कोटा: सुप्रीम कोर्ट ने जॉइंट एडमिशन बोर्ड (JAB) जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE ADVANCED 2025) में शामिल होने के दो-अटेम्प्ट के निर्णय में किसी भी प्रकार का दखल देने से इनकार कर दिया है, लेकिन याचिकाकर्ता कैंडिडेट के पक्ष पर ध्यान देते हुए कुछ कैंडिडेट्स को राहत दी है. इनमें 5 से 18 नवंबर के बीच इंजीनियरिंग संस्थानों से ड्रॉप आउट ले चुके कैंडिडेट शामिल हैं. तीसरे अटेंप्ट के तहत जेईई एडवांस्ड 2025 में सम्मिलित होने की छूट भी प्रदान की है.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि 5 नवंबर 2024 को जेईई एडवांस्ड 2025 की आयोजक संस्था आईआईटी कानपुर के हवाले से जेईई-एडवांस्ड में शामिल होने के अटेम्प्ट्स की संख्या दो से बढ़ा कर तीन कर दी थी.
इस बदलाव से प्रेरित होकर इंजीनियरिंग संस्थानों में अध्ययनरत कुछ कैंडिडेट्स ने इंजीनियरिंग संस्थानों से ड्रॉप आउट ले लिया, लेकिन 18 नवंबर 2024 को जॉइंट एडमिशन बोर्ड ने यू-टर्न लेते हुए अटेम्प्ट्स की संख्या को फिर से दो कर दिया. ऐसे में ये कैंडिडेट फंस गए. इन्होंने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली.
कैसे तय होगा किसने लिया ड्राप: देव शर्मा ने बताया कि ड्रॉप आउट के आधार पर तीसरे अटेंप्ट के तहत जेईई एडवांस्ड 2025 में शामिल होने वाले कैंडिडेट की प्रमाणिकता को कैसे जांचा जाएगा? प्रामाणिकता सिद्ध करने के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी. इस बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक सूचना उपलब्ध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने दी गई राहत के तहत कितने कैंडिडेट आगामी जेईई एडवांस्ड 2025 परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. इसकी भी कोई पुख्ता सूचना फिलहाल उपलब्ध नहीं है.