सरगुजा: छत्तीसगढ़ का सरगुजा संभाग एक समय पर कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. सरगुजा लोकसभा सीट पर कई सालों तक सिंहदेव और जूदेव राजघराने का वर्चस्व रहा. लेकिन मध्यप्रदेश से अलग छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद सरगुजा लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है. बीजेपी ने इस बार चिंतामणि महाराज को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस इस बार अपनी युवा और महिला नेता शशि सिंह को प्रत्याशी घोषित कर सबको हैरान कर दिया है.
कांग्रेस ने युवा और महिला चेहरे पर लगाया दांव: सरगुजा की युवा नेत्री शशि सिंह राष्ट्रीय युवा कांग्रेस की सचिव रहीं है. वह लगातार कांग्रेस के बड़े आंदोलनों का हिस्सा बनी. दिल्ली के कई आंदोलन में वो शामिल रहीं. इतना ही नहीं, जब राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से काश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा शुरू की तो शशि सिंह पूरी यात्रा में 90 दिनों तक राहुल गांधी के साथ रहीं. पहली बार अपने नेता के करीब रहने का मौका कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को मिला, जिसमें शशि सिंह भी थी. अब कांग्रेस ने शशि सिंह को सरगुजा लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. ETV भारत ने शशि सिंह से खास बातचीत की.
सवाल: राहुल गांधी के साथ 90 दिनों की यात्रा का अनुभव कैसा रहा?
जवाब: अभी तक जो मेरी लाइफ रही, उसमे भारत जोड़ो यात्रा का अनुभव सबसे अलग था. कन्याकुमारी से कश्मीर तक का सफर, अलग भाषाएं, अलग कल्चर हर जगह देखा हमने. कई जगह लैंग्वेज समझ भी नहीं आती थी. लोगों का प्यार देखने को मिला, इतना जन समर्थन मैंने देखा नहीं था. साउथ में तो क्राउड इतना ज़्यादा था कि जब हम चलते थे तो 5 किलोमीटर तक निकल जाते थे, लेकिन क्राउड खत्म नहीं होता था. लोगों में बहुत उत्साह था. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक राहुल के लिए घंटों इंतजार करते थे. यह समझ आया कि राहुल गांधी जी से कितना प्यार है लोगों को. मुझे नहीं लगता कि कोई लीडर इतना चला होगा. लीडर 3 किलोमीटर चलकर ही थक जाते हैं. लेकिन हमने हर मौसम को फेस किया. बहुत अच्छा अनुभव था.
सवाल: यात्रा से पहले के राहुल और यात्रा के दौरान उनसे मिलने के बाद वे कैसे व्यक्ति लगे?
जवाब: पहले बिल्कुल डिफरेंट परशेप्शन था. हम सुनते थे कि राहुल गांधी में थोड़ा एटीट्यूड होगा, घमंड होगा, जब तक हम उनसे मिले नहीं थे. लेकिन जब हम उनके साथ यात्रा में शामिल हुए. एक कैम्प में रहते थे. मैंने देखा कि उनमें कुछ तो है, मोहब्बत की दुकान वाली बात उनमे है. जहां बोलते थे, वहां रुक जाते थे. उनके चेहरे में मैंने उदासी नहीं देखी. जब भी मिलते थे तो चेहरे पर मुस्कान होती थी. उनको देखकर हमको एनर्जी मिलती थी.
सवाल: भाजपा राहुल गांधी का मजाक बनाती है, इस पर क्या कहेंगी?
जवाब: वो इतने नॉलेजबल हैं, उनमें इतनी समझ हैं, उन्हें सब कुछ आता है. फॉरेन से उन्होंने पढ़ाई की है. उनके परिवार ने कुर्बानी दी. लेकिन विपक्ष ने एक परशेप्शन बनाया है. यह पूरी तरह गलत है. राहुल गांधी जैसा देश भक्त मैंने नहीं देखा. उनकी बातें बहुत अनोखी है.
सवाल: विरासत में भी राजनीति मिली है, संगठन में कितनी स्वीकार्यता है.
जवाब: मेरी राजनीतिक एंट्री स्ट्रगल से ही हुई है. मैं मानती हूं कि मेरे पिता बड़े नेता रहे, मेरे बाबा खेल साय जी भी नेता रहे. लेकिन मेरी एंट्री स्ट्रगल से ही हुई. जो भी कांग्रेस पार्टी आदेश करती थी, मैं वो सारे काम करती थी. मुझे नहीं लगता कि आसानी से मिली है मुझे कोई चीज. मैं स्ट्रगल के बेस पर ही युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव बनीं. स्ट्रगल से ही जिला पंचायत सदस्य बनी और टिकट भी स्ट्रगल से ही मिली है. मैं विधानसभा चुनाव में भी मजबूत दावेदार थी, लेकिन मेरे लोग जो टीएस बाबा से मुझे टिकट दिलाने के लिये बोल रहे थे, उस समय टीएस बाबा ने कहा कि 'नहीं, अगली बार. उनको हम लोकसभा का टिकट देंगे.' मैंने ये देखा कि बाबा ने जो कहा वो किया. मुझे लोकसभा टिकट दिलाने के लिये उनका अपार समर्थन मिला. मुझे पूरा विश्वास है कि मैं उनकी उम्मीदों पर खरी उतरूंगी.
सवाल: सोशल साइट्स पर स्ट्रगल की फोटो की क्या कहानी है?
जवाब: कई बार फोटो में पुलिस उठा रही है, बैरिकेडिंग में चढ़ रहे होंगे. इनमें से ज्यादातर फोटो दिल्ली की होंगी. हमारे विरोध में जब बीजेपी काम करती है तो हमें देश के लिये आंदोलन करना होता है. जब महंगाई होती है, तब हम आंदोलन करते हैं. युवाओं के साथ अत्याचार होता है, तब हम आंदोलन करते हैं. बहन बेटियों के साथ अन्याय होता है, तब हम आंदोलन करते हैं. ईडी में झूठा फंसाया जाता है, तब हम आंदोलन करते हैं.
सवाल: छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद ये सीट कांग्रेस नहीं जीत सकी है. क्या कहेंगी आप?
जवाब: मेरे लिए अनएक्सेप्डेड रहा. इतना समर्थन मिल रहा है. मुझे भी नहीं लगा था कि इतना प्यार मिलेगा जनता से. मैं जिस भी ब्लॉक में जा रही हूं, वहां लोगों का, कार्यकर्ताओं का खूब समर्थन मिल रहा है. मुझे लगता है कि 101 फीसदी हम ये चुनाव जीतेंगे.
सवाल: चुनाव में धन बल का प्रयोग हुआ तो क्या होगा?
जवाब: धन बल जरूरी है चुनाव में, लेकिन मुझे लगता है कि पैसे से चुनाव नहीं जीते जाते. कई चुनाव अपने देखे होंगे कि पैसे कितने भी लगाए, लेकिन चुनाव जीते नहीं. धन बल कुछ हद तक तो आवश्यक है. हमारे अकाउंट फ्रीज कर दिये गए हैं. बहोत दिक्कत भी हो रही है. जरूरत पड़ी तो हम चंदा भी मांगेंगे. क्योंकि बीजेपी हमारे साथ बहोत अत्याचार कर रही है. लेकिन हम इस चुनाव को चंदा करके लड़ेंगे और जीतेंगे.