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बनारस में आंध्र प्रदेश के 2 भाइयों की आत्महत्या का हैरान करने वाला सच, कहीं काशी में मोक्ष की चाहत में तो नहीं उठाया कदम - Double suicide in Varanasi

काशी में दो भाइयों के सुसाइड (Suicide in VARANASI) का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि काशी में मोक्ष की चाहत में आंध्र प्रदेश के दो भाइयों ने आत्महत्या कर ली है. हालांकि पुलिस जांच की बात कह रही है.

सुसाइड समस्या का समाधान नहीं.
सुसाइड समस्या का समाधान नहीं. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 11:27 AM IST

काशी में मोक्ष की चाहत में सुसाइड! देखें पूरी खबर (Video Credit : ETV Bharat)

वाराणसी : धर्म और आध्यात्मिक के साथ वाराणसी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है. यहां पर मोक्ष के लिए लोग पहुंचते हैं और अपनी मृत्यु का इंतजार करते हैं. हालांकि कई ऐसे मामले भी सामने आए, जिसमें मोक्ष की चाहत में लोगों ने खुद जान दे दी. खास तौर पर दक्षिण भारत से आने वाले लोगों के साथ ऐसी घटनाएं ज्यादा सामने आईं. ऐसा ही मामला वाराणसी में मंगलवार को हुआ था. एसीपी भेलूपुर धनंजय मिश्रा का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. मौत की वजह स्पष्ट नहीं है. परिवार से बातचीत के बाद कुछ स्पष्ट हो सकेगा.

भेलूपुर थाना क्षेत्र के मानसरोवर स्थित आंध्र आश्रम के एक हॉस्टल में दो सगे भाइयों लक्ष्मी नारायण और विनोद ने आत्महत्या कर ली. हालांकि इस घटना में मौत की वजह से अब तक स्पष्ट नहीं हुई है. बहरहाल हॉस्टल मैनेजर यह मान रहे हैं कि अक्सर ऐसी घटनाएं वाराणसी में होती रहती हैं. पुलिस भी मामले की जांच कर रही है, लेकिन सवाल बड़ा है कि क्या वाकई में मोक्ष के लिए खुद की जान दे देना मोक्ष का सही रास्ता है या सिर्फ मन का भ्रम.

हॉस्टल के मैनेजर वीवी सुंदर शास्त्री का कहना है कि 28 अगस्त को दोनों भाई वाराणसी में दर्शन पूजन के लिए पहुंचे थे. हॉस्टल में मिलने वाले निशुल्क खाने का लाभ 5 सितंबर तक इन्होंने लिया. इसके बाद इन्होंने हॉस्टल के मेस में खाना नहीं खाया. काशी में मोक्ष की चाहत में दक्षिण भारत के लोगों के जान देने की टेंडेंसी आम है या कोई पहला मौका नहीं है. इसके पहले भी बनारस के अलग-अलग हॉस्टल गेस्ट हाउस और आश्रम में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

अब से कुछ दिन पहले तेलंगाना के पति-पत्नी ने दो बच्चों के साथ सुसाइड कर लिया था. इस मामले में कर्ज से परेशान होने के बात सामने आई थी. इसके पहले 2020 में एक दक्षिण भारतीय व्यापारी ने भी मोक्ष की चाह में जान दे दी थी. यह बात उसने बाकायदा भगवान शिव के नाम एक चिट्ठी भी लिखी थी. दोनों भाइयों के सुसाइड को भी मोक्ष से जोड़कर देखा जा सकता है. वहीं परिवार के लोगों से भी फोन पर हुई बातचीत में वह भी आश्चर्य कर रहे हैं.

हालांकि काशी विद्वान मोक्ष के लिए इस कदम को गलत बता रहे हैं. वाराणसी के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि मोक्ष प्राकृतिक मृत्यु से मिलता है. यदि कोई बीमार है या फिर किसी परिस्थिति में प्राकृतिक मृत्यु होती है तो ऐसी स्थिति में मोक्ष माना जा सकता है. मोक्ष की राह ऐसे हालात में ही आसान होती है, लेकिन यदि कोई अपनी जीवन लीला को खुद समाप्त कर रहा है या फिर किसी दुर्घटना घटना में उसकी मृत्यु हो रही है तो ऐसी स्थिति में मोक्ष की कामना करना सिर्फ मन का वहम है.

सुसाइड समस्या का समाधान नहीं.
सुसाइड समस्या का समाधान नहीं. (Photo Credit: ETV Bharat)

कुछ चर्चित घटनाएंल : 2012 में चेन्नई के पेरमबुर की रहने वाली चंद्रा (62) और उनकी बेटी ऊषा नंथिनी (32) ने एक साथ गेस्ट हाउस में सुसाइड नोट लिखकर जान दे दी थी. 2020 केरल के वैशाख एनवी ने दशाश्‍वमेध थाना क्षेत्र के हौजकटोरा स्थित गेस्‍ट हाउस में भगवान भोलेनाथ को चिट्ठी लिखकर मोक्ष की कामना के लिए आत्महत्या कर ली थी. 2020 में बीएचयू आईएमएस के छात्र नवनीत पराशर ने मोक्ष की चाह के लिए गंगा में कूदकर जान दे दी थी.

यह भी पढ़ें : ब्लड कैंसर से जूझ रहे बनारस के एक्टर ने की आत्महत्या, एक दिन पहले ही मुंबई से घर आया था 39 साल का कलाकार - Varanasi Suicide

यह भी पढ़ें : बाल झड़ने की वजह से तय नहीं हो रही थी शादी, डिप्रेशन में आकर शॉपिंग मॉल की मैनेजर ने दे दी जान - Girl Suicide Varanasi

काशी में मोक्ष की चाहत में सुसाइड! देखें पूरी खबर (Video Credit : ETV Bharat)

वाराणसी : धर्म और आध्यात्मिक के साथ वाराणसी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है. यहां पर मोक्ष के लिए लोग पहुंचते हैं और अपनी मृत्यु का इंतजार करते हैं. हालांकि कई ऐसे मामले भी सामने आए, जिसमें मोक्ष की चाहत में लोगों ने खुद जान दे दी. खास तौर पर दक्षिण भारत से आने वाले लोगों के साथ ऐसी घटनाएं ज्यादा सामने आईं. ऐसा ही मामला वाराणसी में मंगलवार को हुआ था. एसीपी भेलूपुर धनंजय मिश्रा का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. मौत की वजह स्पष्ट नहीं है. परिवार से बातचीत के बाद कुछ स्पष्ट हो सकेगा.

भेलूपुर थाना क्षेत्र के मानसरोवर स्थित आंध्र आश्रम के एक हॉस्टल में दो सगे भाइयों लक्ष्मी नारायण और विनोद ने आत्महत्या कर ली. हालांकि इस घटना में मौत की वजह से अब तक स्पष्ट नहीं हुई है. बहरहाल हॉस्टल मैनेजर यह मान रहे हैं कि अक्सर ऐसी घटनाएं वाराणसी में होती रहती हैं. पुलिस भी मामले की जांच कर रही है, लेकिन सवाल बड़ा है कि क्या वाकई में मोक्ष के लिए खुद की जान दे देना मोक्ष का सही रास्ता है या सिर्फ मन का भ्रम.

हॉस्टल के मैनेजर वीवी सुंदर शास्त्री का कहना है कि 28 अगस्त को दोनों भाई वाराणसी में दर्शन पूजन के लिए पहुंचे थे. हॉस्टल में मिलने वाले निशुल्क खाने का लाभ 5 सितंबर तक इन्होंने लिया. इसके बाद इन्होंने हॉस्टल के मेस में खाना नहीं खाया. काशी में मोक्ष की चाहत में दक्षिण भारत के लोगों के जान देने की टेंडेंसी आम है या कोई पहला मौका नहीं है. इसके पहले भी बनारस के अलग-अलग हॉस्टल गेस्ट हाउस और आश्रम में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

अब से कुछ दिन पहले तेलंगाना के पति-पत्नी ने दो बच्चों के साथ सुसाइड कर लिया था. इस मामले में कर्ज से परेशान होने के बात सामने आई थी. इसके पहले 2020 में एक दक्षिण भारतीय व्यापारी ने भी मोक्ष की चाह में जान दे दी थी. यह बात उसने बाकायदा भगवान शिव के नाम एक चिट्ठी भी लिखी थी. दोनों भाइयों के सुसाइड को भी मोक्ष से जोड़कर देखा जा सकता है. वहीं परिवार के लोगों से भी फोन पर हुई बातचीत में वह भी आश्चर्य कर रहे हैं.

हालांकि काशी विद्वान मोक्ष के लिए इस कदम को गलत बता रहे हैं. वाराणसी के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि मोक्ष प्राकृतिक मृत्यु से मिलता है. यदि कोई बीमार है या फिर किसी परिस्थिति में प्राकृतिक मृत्यु होती है तो ऐसी स्थिति में मोक्ष माना जा सकता है. मोक्ष की राह ऐसे हालात में ही आसान होती है, लेकिन यदि कोई अपनी जीवन लीला को खुद समाप्त कर रहा है या फिर किसी दुर्घटना घटना में उसकी मृत्यु हो रही है तो ऐसी स्थिति में मोक्ष की कामना करना सिर्फ मन का वहम है.

सुसाइड समस्या का समाधान नहीं.
सुसाइड समस्या का समाधान नहीं. (Photo Credit: ETV Bharat)

कुछ चर्चित घटनाएंल : 2012 में चेन्नई के पेरमबुर की रहने वाली चंद्रा (62) और उनकी बेटी ऊषा नंथिनी (32) ने एक साथ गेस्ट हाउस में सुसाइड नोट लिखकर जान दे दी थी. 2020 केरल के वैशाख एनवी ने दशाश्‍वमेध थाना क्षेत्र के हौजकटोरा स्थित गेस्‍ट हाउस में भगवान भोलेनाथ को चिट्ठी लिखकर मोक्ष की कामना के लिए आत्महत्या कर ली थी. 2020 में बीएचयू आईएमएस के छात्र नवनीत पराशर ने मोक्ष की चाह के लिए गंगा में कूदकर जान दे दी थी.

यह भी पढ़ें : ब्लड कैंसर से जूझ रहे बनारस के एक्टर ने की आत्महत्या, एक दिन पहले ही मुंबई से घर आया था 39 साल का कलाकार - Varanasi Suicide

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