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दिल्ली के डॉक्टरों ने रोबोट के सहारे 20 साल पुरानी बीमारी को किया ठीक

54 वर्षीय महिला, जो रूमेटॉइड आर्थराइटिस से ग्रस्त थीं उसका दिल्ली के एक निजी हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी कर नई जिंदगी दी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 14, 2024, 1:42 PM IST

नई दिल्ली: चिकित्सा क्षेत्र में हो रही नई तकनीकों ने कई लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का काम किया है. हाल ही में, दिल्ली के एक निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल करके एक 54 वर्षीय महिला की 20 साल पुरानी रूमेटॉइड आर्थराइटिस की बीमारी को ठीक करने में सफलता पाई है. इस विशेष ऑपरेशन ने न केवल उनकी बीमारी को समाप्त किया है, बल्कि उन्हें एक सामान्य जीवन की ओर भी वापस लौटा दिया है.

चुनौतियां और समाधान: दिल्ली से सटे नोएडा की रहने वाली इस महिला को पिछले दो दशकों से घुटने और कूल्हे में तीव्र दर्द था. दर्द ने उनकी दिनचर्या को प्रभावित किया और सामान्य जीवन जीने में मुश्किलें पैदा की. पारंपरिक दवाओं का सहारा लेकर उन्होंने अपनी स्थिति को नियंत्रण में रखने की कोशिश की, लेकिन समय के साथ स्थिति बिगड़ती गई. इसके चलते उन्हें उच्च रक्तचाप, हाइपोथायरायडिज्म, स्लीप एपनिया और मोटापे जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ा.

जब इस महिला ने निजी हॉस्पिटल में प्रसिद्ध आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. (प्रो.) राजू वैश्य से परामर्श किया, तब उन्होंने रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की सलाह दी. यह एक महत्वपूर्ण निर्णय था, जो उनके जीवन में परिवर्तन लाने वाला साबित हुआ.

सर्जरी प्रक्रिया: डॉ. (प्रो.) राजू वैश्य और उनकी टीम ने महिला के दाएं कूल्हे का पहला ऑपरेशन जुलाई 2023 में किया. इसके बाद, अक्टूबर 2023 में बाएं घुटने का भी सफल सर्जरी की गई. एक साल के अंतराल में, अक्टूबर 2024 में दाएं घुटने का प्रतिस्थापन किया गया. हर सर्जरी में सफलता की उपलब्धि ने मरीज को सामान्य जीवन की ओर लौटने की उम्मीद दी. रोबोटिक तकनीक के लाभों की बात करें, तो डॉ. वैश्य ने बताया कि यह पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक सटीकता और कम रक्त हानि के साथ तेजी से ठीक होने का समय प्रदान करती है.

एक नई शुरुआत: डॉक्टरों के इस प्रयास ने महिला के चेहरे पर मुस्कान लौटाई है. अब वह पूरी तरह से ठीक होने की राह पर हैं और आने वाले हफ्तों में अपनी सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू करने की उम्मीद रखती हैं. यह केस न केवल मेडिकल विज्ञान की प्रगति को बताता है, बल्कि यह एक प्रेरणा भी है उन सभी के लिए जो लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- दिल्ली AIIMS में अब होगा तंबाकू की लत का इलाज, ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

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चुनौतियां और समाधान: दिल्ली से सटे नोएडा की रहने वाली इस महिला को पिछले दो दशकों से घुटने और कूल्हे में तीव्र दर्द था. दर्द ने उनकी दिनचर्या को प्रभावित किया और सामान्य जीवन जीने में मुश्किलें पैदा की. पारंपरिक दवाओं का सहारा लेकर उन्होंने अपनी स्थिति को नियंत्रण में रखने की कोशिश की, लेकिन समय के साथ स्थिति बिगड़ती गई. इसके चलते उन्हें उच्च रक्तचाप, हाइपोथायरायडिज्म, स्लीप एपनिया और मोटापे जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ा.

जब इस महिला ने निजी हॉस्पिटल में प्रसिद्ध आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. (प्रो.) राजू वैश्य से परामर्श किया, तब उन्होंने रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की सलाह दी. यह एक महत्वपूर्ण निर्णय था, जो उनके जीवन में परिवर्तन लाने वाला साबित हुआ.

सर्जरी प्रक्रिया: डॉ. (प्रो.) राजू वैश्य और उनकी टीम ने महिला के दाएं कूल्हे का पहला ऑपरेशन जुलाई 2023 में किया. इसके बाद, अक्टूबर 2023 में बाएं घुटने का भी सफल सर्जरी की गई. एक साल के अंतराल में, अक्टूबर 2024 में दाएं घुटने का प्रतिस्थापन किया गया. हर सर्जरी में सफलता की उपलब्धि ने मरीज को सामान्य जीवन की ओर लौटने की उम्मीद दी. रोबोटिक तकनीक के लाभों की बात करें, तो डॉ. वैश्य ने बताया कि यह पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक सटीकता और कम रक्त हानि के साथ तेजी से ठीक होने का समय प्रदान करती है.

एक नई शुरुआत: डॉक्टरों के इस प्रयास ने महिला के चेहरे पर मुस्कान लौटाई है. अब वह पूरी तरह से ठीक होने की राह पर हैं और आने वाले हफ्तों में अपनी सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू करने की उम्मीद रखती हैं. यह केस न केवल मेडिकल विज्ञान की प्रगति को बताता है, बल्कि यह एक प्रेरणा भी है उन सभी के लिए जो लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं.

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