सुल्तानपुर: शनिवार सुबह भोर में नगर कोतवाली क्षेत्र के विनोबापुरी में घर में घुस कर जल निगम ग्रामीण के अधिशाषी अभियन्ता संतोष कुमार हत्याकांड में पुलिस की शुरुआती जांच में विभागीय अदावत की बात सामने आ रही है. बहरहाल, पुलिस ने गिरफ्तार दोनों आरोपियों अमित कुमार और प्रदीप को सिविल न्यायालय में पेश किया. जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया. पूरे मामले की विवेचना कर रहे सीओ सिटी शिवम मिश्रा ने बताया, कि गिरफ्तार एई ने पूछतांछ में बताया, कि मृतक एक्सईएन उसे विभागीय कार्यों को लेकर प्रताड़ित करते थे. पूर्व में जिन ब्लॉकों का चार्ज उसे दिया गया था, उसे भी छीन लिया गया.और उनके द्वारा उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा गया था.
सीओ सिटी शिवम मिश्रा ने बताया, कि आरोपियों को जेल भेज दिया गया है, और अभी बहुत कुछ सामने नहीं आया हैं. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. बहरहाल, बहुत से अनसुलझे सवाल हैं इस पूरे हत्याकांड में. सवाल ये है, कि जलनिगम के अधिशाषी अभियंता की कौन सी फर्म थी? जिसको ब्लैकलिस्ट करना चाहते थे.ऐसी कौन सी फर्म थी जिसको आरोपी एई अमित कुमार फायदा पहुंचाने का काम कर रहे थे? अमित कुमार से सीधे टच में थी, क्योंकि ये भी बात निकल कर आ रही है, कि कुछ फर्मो के भुगतान में एई खुद इंटरेस्ट लेता था.
बहरहाल सूत्र बताते हैं, कि हत्या के पहले रात में अधिशाषी अभियंता के आवास पर पार्टी हुई थी, जिसमें एक्सईएन के दो तीन भरोसेमंद कर्मी शामिल थे. सूत्रों की माने, तो पार्टी में मौजूद एक विभागीय एई को सुबह जब हत्या की जानकारी हुई, तो उसके द्वारा हत्यारोपी अमित कुमार से फोन कर घटना को कारित किए जाने के बारे में भी पूछा गया. बदहवास अमित कुमार कुछ भी जवाब न देते हुए भाग निकला. फिलहाल, पूरे मामले की तह में जाने में जुटी पुलिस इस बिंदु को भी जांच में शामिल करते हुए आगे बढ़ रही है.