ETV Bharat / state

कभी बंजर जमीन से गुजारा था मुश्किल, आज होती है लाखों की आमदनी! जानें, रामनाथ सिंह के सक्सेस की कहानी - Success Story - SUCCESS STORY

बल, बुद्धि और कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता है. जब इंसान पहाड़ काटकर सड़क बना सकता है तो बंजर जमीन पर हरियाली लाने का माद्दा भी रखता है. ईटीवी भारत के सक्सेस स्टोरी की इस कड़ी में जानिए, देवघर के रामनाथ सिंह की कहानी.

Success Story Ramnath Singh becomes example for other farmers by farming on barren land of Deoghar
ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 29, 2024, 2:33 PM IST

देवघर: सफलता एक दिन में नहीं मिलती है, इसके लिए सतत प्रयत्नशील रहने की जरूरत होती है. भले ही झारखंड प्रदेश की गिनती गरीब राज्य के रुप में की जाती है. फिर भी यहां के लोगों का जुनून ही है कि वे विषम परिस्थिति में भी हार नहीं मानते और अपने आप को इन समस्याओं से उबार ही लेते हैं. कुछ इसी प्रकार से आम किसान से सफल किसान बने हैं, देवघर के रामनाथ सिंह.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः जानें, देवघर के रामनाथ सिंह की कहानी (ETV Bharat)

झारखंड के आदिवासियों के लिए खेती सबसे बड़ी आय की स्रोत मानी जाती है. लेकिन संसाधन और साधन की कमी के कारण खेती कर रहे लोगों को भी अच्छी आय का उपार्जन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में जरूरत है स्मार्ट सोच की, जिससे विषम परिस्थिति को हराकर परंपरागत तरीकों से ऊपर उठकर काम करने की. कुछ ऐसा ही करके दिखाया है, झारखंड के देवघर जिले के करौ ब्लॉक स्थित रानीडीह गांव के रहने वाले रामनाथ सिंह नाम ने. रामनाथ ने अपनी मेहनत और सकारात्मक सोच से यह साबित किया कि अगर व्यक्ति में जज्बा और जुनून हो तो वह बालू से भी तेल निकाल सकता है. रामनाथ सिंह ने अपने गांव में बंजर पड़ी जमीन पर आम बागवानी नामक सरकारी योजना का लाभ लेकर आज एक सफल किसान के रूप में काम कर रहे हैं.

बागवानी योजना ने बदली जिंदगी

रामनाथ सिंह भी अन्य किसानों की तरह हमेशा ही आर्थिक तंगी की समस्या से जूझते रहते थे. लेकिन वर्ष 2018 में उन्होंने आम की बागवानी की योजना के माध्यम से अपनी बंजर जमीन पर खेती शुरू की. वहां पर उन्होंने आम, महुगुना, सागवान, शीशम जैसे पेड़ों को लगाया. शुरुआत के दिनों में सरकार के निरीक्षण में उन्होंने बागवानी की. सरकार की तरफ से मनरेगा के तहत रामनाथ सिंह को मजदूरी पौधा और अन्य संसाधन मुहैया कराए गए. जब रामनाथ सिंह का बगान फल-फूल गया तो सरकार ने उन्हें बागवानी की पूरी जिम्मेदारी दे दी.

किसान रामनाथ सिंह बताते हैं कि जब से उन्होंने अपनी बागवानी शुरू की तब से उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती चले गई. वह साल में लाखों रुपए बागवानी से कमा लेते हैं. बागवानी की कमाई से उन्होंने अपना घर बनाया और आज अपने परिवार को अच्छी तरह से पालने में भी सक्षम हो गये हैं. आज रामनाथ सिंह करौ ब्लॉक में पूरे किसान समाज के लिए मिसाल हैं. रामनाथ सिंह की सफलता को देखने के बाद गांव के युवा भी अब खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.

खेती की ओर बढ़ रहा युवाओं का रूझान

गांव के युवा संतोष सिंह बताते हैं जिस तरह से किसान रामनाथ सिंह खेती के माध्यम से अपनी समस्याओं को समाधान करते दिख रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आज कल जो युवा पलायन कर बाहर के शहरों में काम करने जाते हैं. वह अपने गांव में रहकर ही सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर अच्छी आमदनी कर सकते हैं. इस योजना के तहत खाद, पौधा और मजदूरी का पैसा सरकार की तरफ से ही मिलता है. युवा बिना पूंजी के रोजगार शुरू कर सकते हैं और खेती के माध्यम से लाखों कमा सकते हैं. संतोष सिंह जैसे युवा सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि ऐसी योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा धरातल पर उतारा जाए ताकि बेरोजगारी का दंश झेल रहे प्रत्येक युवा आर्थिक रूप से मजबूत हो सके.

वहीं रामनाथ सिंह की सरकारी योजना के प्रति सजगता को देखते हुए मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने भी किसान रामनाथ की प्रशंसा की और अन्य किसानों को भी उनके तरह सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया. रामनाथ सिंह के बेहतर कार्य को देखते हुए जिला कृषि पदाधिकारी अशोक सम्राट ने भी कहा कि सरकारी योजनाओं का प्रत्येक किसान को कैसे लाभ मिले इसको लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन काम कर रही है. जिला प्रशासन और कृषि विभाग का यह लक्ष्य है कि जिले का प्रत्येक युवा रामनाथ सिंह जैसे आत्मनिर्भर किसान बन सकें.

बता दें कि रामनाथ सिंह एक शिक्षित हैं और उन्होंने सरकारी योजनाओं का अपने बौद्धिक स्तर पर लाभ लिया. लेकिन अभी भी देवघर जिला में कई ऐसे किसान हैं जो सरकारी योजना से अपरिचित हैं. जरूरत है कृषि विभाग और जिला प्रशासन प्रत्येक किसान को चिन्हित कर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाएं ताकि जिला के लोग कृषि को अपने आय का स्रोत बना सकें.

इसे भी पढ़ें- बंजर-पथरीली जमीन पर ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन, गुलाबी और पीले रंग की गोभी आकर्षण का केंद्र

इसे भी पढ़ें- मार्गदर्शन और मेहनत का कमाल, बंजर भूमि पर उगे स्ट्रॉबेरी के फूल!

इसे भी पढे़ं- बंजर भूमि पर फूलों की खेती शुरू की तो लोगों ने उड़ाया मजाक, अब लाखों में हो रही कमाई

देवघर: सफलता एक दिन में नहीं मिलती है, इसके लिए सतत प्रयत्नशील रहने की जरूरत होती है. भले ही झारखंड प्रदेश की गिनती गरीब राज्य के रुप में की जाती है. फिर भी यहां के लोगों का जुनून ही है कि वे विषम परिस्थिति में भी हार नहीं मानते और अपने आप को इन समस्याओं से उबार ही लेते हैं. कुछ इसी प्रकार से आम किसान से सफल किसान बने हैं, देवघर के रामनाथ सिंह.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः जानें, देवघर के रामनाथ सिंह की कहानी (ETV Bharat)

झारखंड के आदिवासियों के लिए खेती सबसे बड़ी आय की स्रोत मानी जाती है. लेकिन संसाधन और साधन की कमी के कारण खेती कर रहे लोगों को भी अच्छी आय का उपार्जन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में जरूरत है स्मार्ट सोच की, जिससे विषम परिस्थिति को हराकर परंपरागत तरीकों से ऊपर उठकर काम करने की. कुछ ऐसा ही करके दिखाया है, झारखंड के देवघर जिले के करौ ब्लॉक स्थित रानीडीह गांव के रहने वाले रामनाथ सिंह नाम ने. रामनाथ ने अपनी मेहनत और सकारात्मक सोच से यह साबित किया कि अगर व्यक्ति में जज्बा और जुनून हो तो वह बालू से भी तेल निकाल सकता है. रामनाथ सिंह ने अपने गांव में बंजर पड़ी जमीन पर आम बागवानी नामक सरकारी योजना का लाभ लेकर आज एक सफल किसान के रूप में काम कर रहे हैं.

बागवानी योजना ने बदली जिंदगी

रामनाथ सिंह भी अन्य किसानों की तरह हमेशा ही आर्थिक तंगी की समस्या से जूझते रहते थे. लेकिन वर्ष 2018 में उन्होंने आम की बागवानी की योजना के माध्यम से अपनी बंजर जमीन पर खेती शुरू की. वहां पर उन्होंने आम, महुगुना, सागवान, शीशम जैसे पेड़ों को लगाया. शुरुआत के दिनों में सरकार के निरीक्षण में उन्होंने बागवानी की. सरकार की तरफ से मनरेगा के तहत रामनाथ सिंह को मजदूरी पौधा और अन्य संसाधन मुहैया कराए गए. जब रामनाथ सिंह का बगान फल-फूल गया तो सरकार ने उन्हें बागवानी की पूरी जिम्मेदारी दे दी.

किसान रामनाथ सिंह बताते हैं कि जब से उन्होंने अपनी बागवानी शुरू की तब से उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती चले गई. वह साल में लाखों रुपए बागवानी से कमा लेते हैं. बागवानी की कमाई से उन्होंने अपना घर बनाया और आज अपने परिवार को अच्छी तरह से पालने में भी सक्षम हो गये हैं. आज रामनाथ सिंह करौ ब्लॉक में पूरे किसान समाज के लिए मिसाल हैं. रामनाथ सिंह की सफलता को देखने के बाद गांव के युवा भी अब खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.

खेती की ओर बढ़ रहा युवाओं का रूझान

गांव के युवा संतोष सिंह बताते हैं जिस तरह से किसान रामनाथ सिंह खेती के माध्यम से अपनी समस्याओं को समाधान करते दिख रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आज कल जो युवा पलायन कर बाहर के शहरों में काम करने जाते हैं. वह अपने गांव में रहकर ही सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर अच्छी आमदनी कर सकते हैं. इस योजना के तहत खाद, पौधा और मजदूरी का पैसा सरकार की तरफ से ही मिलता है. युवा बिना पूंजी के रोजगार शुरू कर सकते हैं और खेती के माध्यम से लाखों कमा सकते हैं. संतोष सिंह जैसे युवा सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि ऐसी योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा धरातल पर उतारा जाए ताकि बेरोजगारी का दंश झेल रहे प्रत्येक युवा आर्थिक रूप से मजबूत हो सके.

वहीं रामनाथ सिंह की सरकारी योजना के प्रति सजगता को देखते हुए मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने भी किसान रामनाथ की प्रशंसा की और अन्य किसानों को भी उनके तरह सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया. रामनाथ सिंह के बेहतर कार्य को देखते हुए जिला कृषि पदाधिकारी अशोक सम्राट ने भी कहा कि सरकारी योजनाओं का प्रत्येक किसान को कैसे लाभ मिले इसको लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन काम कर रही है. जिला प्रशासन और कृषि विभाग का यह लक्ष्य है कि जिले का प्रत्येक युवा रामनाथ सिंह जैसे आत्मनिर्भर किसान बन सकें.

बता दें कि रामनाथ सिंह एक शिक्षित हैं और उन्होंने सरकारी योजनाओं का अपने बौद्धिक स्तर पर लाभ लिया. लेकिन अभी भी देवघर जिला में कई ऐसे किसान हैं जो सरकारी योजना से अपरिचित हैं. जरूरत है कृषि विभाग और जिला प्रशासन प्रत्येक किसान को चिन्हित कर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाएं ताकि जिला के लोग कृषि को अपने आय का स्रोत बना सकें.

इसे भी पढ़ें- बंजर-पथरीली जमीन पर ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन, गुलाबी और पीले रंग की गोभी आकर्षण का केंद्र

इसे भी पढ़ें- मार्गदर्शन और मेहनत का कमाल, बंजर भूमि पर उगे स्ट्रॉबेरी के फूल!

इसे भी पढे़ं- बंजर भूमि पर फूलों की खेती शुरू की तो लोगों ने उड़ाया मजाक, अब लाखों में हो रही कमाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.