उन्नाव : उन्नाव पुलिस और यूपी STF ने सुल्तानपुर डकैती में शामिल एक और आरोपी अनुज प्रताप सिंह को मार गिराया. अचलगंज इलाके में बदमाश और उसके साथी से टीम की मुठभेड़ हो गई. पुलिस और एसटीएफ ने डकैत को घेरा तो उसने फायरिंग करनी शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में अनुज को एसटीएफ की गोली लग गई. गोली सिर में लगी. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. जबकि बदमाश का साथी चकमा देकर फरार हो गया. घायल बदमाश को जिला अस्पताल ले जाया गया. वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
सुल्तानपुर डकैती में अमेठी का रहने वाला 25 साल का अनुज प्रताप सिंह भी शामिल था. वह काफी समय से फरार चल रहा था. उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. एसटीएफ को इनपुट मिला था कि अनुज उन्नाव के अचलगंज इलाके में छिपा है. इसके बाद सोमवार की सुबह ही एसटीएफ ने पुलिस के साथ मिलकर सर्च अभियान चलाना शुरू कर दिया.
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अचलगंज इलाके के बेथर के पास पुलिस व एसटीफ ने अनुज व उसके एक साथी को घेर लिया. खुद को फंसता देख दोनों ने पुलिस पर गोली चला दी. जवाबी कार्रवाई में अनुज एसटीएफ की गोली का शिकार गो गया. जबकि उसका साथी फरार हो गया. पुलिस अनुज को घायल अवस्था में जिला अस्पताल लेकर पहुंची. यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की.
अपर पुलिस अधीक्षक उन्नाव अखिलेश सिंह ने बताया कि एसटीएफ लखनऊ के साथ थाना अचलगंज पुलिस की बदमाश से मुठभेड़ हुई. घायल बदमाश अनुज को एंबुलेंस से सरकारी अस्पताल ले जाया गया. यहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया. वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
ऑपरेशन में मुख्य भूमिका अदा करने वाले एसटीएफ कमांडो रवि वर्मा पर आरोपियों ने फायरिंग की. एक गोली बुलेट प्रूफ जैकेट पर लगी. रवि वर्मा ने बताया कि सूचना के आधार पर हम लोग पहले से मुस्तैद थे. जवाबी कार्रवाई में गोली अनुज प्रताप के सिर में गोली लगी. पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने बताया कि घटना स्थल से एक बाइक के अलावा 2 पिस्टल, 7 खोखे और 3 कारतूस भी बरामद किए गए. एक बैग भी मिला. इसमें चांदी के जेवर थे.
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अब पढ़िए वारदात की डिटेल : कोतवाली से 500 मीटर की दूरी पर चौक क्षेत्र का मेजरगंज ठठेरी बाजार इलाका है. यह इलाका सोनार मंडी के नाम से जाना जाता है. इसी इलाके में भरतजी सर्राफ की दुकान है. यह शहर की प्रतिष्ठित और बड़ी ज्वैलरी शॉप है. 28 अगस्त को सुबह करीब साढ़े 10 बजे भरत सोनी अपने बेटे के साथ आए और शॉप खोली. इसी बीच 2 कस्टमर आ गए. बेटा उनको जेवर दिखाने लगा. दोपहर करीब 12 बजे शॉप में भरत सोनी, उनका बेटा और 2 कस्टमर बैठे थे.
28 अगस्त की दोपहर करीब 12.30 बजे पहले गमछा बांधे एक बदमाश अंदर पहुंचा. अंदर पहुंचते ही उसने भरत सोनी पर हथियार तान दिया. जब तक वह कुछ समझ पाते, पीछे से दौड़ता हुआ एक और बदमाश आ गया. वह काले रंग का बैग लिए था. इसके बाद एक-एक कर 3 बदमाश और अंदर आए. इस तरह पलक झपकते ही बदमाशों ने दुकान को कब्जे में ले लिया.
3 बदमाश तेजी से सामान समेटने लगे, जबकि 2 असलहा लिए दुकान में मौजूद लोगों को कवर किए रहे. पांचों बदमाशों के हाथ में असलहे थे. मालिक भरत सोनी ने विरोध करने की कोशिश की तो उनकी कनपटी पर पिस्टल सटा दी. इस दौरान दोनों कस्टमर हाथ जोड़े बैठे रहे.
5 बदमाशों नकाबपोश थे. कुछ ने हेलमेट से चेहरा छिपा रखा था. बदमाश डेढ़ करोड़ रुपये के सोने-चांदी के जेवरात बैग में भरकर फरार हो गए थे. बदमाश दुकान के अंदर और बाहर लगे सीसीटीवी में कैद हो गए थे. घटना के खुलासे के लिए कई टीमें लगाई गईं थीं.
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एक लाख का इनामी मंगेश यादव को भी किया था ढेर : एसटीएफ ने एक लाख के इनामी जौनपुर के रहने वाले मंगेश यादव को भी 5 सितंबर को ढेर कर दिया था. एसटीएफ ने सुल्तानपुर के हनुमानगंज इलाके में घेराबंदी की थी. मंगेश यादव ने एक साथी के साथ मिलकर पुलिस पर फायरिंग कर दी. एसटीएफ की गोली से मंगेश घायल हो गया था. जबकि उसका साथी फरार हो गया था. एसटीएफ मंगेश को अस्पताल ले गई थी. वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एनकाउंटर के एक दिन पहले ही उस पर इनाम घोषित किया गया था. मंगेश ने डक
डकैती में अब तक की हुई कार्रवाई पर एक नजर : वारदात में पुलिस अब तक 9 आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज चुकी है. मामले में पहली गिरफ्तारी 2 सितंबर की रात हुई थी. घटना में शामिल एक आरोपी ने सरेंडर कर दिया था. इसके अलावा सचिन सिंह, त्रिभुवन और पुष्पेंद्र को पुलिस ने मुठभेड़ में पकड़ लिया था. इनके पास से पुलिस को 15 किलो चांदी भी मिली थी. इसके 2 दिन बाद मंगेश यादव का एनकाउंटर कर दिया गया था. उसके पास से 5 किलो चांदी मिली थी. इसके बाद अयोध्या में दुर्गेश सिंह, अरविंद यादव, विवेक और विनय शुक्ला को पकड़ा था. 11 सितंबर को यह कार्रवाई हुई थी. चारों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था. इन आरोपियों के पास से भी डेढ़ किलो सोना मिला था. मास्टरमाइंड विपिन ने रायबरेली में सरेंडर कर दिया था. अभी भी 3 आरोपी फरार चल रहे हैं.
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