जयपुर. प्रदेश के अलवर में जर्मन पर्यटक से दुष्कर्म करने के मामले में अभियुक्त बित्रिहोत्रा मोहंती उर्फ बिट्टी मोहंती को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषी माना है. इसके साथ ही अदालत ने मोहंती को 2 माह में जेल प्रशासन के समक्ष सरेंडर करने को कहा है. जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने यह आदेश मोहंती की एसएलपी को खारिज करते हुए दिए.
गौरतलब है कि अलवर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने 20 मार्च, 2006 को जर्मन पर्यटक से दुष्कर्म करने के मामले में तत्कालीन आईपीएस अधिकारी के पुत्र बित्रिहोत्रा उर्फ बिट्टी मोहंती को दोषी माना था. इसके साथ ही अदालत ने 12 अप्रैल, 2006 को मोहंती को 7 साल की सजा और 10 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया था. इस आदेश के खिलाफ पेश अपील पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही माना था. दूसरी ओर निचली अदालत से मिली सजा काटने के दौरान 20 नवंबर, 2006 को मोहंती को मां की बीमारी के आधार पर 15 दिन की पैरोल मिली थी. जिसके चलते 4 दिसंबर, 2006 को उसे वापस जेल में जाना था, लेकिन वह फरार हो गया.
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वहीं पुन: गिरफ्तार होने के बाद निचली अदालत ने 16 अक्टूबर, 2014 को फरार होने के मामले में 3 माह की सजा सुनाई थी. अदालत ने दुष्कर्म प्रकरण में सजा पूरी होने के बाद यह 3 माह की सजा भुगतने को कहा था. इस आदेश को मोहंती ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि दोनों सजाओं को एक साथ चलाया जाए, लेकिन हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 में मोहंती की याचिका को खारिज कर दिया था. वहीं मूल मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश एसएलपी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मोहंती को 31 मार्च, 2017 को जमानत पर रिहा कर दिया था.