जयपुर: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि देश का कोई भी नागरिक न्याय से वंचित नहीं हो, यह हमारा पहला लक्ष्य है. इस लक्ष्य की प्राप्ति में विधिक सेवा प्राधिकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. आज प्रदेश की विधिक सेवा में एक नया आयाम जुड़ा है और इसका फायदा आम जनता को मिलेगा. जस्टिस गवई शनिवार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के नव निर्मित भवन के लोकार्पण के बाद जेल सुधार को लेकर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण का नया भवन हेरिटेज के साथ-साथ हाईटेक भी है. जस्टिस गवई ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने महिला शिक्षा देने के लिए स्कूल खोली, आज उनके सम्मान में देशभर के बच्चों के लिए शॉर्ट फिल्म की प्रतियोगिता तैयार की गई.
सेमिनार में सुप्रीम कोर्ट के जज संदीप मेहता ने कहा कि जेल में रखकर किसी का सुधार नहीं किया जा सकता. पैरोल की सुविधा से कैदी अपने परिवार से मिल सकता है. वहीं, आपात पैरोल में भी कई बार देरी हो जाती है. प्रदेश में ई-प्रिजन सॉफ्टवेयर में काम किया जा रहा है. जेल में जाति आधारित कार्य वितरण को भी समाप्त किया गया है. जस्टिस मेहता ने जेल नियमों में बदलाव की आवश्यकता जताते हुए कहा कि खुली जेलों की संख्या बढ़ाने से कई समस्याएं खत्म हो जाएंगी और इसमें नियमित जेलों के मुकाबले खर्चा भी काफी कम होता है.
विशेष योग्यजन बच्चों को स्कॉलरशिप: जस्टिस मेहता ने कैदियों को श्रम के बदले प्रतिदिन 112 रुपए देने के सिस्टम को सुधारने की दिशा में भी राज्य सरकार को ध्यान देने को कहा है. कार्यक्रम में 6 से 18 साल के विशेष योग्जन बच्चों को दो साल के लिए 2500 रुपए प्रतिमाह स्कॉलरशिप देने की शुरूआत की गई. वहीं रालसा के नए लोगो का भी अनावरण किया गया. इसके अलावा अधिकार मित्रों को बैजेज का वितरण किया गया. कार्यक्रम में राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व जज जसराज चौपड़ा की ओर से विधिक कार्यो के लिए दी गई बड़ी धनराशि देने पर उनका सम्मान भी किया गया. कार्यक्रम में राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव सहित हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीश भी मौजूद रहे.