बक्सरः बिहार के बक्सर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी ददन पहलवान के आरोप पर सुधाकर सिंह ने पलटवार किया है. सुधाकर सिंह ने साफ-साफ कहा कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि बिना नीति और सिद्धांत वाले लोगों को चुनाव लड़ने की क्या जरूरत है. मेरे खिलाफ लोगों को भड़काने का कोई फायदा नहीं है.
"बिना नीति सिद्धान्त वाले नेता को चुनाव लड़ने की क्या जरूरत है? मेरे खिलाफ जनता की अदालत से लेकर कानूनी अदालत में जाकर आरोप लगाएं या फिर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाए उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. भोजपुरी में कहावत है कि "ना खेलब ना खेले देब, खेलिए बिगाड़ब" वही हाल इस निर्दलीय प्रत्याशी की है. ना कोई नीति है ना कोई सिद्धान्त है. वैसा व्यक्ति मेरा क्या मुकाबला करेगा?" - सुधाकर सिंह, राजद नेता
राजद महासचिव ने वकील के खोले राजः राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह के बचाव में राजद के प्रदेश महासचिव गौतम शाश्वत ने ददन पहलवन और हाईकोर्ट के अधिवक्ता निरंजन सिंह पर निशाना साधा. कहा कि जिस अधिवक्ता निरंजन सिंह के द्वारा सम्पति छुपाने का आरोप सुधाकर सिंह पर लगाया जा रहा है उस अधिवक्ता को अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए कि लड़कियों की छेड़खानी के मामले में उस अधिवक्ता को हाईकोर्ट के परिसर में भी प्रवेश करने पर रोक लगाया गया है. जिसका पूरा दस्तावेज उपलब्ध है.
"बार काउंसिल से सस्पेंड वकील इस तरह की बात कर रहा है जिसके बारे में जनता सब समझती है. निर्दलीय प्रत्याशी ददन पहलवान का बेटा 2 हजार के नोट को संग्रह करने में पकड़ाया था. ददन पहलवान बताए कि क्या उनके घर में रिजर्व बैंक का ट्रेजरी चलता है जो दो हजार का नोट संग्रह करा रहे थे?" -गौतम शाश्वत, प्रदेश महासचिव, राजद
क्या है मामला? दरअसल, लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी ददन पहलवान ने राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह पर चुनावी हलफनामा में 100 करोड़ की संपत्ति छुपाने का आरोप लगाया है. इसको लेकर वकील निरंजन सिंह के द्वारा पटना हाईकोर्ट में अपील दायर करते हुए सुधाकर सिंह का नामांकन रद्द करने की मांग की है. इस मामले में ददन पहलवान ने डीएम पर भी आरोप लगाया है कि सुधाकर सिंह का नामांकन क्यों रद्द नहीं किया.
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