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HEC के सप्लाई वर्कर्स और कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन, 20 महीने से ज्यादा समय से बकाया है वेतन - HEC Employees Protest In Ranchi - HEC EMPLOYEES PROTEST IN RANCHI

HEC Ranchi. एचईसी के सप्लाई मजदूरों और कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि कई मजदूरों का यहां पैसा फंसा हुआ है, 20 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक वकाया वेतन देने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.

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HEC फैक्ट्री कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 3, 2024, 4:33 PM IST

Updated : Jun 3, 2024, 5:52 PM IST

रांची: एचईसी के सप्लाई मजदूरों और कर्मचारियों ने सोमवार को फैक्ट्री मुख्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि यहां के मजदूरों का 20 महीने से अधिक समय से पैसा फंसा हुआ है, लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हो पाया. वहीं, मजदूरों को बिना नोटिस के अचानक काम से बाहर कर दिया गया.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर एक सप्ताह के अंदर प्रबंधन की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वे अधिकारियों का घेराव करेंगे और अपने हक का पैसा लेकर रहेंगे. इस प्रदर्शन में मजदूर संघ के नेता भी मौजूद थे. इस दौरान प्रदर्शन में शामिल मजदूर संघ नेता हरेंद्र यादव ने कहा कि एचईसी प्रबंधन ने सप्लाई मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया है, जिससे उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है.

रांची में HEC मजदूरों का प्रदर्शन (ETV BHARAT)

वहीं, 20 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक कर्मचारियों को रुका हुआ वेतन नहीं मिला है. हरेंद्र यादव ने कहा कि अगर प्रबंधन ने उन्हें बाहर कर दिया है तो उनका बकाया पैसा क्यों नहीं दिया जा रहा है? वहीं, एचईसी के सेवानिवृत्त कर्मचारी भवन सिंह कहते हैं कि एचईसी की शुरुआत वर्ष 1962 में हुई थी और इस दौरान यहां के मजदूरों और कर्मचारियों ने अपनी पूरी मेहनत से कंपनी को एक नये मुकाम पर पहुंचाया.

इससे एचईसी झारखंड का नाम दुनिया भर में फैल गया, लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण आज एचईसी की हालत बदतर हो गई है. आज इसी एचईसी प्रबंधन ने इन कर्मियों को बकाया वेतन देने के साथ-साथ बेरोजगार भी कर दिया है. इन मजदूरों की सुनने वाला कोई नहीं है. भवन सिंह का कहना है कि पहले संसदीय समिति और नीति आयोग ने भी एचईसी को बचाने के लिए 1100 करोड़ रुपये आवंटित करने की बात कही थी, लेकिन आज तक यह पूरा नहीं हो सका है.

सेवानिवृत्त कर्मचारी भवन सिंह के मुताबिक, सभी मजदूरों ने साफ कर दिया है कि अगर अगले एक सप्ताह के अंदर मजदूरों के वेतन और उन्हें काम पर वापस लाने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वे अधिकारियों का घेराव करेंगे. बता दें कि एचईसी में अब भी करीब तीन हजार कर्मचारी अपने वेतन के लिए दर-दर भटक रहे हैं और प्रबंधन और सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है.

ये भी पढ़ें: जमशेदपुर में चल रही है दो तरह की नगर पालिका, फिर भी आम जनता को हो रही परेशानी : सरयू राय

ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव में झारखंड की राजनीति में अहम कोण बनकर उभरा यह संगठन, क्या जयराम बनेंगे 'टर्मिनेटर'

रांची: एचईसी के सप्लाई मजदूरों और कर्मचारियों ने सोमवार को फैक्ट्री मुख्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि यहां के मजदूरों का 20 महीने से अधिक समय से पैसा फंसा हुआ है, लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हो पाया. वहीं, मजदूरों को बिना नोटिस के अचानक काम से बाहर कर दिया गया.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर एक सप्ताह के अंदर प्रबंधन की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वे अधिकारियों का घेराव करेंगे और अपने हक का पैसा लेकर रहेंगे. इस प्रदर्शन में मजदूर संघ के नेता भी मौजूद थे. इस दौरान प्रदर्शन में शामिल मजदूर संघ नेता हरेंद्र यादव ने कहा कि एचईसी प्रबंधन ने सप्लाई मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया है, जिससे उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है.

रांची में HEC मजदूरों का प्रदर्शन (ETV BHARAT)

वहीं, 20 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक कर्मचारियों को रुका हुआ वेतन नहीं मिला है. हरेंद्र यादव ने कहा कि अगर प्रबंधन ने उन्हें बाहर कर दिया है तो उनका बकाया पैसा क्यों नहीं दिया जा रहा है? वहीं, एचईसी के सेवानिवृत्त कर्मचारी भवन सिंह कहते हैं कि एचईसी की शुरुआत वर्ष 1962 में हुई थी और इस दौरान यहां के मजदूरों और कर्मचारियों ने अपनी पूरी मेहनत से कंपनी को एक नये मुकाम पर पहुंचाया.

इससे एचईसी झारखंड का नाम दुनिया भर में फैल गया, लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण आज एचईसी की हालत बदतर हो गई है. आज इसी एचईसी प्रबंधन ने इन कर्मियों को बकाया वेतन देने के साथ-साथ बेरोजगार भी कर दिया है. इन मजदूरों की सुनने वाला कोई नहीं है. भवन सिंह का कहना है कि पहले संसदीय समिति और नीति आयोग ने भी एचईसी को बचाने के लिए 1100 करोड़ रुपये आवंटित करने की बात कही थी, लेकिन आज तक यह पूरा नहीं हो सका है.

सेवानिवृत्त कर्मचारी भवन सिंह के मुताबिक, सभी मजदूरों ने साफ कर दिया है कि अगर अगले एक सप्ताह के अंदर मजदूरों के वेतन और उन्हें काम पर वापस लाने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वे अधिकारियों का घेराव करेंगे. बता दें कि एचईसी में अब भी करीब तीन हजार कर्मचारी अपने वेतन के लिए दर-दर भटक रहे हैं और प्रबंधन और सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है.

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Last Updated : Jun 3, 2024, 5:52 PM IST
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