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स्ट्रीट वेंडर्स मामले में विक्रमादित्य के बयान से उपजे विवाद के बीच सुक्खू सरकार ने साफ किया रुख, कैबिनेट में होगा मंथन - Sukhu Govt on street vendors

Sukhu Govt clarified his stand on street vendors identification: हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आईडी मामले को लेकर विक्रमादित्य सिंह के बयान से उपजे विवाद पर अब सुक्खू सरकार ने अपना रुख साफ किया है. सरकार की ओर से प्रवक्ता ने कहा कि अभी स्ट्रीट वेंडर्स के नाम लिखने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. पढ़िए पूरी खबर...

स्ट्रीट वेंडर्स मामले में सुक्खू सरकार ने साफ किया रुख
स्ट्रीट वेंडर्स मामले में सुक्खू सरकार ने साफ किया रुख (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 26, 2024, 4:29 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स की पहचान को लेकर कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान पर उपजे विवाद के बाद अब सुक्खू सरकार ने अपना रुख साफ किया है. सरकार की ओर से प्रवक्ता ने साफ किया है कि स्ट्रीट वेंडर्स के नाम लिखने के आदेश को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है. सरकार इस मुद्दे को लेकर कैबिनेट में मंथन करेगी.

हिमाचल में स्ट्रीट वेंडर्स को लेकर सरकार ने कहा है कि इसके लिए समाज के विभिन्न वर्गों से सुझाव प्राप्त हुए हैं. जिसके हर पहलू पर पर संवेदनशीलता के साथ विचार किया जा रहा है. प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि सरकार ने विक्रेताओं की ओर से अपनी दुकानों पर नेम प्लेट या अन्य पहचान को प्रदर्शित करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है. प्रदेश सरकार स्ट्रीट वेंडर्स से संबंधित मुद्दों का समाधान करेगी. इस पर निर्णय लेने से पहले सभी सुझावों पर संवेदनशीलता से विचार किया जाएगा.

प्रवक्ता ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में कांग्रेस और भाजपा विधायकों की एक समिति का गठन किया गया है. जिसमें ग्रामीण विकास एवं पंचायती मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, विधायक अनिल शर्मा, सतपाल सती, रणधीर शर्मा और हरीश जनारथा कमेटी का सदस्य बनाया गया है.

सुझावों की होगी समीक्षा: प्रवक्ता ने कहा है कि स्ट्रीट वेंडर्स के लिए गठित की गई कमेटी सरकार का अपनी सिफारिशें भेजने से पहले विभिन्न हितधारकों से प्राप्त हुए सुझावों की समीक्षा करेगी. जिसके बाद समिति अपनी सिफारिशों को सरकार को भेजी. जिस पर मंत्रिमंडल की ओर से इन सिफारिशों का गहनता से मूल्यांकन करने के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

बता दें कि हिमाचल की राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला सामने आने के बाद से प्रदेशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. जिस पर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बाहरी राज्यों से आकर कारोबार कर रहे लोगों के पंजीकरण की मांग उठ रही है. जिसके बाद सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री ने विधानसभा में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नीति बनाने की बात कही थी.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस पर सहमति जताई थी. विधानसभा के मानसून सेशन के दौरान स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इस कमेटी के गठन को लेकर निर्देश दिए थे. जिसके बाद अब उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है.

ये भी पढ़ें: 'दुकानों पर पहचान पत्र लगाने के निर्णय का यूपी से कोई लेना देना नहीं, ये हिमाचल के हित की बात'

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स की पहचान को लेकर कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान पर उपजे विवाद के बाद अब सुक्खू सरकार ने अपना रुख साफ किया है. सरकार की ओर से प्रवक्ता ने साफ किया है कि स्ट्रीट वेंडर्स के नाम लिखने के आदेश को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है. सरकार इस मुद्दे को लेकर कैबिनेट में मंथन करेगी.

हिमाचल में स्ट्रीट वेंडर्स को लेकर सरकार ने कहा है कि इसके लिए समाज के विभिन्न वर्गों से सुझाव प्राप्त हुए हैं. जिसके हर पहलू पर पर संवेदनशीलता के साथ विचार किया जा रहा है. प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि सरकार ने विक्रेताओं की ओर से अपनी दुकानों पर नेम प्लेट या अन्य पहचान को प्रदर्शित करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है. प्रदेश सरकार स्ट्रीट वेंडर्स से संबंधित मुद्दों का समाधान करेगी. इस पर निर्णय लेने से पहले सभी सुझावों पर संवेदनशीलता से विचार किया जाएगा.

प्रवक्ता ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में कांग्रेस और भाजपा विधायकों की एक समिति का गठन किया गया है. जिसमें ग्रामीण विकास एवं पंचायती मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, विधायक अनिल शर्मा, सतपाल सती, रणधीर शर्मा और हरीश जनारथा कमेटी का सदस्य बनाया गया है.

सुझावों की होगी समीक्षा: प्रवक्ता ने कहा है कि स्ट्रीट वेंडर्स के लिए गठित की गई कमेटी सरकार का अपनी सिफारिशें भेजने से पहले विभिन्न हितधारकों से प्राप्त हुए सुझावों की समीक्षा करेगी. जिसके बाद समिति अपनी सिफारिशों को सरकार को भेजी. जिस पर मंत्रिमंडल की ओर से इन सिफारिशों का गहनता से मूल्यांकन करने के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

बता दें कि हिमाचल की राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला सामने आने के बाद से प्रदेशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. जिस पर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बाहरी राज्यों से आकर कारोबार कर रहे लोगों के पंजीकरण की मांग उठ रही है. जिसके बाद सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री ने विधानसभा में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नीति बनाने की बात कही थी.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस पर सहमति जताई थी. विधानसभा के मानसून सेशन के दौरान स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इस कमेटी के गठन को लेकर निर्देश दिए थे. जिसके बाद अब उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है.

ये भी पढ़ें: 'दुकानों पर पहचान पत्र लगाने के निर्णय का यूपी से कोई लेना देना नहीं, ये हिमाचल के हित की बात'

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