पटना: अगर आपके अंदर दृढ़ शक्ति है, कुछ करने की तो बस सही राह पर चलिए, मुकाम खुद-ब-खुद मिल जाएगा. कुछ ऐसी ही सफलता की कहानी संतोष कुमार ने लिखी है. पटना के संतोष आज साल में डेढ़ करोड़ का टर्नओवर करते हैं, जो कभी 35 हजार रुपये की नौकरी करते थे.
इंजीनियर से बिजनेसमैन का सफर: दरअसल, इंडियन मेरेटाईन यूनिवर्सिटी से बीटेक इंजीनियरिंग करने के बाद संतोष ने सूरत की कंपनी एवीजी में डेढ़ साल काम किया. वैसे पढ़ाई के दौरान ही संतोष ने मन में ठान लिया था कि खुद का बिजनेस मॉडल तैयार करेंगे. गांव के किसानों को रोजगार देंगे.
''आने वाले ढ़ाई सालों में सैकड़ों किसानों को रोजगार देने का मेरा लक्ष्य है. बिहार के कई जिलों में अपने व्यवसायी को स्थापित करना है. 600 करोड़ का बिजनेस टर्नओवर करने के लक्ष्य पर हम आगे बढ़ रहे हैं. हमारा सपना है कि हर घर में गाय हो, लोग खुद का व्यवसाय करें और खुद मालिक बनें.''- संतोष कुमार, युवा डेयरी किसान
7 गाय से पहुंचे 125 गायों तक: धनरुआ के वीर गांव के रहने वाले संतोष कुमार ने साल 2018 में 7 गायों के साथ डेयरी फॉर्म की शुरुआत की. उसके बाद 2022 में बैंक से जुड़कर बिहार स्टार्टअप के माध्यम से 10 लाख का लोन लेकर इसे बढ़ाना शुरू किया. आज की तारीख में 125 गायों के साथ सालाना डेढ़ करोड़ का टर्नओवर कर रहे हैं.
गायों का रखते हैं विशेष ध्यान: संतोष ने बताया कि फार्म में गायों की काफी देखभाल करते हैं. गाय को क्या खिलाना है, कब खिलाना है उसका पूरा ध्यान रखा जाता है. गायों के लिए हरा चारा वो अपने खेत में ही उगाते हैं. साथ ही गायों के लिए खाना भी खुद तैयार करवाते हैं. गायों के लिए पक्का टीन शेड बनाया हुआ है. गाय के दाने में सरसों की खली, बिनौला, सोयाबीन, मक्का, गेहूं, मिनरल मिक्सर समेत 17 चीजें मिलाते हैं. इस दाने को खाने से जहां गाय सेहतमंद रहती हैं, वहीं दुग्ध का उत्पादन भी बढ़ जाता है.
''मेरे पास 125 अलग-अलग नस्लों की गाय मौजूद हैं. इनसे 300 लीटर दूध प्रतिदिन प्राप्त होता है. हमने डेयरी फार्मिंग बिजनेस में तकरीबन 60 किसानों को भी रोजगार दे रखा है. किसानों से 50 रुपये प्रति लीटर हम दूध लेते हैं. हम प्रदेश वासियों को शुद्ध दूध, दही, पनीर देना चाहते हैं.''- संतोष कुमार, युवा डेयरी किसान
'गांव में रोजगार की अपार संभावनाएं': संतोष कुमार का कहना है कि, गांव में रहकर भी लोग लाखों रुपये महीने कमा सकते हैं. साथ ही दूसरों को रोजगार भी दे सकते हैं. गांव में जमीन की कोई कमी नहीं होती है. ऐसे में अगर आप रोजगार का कोई साधन ढूंढ रहे हैं, तो आप खुद गाय या भैंस पाल कर डेयरी फार्मिंग में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं.
कुछ करने की ठानें और आगे बढ़ें: कुल मिलाकर कहा जाए तो डेयरी फार्मिंग और मिल्क प्रोडक्शन में कमाई है, लेकिन शर्त ये है कि इसमें कड़ी मेहनत और जुनून के साथ काम करना पड़ता है. अगर आप भी ठानकर इस बिजनेस में आते हैं तो कई युवाओं के लिए मिसाल बन सकते हैं.
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