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हिमाचल में सुधरेगी किसानों की आर्थिक सेहत, दुग्ध संयंत्रों की बढ़ाई जाएगी क्षमता - capacity of milk plants in Himachal - CAPACITY OF MILK PLANTS IN HIMACHAL

Milk plants in Himachal: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार कुछ दुग्ध संयंत्रों की क्षमता 20-20 हजार लीटर करने जा रही है. यह दुग्ध संयंत्र कुल्लू, हमीरपुर, नाहन और ऊना में हैं.

CM Sukhu meeting with milkfed
सीएम सुक्खू ने मिल्कफेड के साथ की समीक्षा बैठक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 16, 2024, 10:18 PM IST

शिमला: हिमाचल में दूध से ग्रामीणों की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए सुक्खू सरकार ने योजनाओं को धरातल पर उतारने के प्रयासों में तेजी लाई है. इसी कड़ी में दुग्ध संयंत्र कुल्लू, हमीरपुर, नाहन और ऊना की क्षमता 20-20 हजार लीटर की जा रही है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को हिमाचल प्रदेश राज्य दुग्ध उत्पादक प्रसंघ (मिल्कफेड) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान अधिकारियों को ढगवार दुग्ध संयंत्र के निर्माण से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं और इसका निर्माण समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए.

इससे क्षेत्र की आर्थिकी को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें दुग्ध उत्पादन से जुड़ी गतिविधियों की भूमिका अहम है. प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े हितधारकों को सशक्त करने पर विशेष अधिमान दे रही है.

सीएम सुक्खू ने दुग्ध उत्पादन समितियों के पंजीकरण में तेजी लाने और पंजीकरण प्रक्रिया में किसानों को हर सम्भव सहायता देने के भी निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने किसानों के क्षमता निर्माण और दुग्ध गुणवत्ता पर विशेष ध्यान केंद्रित करने को कहा है.

मुख्यमंत्री ने दुग्ध विपणन प्रक्रिया व इसके परिवहन का युक्तिकरण करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मिल्कफेड के ट्रेडमार्क हिम का भारत सरकार ने पंजीकरण कर दिया गया है.

प्रदेश में 1148 दुग्ध समितियां:

मुख्यमंत्री ने सुखविंदर सिंह कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 1148 ग्राम दुग्ध सहकारी समितियां हैं जिनके 47 हजार 905 सदस्य हैं. इनमें महिलाओं की संख्या 19 हजार 388 है. वर्तमान में प्रदेश में 11 दुग्ध उत्पादन संयंत्र और 116 बल्क मिल्क कूलर स्थापित हैं.

मिल्कफेड की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों से दुग्ध एकत्रीकरण के गुणवत्ता मापदण्डों में आशातीत बढ़ोतरी हुई है. वहीं कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि दुग्ध गतिविधियों को सशक्त करने के लिए समितियों का पंजीकरण नितांत आवश्यक है. इससे किसानों का सशक्तिकरण होगा. उन्होंने कहा कि मिल्कफेड को सशक्त करने के लिए गुणवत्ता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: "कांग्रेस की मिसमैनेजमेंट से जनता त्रस्त, जल रहे जंगल, नलों में पानी नहीं और बिजली गुल"

शिमला: हिमाचल में दूध से ग्रामीणों की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए सुक्खू सरकार ने योजनाओं को धरातल पर उतारने के प्रयासों में तेजी लाई है. इसी कड़ी में दुग्ध संयंत्र कुल्लू, हमीरपुर, नाहन और ऊना की क्षमता 20-20 हजार लीटर की जा रही है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को हिमाचल प्रदेश राज्य दुग्ध उत्पादक प्रसंघ (मिल्कफेड) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान अधिकारियों को ढगवार दुग्ध संयंत्र के निर्माण से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं और इसका निर्माण समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए.

इससे क्षेत्र की आर्थिकी को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें दुग्ध उत्पादन से जुड़ी गतिविधियों की भूमिका अहम है. प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े हितधारकों को सशक्त करने पर विशेष अधिमान दे रही है.

सीएम सुक्खू ने दुग्ध उत्पादन समितियों के पंजीकरण में तेजी लाने और पंजीकरण प्रक्रिया में किसानों को हर सम्भव सहायता देने के भी निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने किसानों के क्षमता निर्माण और दुग्ध गुणवत्ता पर विशेष ध्यान केंद्रित करने को कहा है.

मुख्यमंत्री ने दुग्ध विपणन प्रक्रिया व इसके परिवहन का युक्तिकरण करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मिल्कफेड के ट्रेडमार्क हिम का भारत सरकार ने पंजीकरण कर दिया गया है.

प्रदेश में 1148 दुग्ध समितियां:

मुख्यमंत्री ने सुखविंदर सिंह कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 1148 ग्राम दुग्ध सहकारी समितियां हैं जिनके 47 हजार 905 सदस्य हैं. इनमें महिलाओं की संख्या 19 हजार 388 है. वर्तमान में प्रदेश में 11 दुग्ध उत्पादन संयंत्र और 116 बल्क मिल्क कूलर स्थापित हैं.

मिल्कफेड की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों से दुग्ध एकत्रीकरण के गुणवत्ता मापदण्डों में आशातीत बढ़ोतरी हुई है. वहीं कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि दुग्ध गतिविधियों को सशक्त करने के लिए समितियों का पंजीकरण नितांत आवश्यक है. इससे किसानों का सशक्तिकरण होगा. उन्होंने कहा कि मिल्कफेड को सशक्त करने के लिए गुणवत्ता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.

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