शिमला: हिमाचल प्रदेश में पिछले साल बरसात के मौसम में आई प्राकृतिक आपदा ने भयंकर तबाही मचाई थी. जिससे सबक लेते हुए सरकार ने इस बार अपनी तैयारियां पुख्ता कर ली है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर 23 करोड़ की लागत से 102 जेसीबी मशीनें खरीदी. सरकार ने इन जेसीबी मशीनों को सभी पीडब्ल्यूडी डिवीजन में भेजने का फैसला लिया है, ताकि भविष्य में प्राकृतिक आपदा से पैदा होने वाली स्थिति से निपटा जा सके और समय पर राहत कार्यों को पूरा किया जा सके.
14 JCB को PWD मंत्री ने दिखाई हरी झंडी
इसी कड़ी में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज शिमला स्थित तारा देवी से 14 जेसीबी मशीनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. जिन्हें पीडब्ल्यूडी के विभिन्न डिविजनों में भेजा जाएगा. पीडब्ल्यूडी विभाग को सहयोग देने के लिए विक्रमादित्य सिंह ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार प्रकट किया.
जेम पोर्टल से मशीनें खरीद सरकार ने बचाए करोड़ों
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पिछले साल बरसात के मौसम में आई आपदा से हिमाचल में भारी नुकसान हुआ था. ऐसे में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई मशीनें जैसे जेसीबी व पोकलेन खरीदने का निर्णायक फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में बहुत सालों बाद 23 करोड़ की लागत से 102 जेसीबी मशीनें खरीदी गई हैं. जिसमें आज 14 मशीनों को हरी झंडी दिखाकर विभिन्न डिविजनों के लिए रवाना किया गया है. प्रदेश में हर डिवीजन को मशीनें भेजी जा रही हैं. प्रदेश में पहली बार जेम पोर्टल के जरिए मशीनों को खरीदा गया है. जिससे सरकार को करीब 10 करोड़ की बचत हुई है. उन्होंने कहा कि मशीनें खरीदने में पूरी पारदर्शिता बरती गई है.
PWD के पास नहीं थी पर्याप्त मशीनरी
हिमाचल प्रदेश में बरसात और बर्फबारी के मौसम में प्राकृतिक आपदा के समय स्थितियां बद से बदतर हो जाती हैं. ऐसे में इन स्थितियों से निपटने के लिए पीडब्ल्यूडी के पास पर्याप्त मशीनरी नहीं थी. इसलिए विभाग को मजबूरन प्राइवेट मशीनरी हायर करनी पड़ती थी. जिसमें सरकार का समय और पैसा दोनों बर्बाद होता था. वहीं, आपदा की स्थिति में मशीनें हायर करने में गड़बड़ी होने का डर भी बना रहता था. जिस पर खुद पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह कई बार चिंता जता चुके हैं. ऐसे में प्राकृतिक आपदा के समय विभाग किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहे, इसके लिए प्रदेश सरकार ने नई मशीनरी खरीदने का फैसला लिया.