापित देवी देवताओं की झांकी मंदिरों के कपाट सभी बंद कर देने चाहिए.
दीपक प्रज्वलित ना करें एक स्थान पर स्थिर होकर रहें. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं बाहर न निकलें. इस दौरान क्रोध न करें. ग्रहण के दौरान किसी भी सुनसान जगह या श्मशान भूमि के पास नहीं जाना चाहिए, क्योंकि नकारात्मक शक्तियां काफी ज्यादा हावी हो जाती हैं. सूतक काल शुरू होने के बाद नए या शुभ काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. ग्रहण का सूतक काल शुरू होते ही तुलसी के पौधे को भी न छुएं.
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भगवान के मंत्रों का करें जाप
ग्रहण के दौरान भगवान के मंत्रों का जाप करना चाहिए जो कि फलदाई माना जाता है. ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करके, गरीबों को दान देना चाहिए. ग्रहण के बाद पूरे घर को शुद्ध करना चाहिए. ऐसा करने से घर में किसी तरह की निगेटिविटी नहीं आती है. ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्र दान देने से अनेक पुण्य प्राप्त होता है.