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लातेहार में बढ़ी आत्महत्या की घटना, तनाव में लोग दे रहे हैं जान, जानिए क्या है डॉक्टर की सलाह - Suicide cases increased in Latehar

Suicide cases increased in Latehar. लातेहार में आत्महत्या के मामलों में वृद्धी देखी जा रही है. पिछले कुछ दिनों में 6 लोगों ने आत्महत्या कर ली है. ऐसे में सिविल सर्जन ने लोगों को अवसाद में जाने पर मनोचिकित्सक से परामर्श लेने की सलाह दी है.

SUICIDE CASES INCREASED IN LATEHAR
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 19, 2024, 7:31 PM IST

लातेहार: जिले में मात्र तीन दिनों के अंदर ही लातेहार के विभिन्न प्रखंडों में आत्महत्या के 6 से अधिक मामले सामने आ गए हैं. इनमें अधिकांश युवा वर्ग के लोग ही शामिल हैं. आत्महत्या करने वालों के परिजन की माने तो मानसिक अवसाद के कारण ही इस प्रकार की घटना घटी है.

जानकारी देते सिविल सर्जन डॉक्टर अवधेश सिंह (ईटीवी भारत)

लातेहार जिले में आत्महत्या की घटना लगातार घटती रहती हैं. पिछले तीन दिनों के अंदर लातेहार जिले के मनिका, चंदवा, बरवाडीह और लातेहार सदर प्रखंड में 6 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. सबसे दुखद बात तो यह है कि आत्महत्या करने वाले अधिकांश लोग 18 से 30 आयु वर्ग के ही हैं. लातेहार जिले के मनिका प्रखंड में पिछले दो दिनों के अंदर एक युवती और एक महिला ने आत्महत्या कर ली.

युवती के परिजन की माने तो युवती प्रेम प्रसंग के कारण पिछले कुछ दिनों से तनाव में चल रही थी. इसी कारण उसने आत्महत्या कर ली. इसी प्रकार पिछले दो दिनों के अंदर जिले के चंदवा प्रखंड में दो युवकों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. युवकों के परिजनों का भी कहना था कि तनाव के कारण ही आत्महत्या की घटना घटी है. इसी प्रकार लातेहार सदर थाना क्षेत्र में भी एक महिला ने घरेलू तनाव के कारण आत्महत्या कर ली.

नकारात्मक सोच के कारण बढ़ रहा है अवसाद- सिविल सर्जन

इधर, इस संबंध में लातेहार सिविल सर्जन डॉ अवधेश सिंह ने बताया कि वर्तमान में गलत लाइफस्टाइल के कारण लोगों में नकारात्मक सोच काफी अधिक बढ़ रही है. नकारात्मक सोच के कारण ही लोग अवसाद में जा रहे हैं. जिसका परिणाम हो रहा है कि आत्महत्याओं का प्रचलन भी बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि दिमाग में जब नकारात्मक भावनाएं प्रबल होने लगती है तो हमारे मस्तिष्क में भी नकारात्मकता भर जाती है. जिसके कारण तनाव और अवसाद में आकर लोग अपना आत्मविश्वास भी खोने लगते हैं, जिसका प्रतिफल होता है कि वे लोग आत्महत्या जैसे गलत कदम भी उठा लेते हैं.

अवसादग्रस्त लोगों का बढ़ाएं हौसला

सिविल सर्जन ने बताया कि जो भी लोग किसी कारण से तनाव या अवसाद में चले जाते हैं, उन्हें वापस सामान्य बनाने के लिए उनका हौसला अफजाई करना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए उनसे हमेशा सकारात्मक बातें करें. इस मामले में मनो चिकित्सकों से भी सलाह ले और उनका इलाज भी कराएं. योगासन के माध्यम से भी तनाव से मुक्ति पाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि जो भी लोग अवसाद में जीवन जी रहे हैं उन्हें यह विश्वास दिलाना चाहिए कि जिंदगी में कुछ भी असंभव नहीं है. दुनिया में कोई भी ऐसी समस्या नहीं है जिसका समाधान नहीं हो. इसके अलावा ऐसे लोगों को कभी भी घर में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.

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लातेहार: जिले में मात्र तीन दिनों के अंदर ही लातेहार के विभिन्न प्रखंडों में आत्महत्या के 6 से अधिक मामले सामने आ गए हैं. इनमें अधिकांश युवा वर्ग के लोग ही शामिल हैं. आत्महत्या करने वालों के परिजन की माने तो मानसिक अवसाद के कारण ही इस प्रकार की घटना घटी है.

जानकारी देते सिविल सर्जन डॉक्टर अवधेश सिंह (ईटीवी भारत)

लातेहार जिले में आत्महत्या की घटना लगातार घटती रहती हैं. पिछले तीन दिनों के अंदर लातेहार जिले के मनिका, चंदवा, बरवाडीह और लातेहार सदर प्रखंड में 6 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. सबसे दुखद बात तो यह है कि आत्महत्या करने वाले अधिकांश लोग 18 से 30 आयु वर्ग के ही हैं. लातेहार जिले के मनिका प्रखंड में पिछले दो दिनों के अंदर एक युवती और एक महिला ने आत्महत्या कर ली.

युवती के परिजन की माने तो युवती प्रेम प्रसंग के कारण पिछले कुछ दिनों से तनाव में चल रही थी. इसी कारण उसने आत्महत्या कर ली. इसी प्रकार पिछले दो दिनों के अंदर जिले के चंदवा प्रखंड में दो युवकों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. युवकों के परिजनों का भी कहना था कि तनाव के कारण ही आत्महत्या की घटना घटी है. इसी प्रकार लातेहार सदर थाना क्षेत्र में भी एक महिला ने घरेलू तनाव के कारण आत्महत्या कर ली.

नकारात्मक सोच के कारण बढ़ रहा है अवसाद- सिविल सर्जन

इधर, इस संबंध में लातेहार सिविल सर्जन डॉ अवधेश सिंह ने बताया कि वर्तमान में गलत लाइफस्टाइल के कारण लोगों में नकारात्मक सोच काफी अधिक बढ़ रही है. नकारात्मक सोच के कारण ही लोग अवसाद में जा रहे हैं. जिसका परिणाम हो रहा है कि आत्महत्याओं का प्रचलन भी बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि दिमाग में जब नकारात्मक भावनाएं प्रबल होने लगती है तो हमारे मस्तिष्क में भी नकारात्मकता भर जाती है. जिसके कारण तनाव और अवसाद में आकर लोग अपना आत्मविश्वास भी खोने लगते हैं, जिसका प्रतिफल होता है कि वे लोग आत्महत्या जैसे गलत कदम भी उठा लेते हैं.

अवसादग्रस्त लोगों का बढ़ाएं हौसला

सिविल सर्जन ने बताया कि जो भी लोग किसी कारण से तनाव या अवसाद में चले जाते हैं, उन्हें वापस सामान्य बनाने के लिए उनका हौसला अफजाई करना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए उनसे हमेशा सकारात्मक बातें करें. इस मामले में मनो चिकित्सकों से भी सलाह ले और उनका इलाज भी कराएं. योगासन के माध्यम से भी तनाव से मुक्ति पाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि जो भी लोग अवसाद में जीवन जी रहे हैं उन्हें यह विश्वास दिलाना चाहिए कि जिंदगी में कुछ भी असंभव नहीं है. दुनिया में कोई भी ऐसी समस्या नहीं है जिसका समाधान नहीं हो. इसके अलावा ऐसे लोगों को कभी भी घर में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.

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