कानपुर: अभी तक जिस पीने के पानी का उपयोग पैकेजिंग ड्रिंकिंग वाटर के तौर पर करते हैं, ठीक उसी तरह अब पहली बार आपको गन्ना जल पीने को मिलेगा. गन्ने से शक्कर तैयार करने के दौरान चीनी मिलों में जो दूषित पानी बच जाता है, उसे शोधित कर यह गन्ना जल तैयार कराया जाएगा.
इसके लिए राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) के विशेषज्ञों ने गंगा जल की तर्ज पर ही गन्ना जल बनाकर, उसे मार्केट में लाने का प्लान तैयार कर लिया है. जल्द ही इसके लिए एनएसआई के विशेषज्ञ एक चीनी मिल संग करार करेंगे और फिर पेराई सत्र के बाद से ही संस्थान में इसे तैयार करने की कवायद शुरू हो जाएगी.
गन्ना जल में मिनरल्स अधिक होंगे
एनएसआई के निदेशक डॉ. सीमा परोहा ने बताया कि राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की ओर से पहली बार जो गन्ना जल बनेगा, उसमें अन्य मिनरल वाटर के मुकाबले मिनरल्स अधिक होंगे. इसके लिए विशेषज्ञों ने जो पहली बार परीक्षण किया, वह प्रयोग भी पूरी तरह से सफल रहा है. गन्ना जल बनते ही खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय को भी पूरी रिपोर्ट भेजी जाएगी.
हमारा मकसद है, एक ब्रांड तैयार करना
डॉ. सीमा परोहा ने कहा कि हमारा मकसद है कि हम एक ऐसा ब्रांड तैयार करें, जिसकी मांग पूरे भारत में हो. गन्ना जल के अलावा पैकेज्ड गन्ने के जूस पर भी काम किया जा रहा है. जब आप संस्थान में छात्रों को पढ़ाई के साथ प्रायोगिक जानकारी भी देते हैं, तो निश्चित तौर पर छात्र बहुत कुछ सीख लेते हैं. जल बनाने के दौरान पूरी जानकारी छात्रों को भी जरूर दी जाएगी.