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आगरा के पीसीएस अफसर अभय सिंह ने राज्य शूटिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड, पढ़िए कामयाबी की कहानी - Successful officers of UP

पीसीएस अफसर अभय सिंह (Successful officers of UP) की कहानी किसी फिल्मी किरदार से काम नहीं है. पीसीएस की तैयारी के दौरान उन्होंने अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में 199 बार एग्जाम दिए, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. अब उन्होंने शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल पर निशाना साधा है.

आगरा के पीसीएस अफसर अभय सिंह.
आगरा के पीसीएस अफसर अभय सिंह. (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 17, 2024, 4:23 PM IST

आगरा : यूपी के आगरा में पीसीएस अफसर अभय सिंह की चर्चा खूब हो रही है. अभय सिंह ने दिल्ली की डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित 47वीं उत्तर प्रदेश राज्य शूटिंग चैंपियनशिप के सिविल सेवा प्रतिस्पर्धा प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल पर निशाना साधा है. चैंपियनशिप 5 जुलाई से 14 जुलाई के बीच हुई.


आगरा में एसीएस थर्ड पोस्ट पर तैनात अभय सिंह मूलत: रायबरेली के छोटे से गांव हैं. उनका बेहद सामान्य परिवार में जन्म हुआ. पीसीएस अफसर अभय सिंह को शुरुआत से ही स्पोर्ट्स में गहरी रुचि थी. 2019 में उन्होंने यूपी सिविल सर्विसेज एक्जाम क्लियर (35वीं रैंक) किया. इसके बाद आगरा में एसडीएम समेत कई पदों पर कार्यरत रहे. अपने व्यस्त शेड्यूल के बाद भी अभय सिंह आगरा के एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग की प्रैक्टिस करते रहे. पहले ही प्रतियोगिता में उन्होंने गोल्ड मेडल पर निशाना साधा है. 47वीं उत्तर प्रदेश राज्य शूटिंग चैंपियनशिप टूर्नामेंट में सिविल सेवा प्रतिस्पर्धा प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने पर उन्हें खूब शुभकामनाएं मिल रही हैं.

199 असफलताओं के बाद सफलता मिली: अभय सिंह ने बताया कि 199 असफलताओं के बाद सफलता मिली. शुरुआती दिनों में मौज मस्ती करता था. मेन्स के प्रति कम सीरियस था. मेरा ज्यादातर समय खेलकूद में गुजरा था. पिता जय बहादुर सिंह पेशे से एडवोकेट हैं. मां मंजू देवी हाउसवाइफ हैं. मेरी दो सिस्टर हैं. 12वीं की पढ़ाई करने के बाद इलेक्ट्रिक से बीटेक किया. बीटेक के दौरान मेरा झुकाव सिविल सर्विसेज की तरफ गया. फिर इलाहाबाद में रह कर 5 साल तक खूब मेहनत की, लेकिन सफलता नहीं मिली. इस दौरान अलग-अलग एग्जाम की 199 परीक्षाएं दीं. सब में असफलता हाथ आई. वर्ष 2019 में यूपीएससी दी. इस परीक्षा में 35वीं रैंक हासिल की. ऐसे में 200वीं परीक्षा में सफलता मिली.


अभय सिंह ने बताया कि मैं गांव से जुड़ा हूं. जिससे भी मुझे पता है कि गांव में आज भी लोग किन समस्याओं व परिस्थितियों से गुजरते हैं. यहीं से उन्हें बेहतर काम करने की हिम्मत भी मिलती है. एक बात और बताऊं कि तैयारी के दौरान मेहनत में ईमानदारी होनी चाहिए. जिससे निश्चित ही सफलता हाथ आती है. बीच में रास्ता न छोड़ें, आखिर तक मैदान में डटे रहें.


यह भी पढ़ें : पिता ने कर्ज लेकर पढ़ने के लिए भेजा शहर, पुलिस में सिपाही बनने के बाद तय किया पीसीएस अफसर तक का सफर

यह भी पढ़ें : UP PCS Result 2022 में प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका निधि पटेल ने हासिल की 15वीं रैंक

आगरा : यूपी के आगरा में पीसीएस अफसर अभय सिंह की चर्चा खूब हो रही है. अभय सिंह ने दिल्ली की डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित 47वीं उत्तर प्रदेश राज्य शूटिंग चैंपियनशिप के सिविल सेवा प्रतिस्पर्धा प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल पर निशाना साधा है. चैंपियनशिप 5 जुलाई से 14 जुलाई के बीच हुई.


आगरा में एसीएस थर्ड पोस्ट पर तैनात अभय सिंह मूलत: रायबरेली के छोटे से गांव हैं. उनका बेहद सामान्य परिवार में जन्म हुआ. पीसीएस अफसर अभय सिंह को शुरुआत से ही स्पोर्ट्स में गहरी रुचि थी. 2019 में उन्होंने यूपी सिविल सर्विसेज एक्जाम क्लियर (35वीं रैंक) किया. इसके बाद आगरा में एसडीएम समेत कई पदों पर कार्यरत रहे. अपने व्यस्त शेड्यूल के बाद भी अभय सिंह आगरा के एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग की प्रैक्टिस करते रहे. पहले ही प्रतियोगिता में उन्होंने गोल्ड मेडल पर निशाना साधा है. 47वीं उत्तर प्रदेश राज्य शूटिंग चैंपियनशिप टूर्नामेंट में सिविल सेवा प्रतिस्पर्धा प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने पर उन्हें खूब शुभकामनाएं मिल रही हैं.

199 असफलताओं के बाद सफलता मिली: अभय सिंह ने बताया कि 199 असफलताओं के बाद सफलता मिली. शुरुआती दिनों में मौज मस्ती करता था. मेन्स के प्रति कम सीरियस था. मेरा ज्यादातर समय खेलकूद में गुजरा था. पिता जय बहादुर सिंह पेशे से एडवोकेट हैं. मां मंजू देवी हाउसवाइफ हैं. मेरी दो सिस्टर हैं. 12वीं की पढ़ाई करने के बाद इलेक्ट्रिक से बीटेक किया. बीटेक के दौरान मेरा झुकाव सिविल सर्विसेज की तरफ गया. फिर इलाहाबाद में रह कर 5 साल तक खूब मेहनत की, लेकिन सफलता नहीं मिली. इस दौरान अलग-अलग एग्जाम की 199 परीक्षाएं दीं. सब में असफलता हाथ आई. वर्ष 2019 में यूपीएससी दी. इस परीक्षा में 35वीं रैंक हासिल की. ऐसे में 200वीं परीक्षा में सफलता मिली.


अभय सिंह ने बताया कि मैं गांव से जुड़ा हूं. जिससे भी मुझे पता है कि गांव में आज भी लोग किन समस्याओं व परिस्थितियों से गुजरते हैं. यहीं से उन्हें बेहतर काम करने की हिम्मत भी मिलती है. एक बात और बताऊं कि तैयारी के दौरान मेहनत में ईमानदारी होनी चाहिए. जिससे निश्चित ही सफलता हाथ आती है. बीच में रास्ता न छोड़ें, आखिर तक मैदान में डटे रहें.


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