ETV Bharat / state

हर दल जानता है ओमप्रकाश राजभर की अहमियत, बेहद मुश्किल था टैक्सी ड्राइवर से दूसरी बार मंत्री बनने तक का सफर - मंत्री ओमप्रकाश राजभर

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Cabinet Minister Omprakash Rajbhar Interview) ने मंगलवार को योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण की. राजभर पर ये शायरी बिल्कुल सटीक बैठती है कि खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है. ऐसा क्यों है आइये जानते हैं.

Etv Bharat Omprakash Rajbhar Importance  Loksabha Elections 2024  लोकसभा चुनाव 2024  मंत्री ओमप्रकाश राजभर  Cabinet Minister Omprakash Rajbhar
Etv Bharat Omprakash Rajbhar Importance Loksabha Elections 2024 लोकसभा चुनाव 2024 मंत्री ओमप्रकाश राजभर Cabinet Minister Omprakash Rajbhar
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 5, 2024, 6:48 PM IST

Updated : Mar 5, 2024, 8:19 PM IST

योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर से खास बातचीत

लखनऊ: लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. ऐसे में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी हर जाति वर्ग को जोड़ने के लिए जुट गई है. यही वजह है कि मंगलवार को यूपी में योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया और उसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को जगह देते हुए मंत्री बनाया गया है. ये दूसरी बार है जब राजभर योगी मंत्रिमंडल में मंत्री बने हैं.

कौन है ओम प्रकाश राजभर: ओमप्रकाश राजभर, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. राजभर हमेशा से अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. आम जनता के सामने ठेठ भोजपुरी में भाषण देने से अपने समाज में एक अलग पहचान बना चुके राजभर प्रदेश में हुए बीते कुछ चुनावों में अपना दमखम दिखा चुके हैं. राजभर लोकसभा की लगभग 28 सीटों पर समीकरण बनाने या बिगाड़ने का दमखम रखते हैं.

राजभवन में शपथग्रहण समारोह
राजभवन में शपथग्रहण समारोह

वाराणसी में हुआ था राजभर का जन्म: वर्ष 1962 में 15 सितंबर को ओपी राजभर का जन्म वाराणसी जिले के फतेहपुर खौदा सिंधोरा में हुआ था. उनके पिता सन्नू राजभर कोयला की खदान में मजदूरी करते थे. परिवार का खर्चा उठाने के लिए राजभर भी पिता का हाथ बंटाने के लिए टेंपो चलाया करते थे. राजभर ने वाराणसी के बलदेव डिग्री कालेज से ग्रेजुएशन किया और फिर यहीं से राजनीति शास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया. ओपी राजभर और उनकी पत्नी राजमति के दो बेटे हैं, अरविंद और अरुण राजभर. दोनों ही बेटे पिता के साथ अपनी पार्टी सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी में हैं और राष्ट्रीय महासचिव हैं.

राजभर की राजनीति में एंट्री: ओपी राजभर, शुरुआत से ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम से प्रभावित थे. ऐसे में मौका मिलते ही वर्ष 1981 में वह बहुजन समाज पार्टी से जुड़ गए और क्षेत्र में काम करने लगे. वर्ष 1996 में ओम प्रकाश राजभर को बसपा का जिलाध्यक्ष बनाया गया. देखते ही देखते राजभर मायावती के भी करीब आ गए और उनके खास नेताओं में से एक माने जाने लगे. हालांकि वर्ष 2001 में मायावती ने भदोही का नाम संत रविदासनगर रख दिया. इससे राजभर नाराज हो गए और पार्टी की मीटिंग में ही बगावत कर दिया. 27 अक्टूबर, 2002 में ओपी राजभर ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बनायी. इसके बाद वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में राजभर ने उत्तर प्रदेश और बिहार में अपने प्रत्याशी उतारे, लेकिन कुछ खास कर ही नही सके.

Suheldev Bharatiya Samaj Party President Omprakash Rajbhar Importance in Loksabha Elections 2024
दूसरी बार है राजभर योगी मंत्रिमंडल में मंत्री बने हैं.

बीजेपी के साथ आते ही राजभर के दिन बहुरे: वर्ष 2017 में जब राजभर भारतीय जनता पार्टी के साथ आए, तो उनके राजनीतिक कैरियर में उछाल आया. इस वर्ष विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राजभर की पार्टी को आठ सीटें दी, जिसमें चार पर जीत दर्ज कर यूपी की राजनीति में अपनी मौजूदगी दर्ज की. राजभर को योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण व दिव्यांगजन कल्याण मंत्री का पद दिया गया. लेकिन अचानक एक डीएम से ठन जाने और फिर उसका ट्रांसफर न करा पाने पर राजभर ने बीजेपी से भी दूरी बना ली और वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वह अखिलेश यादव के साथ आ गए. राजभर ने अखिलेश यादव से गठबंधन कर 16 सीटों पर चुनाव लड़ा और 6 सीटों पर जीत हासिल की.

suheldev-bharatiya-samaj-party-president-omprakash-rajbhar-importance-in-loksabha-elections-2024
मंत्री पद की शपथ लेते सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर

इस लिए है राजभर बीजेपी के लिए जरूरी: ओपी राजभर लोकसभा चुनाव में अपनी अहमियत जानते हैं. यही वजह है अनर्गल बयानबाजी के बाद भी उन्हें हर दल लेना चाहता है. इस वजह से बीजेपी ने भी राजभर को दोबारा एनडीए में शामिल कराया और फिर मंत्री बनाया. राज्य में राजभर समाज की आबादी 12 फीसदी है जबकि, पूर्वांचल में 12 से 22 फीसदी है. पूर्वांचल के करीब 2 दर्जन लोकसभा सीटों पर राजभर वोटबैंक 50 हजार से करीब ढाई लाख तक है. इसके अलावा घोसी, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, सलेमपुर, आजमगढ़, देवरिया, लालगंज, मछलीशहर, अंबेडकरनगर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर और भदोही राजभर बाहुल्य लोकसभा क्षेत्र माने जाते हैं.
ये भी पढ़ें- योगी मंत्रिमंडल विस्तार: ओपी राजभर-दारा सिंह, सुनील शर्मा और अनिल कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली

योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर से खास बातचीत

लखनऊ: लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. ऐसे में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी हर जाति वर्ग को जोड़ने के लिए जुट गई है. यही वजह है कि मंगलवार को यूपी में योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया और उसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को जगह देते हुए मंत्री बनाया गया है. ये दूसरी बार है जब राजभर योगी मंत्रिमंडल में मंत्री बने हैं.

कौन है ओम प्रकाश राजभर: ओमप्रकाश राजभर, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. राजभर हमेशा से अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. आम जनता के सामने ठेठ भोजपुरी में भाषण देने से अपने समाज में एक अलग पहचान बना चुके राजभर प्रदेश में हुए बीते कुछ चुनावों में अपना दमखम दिखा चुके हैं. राजभर लोकसभा की लगभग 28 सीटों पर समीकरण बनाने या बिगाड़ने का दमखम रखते हैं.

राजभवन में शपथग्रहण समारोह
राजभवन में शपथग्रहण समारोह

वाराणसी में हुआ था राजभर का जन्म: वर्ष 1962 में 15 सितंबर को ओपी राजभर का जन्म वाराणसी जिले के फतेहपुर खौदा सिंधोरा में हुआ था. उनके पिता सन्नू राजभर कोयला की खदान में मजदूरी करते थे. परिवार का खर्चा उठाने के लिए राजभर भी पिता का हाथ बंटाने के लिए टेंपो चलाया करते थे. राजभर ने वाराणसी के बलदेव डिग्री कालेज से ग्रेजुएशन किया और फिर यहीं से राजनीति शास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया. ओपी राजभर और उनकी पत्नी राजमति के दो बेटे हैं, अरविंद और अरुण राजभर. दोनों ही बेटे पिता के साथ अपनी पार्टी सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी में हैं और राष्ट्रीय महासचिव हैं.

राजभर की राजनीति में एंट्री: ओपी राजभर, शुरुआत से ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम से प्रभावित थे. ऐसे में मौका मिलते ही वर्ष 1981 में वह बहुजन समाज पार्टी से जुड़ गए और क्षेत्र में काम करने लगे. वर्ष 1996 में ओम प्रकाश राजभर को बसपा का जिलाध्यक्ष बनाया गया. देखते ही देखते राजभर मायावती के भी करीब आ गए और उनके खास नेताओं में से एक माने जाने लगे. हालांकि वर्ष 2001 में मायावती ने भदोही का नाम संत रविदासनगर रख दिया. इससे राजभर नाराज हो गए और पार्टी की मीटिंग में ही बगावत कर दिया. 27 अक्टूबर, 2002 में ओपी राजभर ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बनायी. इसके बाद वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में राजभर ने उत्तर प्रदेश और बिहार में अपने प्रत्याशी उतारे, लेकिन कुछ खास कर ही नही सके.

Suheldev Bharatiya Samaj Party President Omprakash Rajbhar Importance in Loksabha Elections 2024
दूसरी बार है राजभर योगी मंत्रिमंडल में मंत्री बने हैं.

बीजेपी के साथ आते ही राजभर के दिन बहुरे: वर्ष 2017 में जब राजभर भारतीय जनता पार्टी के साथ आए, तो उनके राजनीतिक कैरियर में उछाल आया. इस वर्ष विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राजभर की पार्टी को आठ सीटें दी, जिसमें चार पर जीत दर्ज कर यूपी की राजनीति में अपनी मौजूदगी दर्ज की. राजभर को योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण व दिव्यांगजन कल्याण मंत्री का पद दिया गया. लेकिन अचानक एक डीएम से ठन जाने और फिर उसका ट्रांसफर न करा पाने पर राजभर ने बीजेपी से भी दूरी बना ली और वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वह अखिलेश यादव के साथ आ गए. राजभर ने अखिलेश यादव से गठबंधन कर 16 सीटों पर चुनाव लड़ा और 6 सीटों पर जीत हासिल की.

suheldev-bharatiya-samaj-party-president-omprakash-rajbhar-importance-in-loksabha-elections-2024
मंत्री पद की शपथ लेते सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर

इस लिए है राजभर बीजेपी के लिए जरूरी: ओपी राजभर लोकसभा चुनाव में अपनी अहमियत जानते हैं. यही वजह है अनर्गल बयानबाजी के बाद भी उन्हें हर दल लेना चाहता है. इस वजह से बीजेपी ने भी राजभर को दोबारा एनडीए में शामिल कराया और फिर मंत्री बनाया. राज्य में राजभर समाज की आबादी 12 फीसदी है जबकि, पूर्वांचल में 12 से 22 फीसदी है. पूर्वांचल के करीब 2 दर्जन लोकसभा सीटों पर राजभर वोटबैंक 50 हजार से करीब ढाई लाख तक है. इसके अलावा घोसी, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, सलेमपुर, आजमगढ़, देवरिया, लालगंज, मछलीशहर, अंबेडकरनगर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर और भदोही राजभर बाहुल्य लोकसभा क्षेत्र माने जाते हैं.
ये भी पढ़ें- योगी मंत्रिमंडल विस्तार: ओपी राजभर-दारा सिंह, सुनील शर्मा और अनिल कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली

Last Updated : Mar 5, 2024, 8:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.