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TCS की आरामदायक नौकरी छोड़ शुरू किया कृषि स्टार्टअप, 3 साल में 5 करोड़ का 'साम्राज्य' - SUCCESS STORY - SUCCESS STORY

Success Story Of Nitish Mangalam: 18 लाख के पैकेज वाली नौकरी छोड़कर कुछ नया करने की चाहत और बिहार के जहानाबाद में खेती के जरिए क्रांति लाने का सपना, इंजीनियर नीतीश मंगलम की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो जोखिम उठाकर अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं. टीसीएस की आरामदायक नौकरी को छोड़ने के बाद, पिता से 20 लाख रुपये उधार लेकर कृषि क्षेत्र में कदम रखा. अब इतिहास रच दिया. पढ़ें..

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 30, 2024, 8:15 AM IST

Updated : Oct 3, 2024, 9:20 PM IST

पटना: टीसीएस में 18 लाख से अधिक का पैकेज छोड़ इंजीनियर नीतीश मंगलम बिहार में कृषि के क्षेत्र में क्रांति कर रहे हैं. 20 लाख रुपये पिता से उधार लेकर अपना स्टार्टअप शुरू करने वाले नीतीश मंगलम का 3 साल में 5 करोड़ का टर्नओवर हो गया. नीतीश मंगलम ने Green x के नाम से अपना स्टार्टअप शुरू किया. इसकी सिस्टर कंपनी vegito cart जहानाबाद में काला धान और काला गेहूं की खेती करती है.

बिहार के कुछ करने की इच्छा: 2013 में चेन्नई के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक में बीटेक करने वाले नीतीश मंगलम नोएडा में टीसीएस में जॉब कर रहे थे. 18 लाख से अधिक का पैकेज था. लेकिन, नीतीश ने आरामदायक नौकरी को छोड़ दिया. आज जहानाबाद में किसानों को आधुनिक कृषि के माध्यम से सशक्त बना रहे हैं. नीतीश मंगलम का कहना है कि जब पढ़ाई कर रहे थे उसी समय से मन में था कि बिहार के लिए कुछ किया जाए.

नीतीश मंगलम की सक्सेस स्टोरी. (ETV Bharat)

कोविड ने काम रोकाः नीतीश ने बताया कि पढ़ाई के दौरान देखा कि साउथ में बड़े-बड़े फूड प्रोसेसिंग यूनिट है. प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप अप की घोषणा की तब हमने किसानों के लिए काम करने का फैसला लिया. 5 साल जॉब करने के बाद 2018 में नोएडा में वहां के किसानों से ऑर्गेनिक सब्जी कराना शुरू किया. नोएडा के 10000 लोगों को हम लोग अपने साथ जोड़े. खेत से किचेन तक के कांसेप्ट पर हम लोग काम कर रहे थे, की कोविड का दौर शुरू हो गया.

"कोविड में हम लोगों का काम बंद हो गया. लौट कर बिहार आ गये. 2000 के बाद गांव आए थे, जब गांव के किसानों से मिलना शुरू किया तो यहां के किसानों की स्थिति और खराब देखने को मिली. किसानों के पास 20 एकड़ जमीन है लेकिन जीने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था. इसलिए किसानों की समस्या को देखते हुए कृषि के क्षेत्र में ही अपनी ऊर्जा लगाने का फैसला लिया."- नीतीश मंगलम, उद्यमी

कोविड के बाद शुरू की कंपनीः जहानाबाद में स्टार्टअप ग्रेन एक्स और इसकी सिस्टर कंपनी vegito cart शुरू की. काले धान और काले गेहूं की खेती शुरू की. जिसकी इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. किसानों को काले धान और काले गेहूं की बीज उपलब्ध करा रहे हैं. उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक की व्यवस्था शुरू की. किसान को पहले जहां 1800 और 2000 में अपना अनाज बेचना पड़ रहा था उसे हम लोगों ने 3600 और 4000 में खरीदना शुरू किया.

Nitish Mangalam
अवार्ड लेते नीतीश व अन्य. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

काला गेहूं और काला चावल के फायदेः नीतीश मंगलम के अनुसार 3 साल पहले अपना स्टार्टअप शुरू किया था, आज साढ़े 5 करोड़ का टर्नओवर हो गया है. पटना के सदाकत आश्रम के पास और नोएडा में दो जगह ऑफिस भी चला रहे है. नीतीश मंगलम के अनुसार सामान्य गेहूं और धान से काले गेहूं और काले धान में 60% आयरन 25% जिंक अधिक होता है और भी कई खनिज पाया जाता है, जो बीपी, शुगर और कैंसर जैसे बीमारियों को रोकने में कारगर है.

Nitish Mangalam
मुख्यमंत्री ने सराहना की. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

जहानाबाद का पहला स्टार्टअपः नीतीश मंगलम ने कहा कि ग्रेन एक्स कंपनी को बिहार स्टार्ट अप पॉलिसी के तहत भी चयनित किया गया है. यह जहानाबाद का पहला स्टार्ट अप है, जिसे बिहार स्टार्ट अप पॉलिसी के तहत चयनित किया गया है. यह कंपनी ऑनलाइन एप्लिकेशन के माध्यम से किसानों को बीज से लेकर बाजार तक उपलब्ध कराती है. इस कंपनी के माध्यम से हार्वेस्टर, कृषि ड्रोन जैसी मशीन रेंट पर ले सकते हैं. कृषि एक्सपर्ट से भी सलाह ले सकते हैं.

मॉल में काला चावल उपलब्धः इसी कंपनी की एक और सिस्टर कंपनी है वेजिटो कार्ट प्राइवेट लिमिटेड. जिसका हेड ऑफिस नोएडा में है. प्रोसेसिंग कारखाना पतियावां (जहानाबाद) में है. काला चावल और काला गेहूं किसानों से खरीदकर अपने प्रोसेसिंग कारखाने में प्रोसेस करके बाजार में उपलब्ध कराया जाता है. वेजिटो ब्रांड से काला चावल और काला आटा बाजार में लाया जा रहा है. जहानाबाद का ये दोनों प्रोडक्ट सारे प्रमुख शहरों के मॉल और डिपार्टमेंटल स्टोर में उपलब्ध है.

स्वास्थ्य के लिए लाभदायकः इस कंपनी के द्वारा किसानों को जागरूक करके खेती को नवीनतम तकनीक से करने का गुर सिखाया जाता है, ताकि किसानों की उपज बढ़े. किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो. इस कंपनी के द्वारा काला चावल और काला आटा से तरह तरह का उत्पाद बनाकर भी बाजार में लाया जा रहा है जैसे कि काला चावल का अनरसा, काला चावल का लड्डू, काला आटा का लड्डू, काला चावल का भुजिया इत्यादि जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है.

Nitish Mangalam
किसानों के साथ नीतीश मंगलम. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

महिलाओं को मिल रहा रोजगारः इस तरह से यहां की ग्रामीण महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है. नीतीश मंगलम ने कहा कि काला गेहूं का बीज पंजाब से मंगाते हैं. 70 रुपये प्रति किलो वहां से मंगाने में खर्च होता है. और यहां किसानों को 80 रुपये में उपलब्ध करा देते हैं. वहीं काला धान का बीज 80 रुपये प्रति किलो मणिपुर से मंगाते हैं और किसानों के यहां 100 रुपये में उपलब्ध कराते हैं. गेहूं का बीज 25 से 30 टन मंगाना पड़ता है और धान का बीज 4 से 5 टन.

गल्फ कंट्री को करते हैं निर्यातः नीतीश मंगलम के अनुसार 1600 किसान उन लोगों के साथ जुड़े हुए हैं. इस बार 600 एकड़ से अधिक में काला धन और काला गेहूं की खेती की. बड़े पैमाने पर गल्फ कंट्री में निर्यात करते हैं. इसके लिए हरियाणा की कंपनी से टाइअप है. हम लोगों का आगे लक्ष्य है प्रत्येक पंचायत में लैब टेस्ट स्थापित करने का और इसके लिए हम लोग soil टेस्टिंग मशीन का प्रोडक्शन करने जा रहे हैं. इसके लिए पूसा से MOU हुआ है.

काम को मिल रही सराहनाः नीतीश ने बताया कि पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान जब बिहार आए थे तो, उनसे मुलाकात हुई थी. बिहार बीज उत्पादन के मामले में 28 वें स्थान पर है अभी भी दूसरे राज्यों से बड़े पैमाने पर बीज मंगाया जाता है. बिहार में क्या कुछ किया जा सकता है, इस पर उन्होंने बातचीत हुए है. मुख्यमंत्री भी पिछले दिनों जहानाबाद गए थे तो हम लोगों से मुलाकात की थी. हम लोगों के काम को लगातार सराहा जा रहा है.

"मोटे अनाज और काला धान, काला गेहूं जैसे उत्पाद स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद हैं. शुगर, बीपी और कैंसर जैसी बीमारियों में कितना कारगर है इसको लेकर अभी और रिसर्च की जरूरत है. लेकिन लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है."- डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद, आयुर्वेदिक कॉलेज के पूर्व प्राचार्य

क्या है आगे की योजना: नीतीश मंगलम अपने परिवार के दूसरे सदस्यों को भी अब कृषि कार्य में जोड़ रहे हैं. उनका अगला लक्ष्य स्टार्टअप कंपनी के माध्यम से सॉइल टेस्टिंग मशीन का प्रोडक्शन करना है, जिससे किसानों को खेती करने में और भी सुविधा हो. नीतीश मंगलम के अनुसार उनकी पूरी कोशिश है कि किसान परंपरागत खेती को छोड़ ऐसी खेती करें जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो.

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पटना: टीसीएस में 18 लाख से अधिक का पैकेज छोड़ इंजीनियर नीतीश मंगलम बिहार में कृषि के क्षेत्र में क्रांति कर रहे हैं. 20 लाख रुपये पिता से उधार लेकर अपना स्टार्टअप शुरू करने वाले नीतीश मंगलम का 3 साल में 5 करोड़ का टर्नओवर हो गया. नीतीश मंगलम ने Green x के नाम से अपना स्टार्टअप शुरू किया. इसकी सिस्टर कंपनी vegito cart जहानाबाद में काला धान और काला गेहूं की खेती करती है.

बिहार के कुछ करने की इच्छा: 2013 में चेन्नई के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक में बीटेक करने वाले नीतीश मंगलम नोएडा में टीसीएस में जॉब कर रहे थे. 18 लाख से अधिक का पैकेज था. लेकिन, नीतीश ने आरामदायक नौकरी को छोड़ दिया. आज जहानाबाद में किसानों को आधुनिक कृषि के माध्यम से सशक्त बना रहे हैं. नीतीश मंगलम का कहना है कि जब पढ़ाई कर रहे थे उसी समय से मन में था कि बिहार के लिए कुछ किया जाए.

नीतीश मंगलम की सक्सेस स्टोरी. (ETV Bharat)

कोविड ने काम रोकाः नीतीश ने बताया कि पढ़ाई के दौरान देखा कि साउथ में बड़े-बड़े फूड प्रोसेसिंग यूनिट है. प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप अप की घोषणा की तब हमने किसानों के लिए काम करने का फैसला लिया. 5 साल जॉब करने के बाद 2018 में नोएडा में वहां के किसानों से ऑर्गेनिक सब्जी कराना शुरू किया. नोएडा के 10000 लोगों को हम लोग अपने साथ जोड़े. खेत से किचेन तक के कांसेप्ट पर हम लोग काम कर रहे थे, की कोविड का दौर शुरू हो गया.

"कोविड में हम लोगों का काम बंद हो गया. लौट कर बिहार आ गये. 2000 के बाद गांव आए थे, जब गांव के किसानों से मिलना शुरू किया तो यहां के किसानों की स्थिति और खराब देखने को मिली. किसानों के पास 20 एकड़ जमीन है लेकिन जीने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था. इसलिए किसानों की समस्या को देखते हुए कृषि के क्षेत्र में ही अपनी ऊर्जा लगाने का फैसला लिया."- नीतीश मंगलम, उद्यमी

कोविड के बाद शुरू की कंपनीः जहानाबाद में स्टार्टअप ग्रेन एक्स और इसकी सिस्टर कंपनी vegito cart शुरू की. काले धान और काले गेहूं की खेती शुरू की. जिसकी इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. किसानों को काले धान और काले गेहूं की बीज उपलब्ध करा रहे हैं. उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक की व्यवस्था शुरू की. किसान को पहले जहां 1800 और 2000 में अपना अनाज बेचना पड़ रहा था उसे हम लोगों ने 3600 और 4000 में खरीदना शुरू किया.

Nitish Mangalam
अवार्ड लेते नीतीश व अन्य. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

काला गेहूं और काला चावल के फायदेः नीतीश मंगलम के अनुसार 3 साल पहले अपना स्टार्टअप शुरू किया था, आज साढ़े 5 करोड़ का टर्नओवर हो गया है. पटना के सदाकत आश्रम के पास और नोएडा में दो जगह ऑफिस भी चला रहे है. नीतीश मंगलम के अनुसार सामान्य गेहूं और धान से काले गेहूं और काले धान में 60% आयरन 25% जिंक अधिक होता है और भी कई खनिज पाया जाता है, जो बीपी, शुगर और कैंसर जैसे बीमारियों को रोकने में कारगर है.

Nitish Mangalam
मुख्यमंत्री ने सराहना की. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

जहानाबाद का पहला स्टार्टअपः नीतीश मंगलम ने कहा कि ग्रेन एक्स कंपनी को बिहार स्टार्ट अप पॉलिसी के तहत भी चयनित किया गया है. यह जहानाबाद का पहला स्टार्ट अप है, जिसे बिहार स्टार्ट अप पॉलिसी के तहत चयनित किया गया है. यह कंपनी ऑनलाइन एप्लिकेशन के माध्यम से किसानों को बीज से लेकर बाजार तक उपलब्ध कराती है. इस कंपनी के माध्यम से हार्वेस्टर, कृषि ड्रोन जैसी मशीन रेंट पर ले सकते हैं. कृषि एक्सपर्ट से भी सलाह ले सकते हैं.

मॉल में काला चावल उपलब्धः इसी कंपनी की एक और सिस्टर कंपनी है वेजिटो कार्ट प्राइवेट लिमिटेड. जिसका हेड ऑफिस नोएडा में है. प्रोसेसिंग कारखाना पतियावां (जहानाबाद) में है. काला चावल और काला गेहूं किसानों से खरीदकर अपने प्रोसेसिंग कारखाने में प्रोसेस करके बाजार में उपलब्ध कराया जाता है. वेजिटो ब्रांड से काला चावल और काला आटा बाजार में लाया जा रहा है. जहानाबाद का ये दोनों प्रोडक्ट सारे प्रमुख शहरों के मॉल और डिपार्टमेंटल स्टोर में उपलब्ध है.

स्वास्थ्य के लिए लाभदायकः इस कंपनी के द्वारा किसानों को जागरूक करके खेती को नवीनतम तकनीक से करने का गुर सिखाया जाता है, ताकि किसानों की उपज बढ़े. किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो. इस कंपनी के द्वारा काला चावल और काला आटा से तरह तरह का उत्पाद बनाकर भी बाजार में लाया जा रहा है जैसे कि काला चावल का अनरसा, काला चावल का लड्डू, काला आटा का लड्डू, काला चावल का भुजिया इत्यादि जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है.

Nitish Mangalam
किसानों के साथ नीतीश मंगलम. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

महिलाओं को मिल रहा रोजगारः इस तरह से यहां की ग्रामीण महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है. नीतीश मंगलम ने कहा कि काला गेहूं का बीज पंजाब से मंगाते हैं. 70 रुपये प्रति किलो वहां से मंगाने में खर्च होता है. और यहां किसानों को 80 रुपये में उपलब्ध करा देते हैं. वहीं काला धान का बीज 80 रुपये प्रति किलो मणिपुर से मंगाते हैं और किसानों के यहां 100 रुपये में उपलब्ध कराते हैं. गेहूं का बीज 25 से 30 टन मंगाना पड़ता है और धान का बीज 4 से 5 टन.

गल्फ कंट्री को करते हैं निर्यातः नीतीश मंगलम के अनुसार 1600 किसान उन लोगों के साथ जुड़े हुए हैं. इस बार 600 एकड़ से अधिक में काला धन और काला गेहूं की खेती की. बड़े पैमाने पर गल्फ कंट्री में निर्यात करते हैं. इसके लिए हरियाणा की कंपनी से टाइअप है. हम लोगों का आगे लक्ष्य है प्रत्येक पंचायत में लैब टेस्ट स्थापित करने का और इसके लिए हम लोग soil टेस्टिंग मशीन का प्रोडक्शन करने जा रहे हैं. इसके लिए पूसा से MOU हुआ है.

काम को मिल रही सराहनाः नीतीश ने बताया कि पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान जब बिहार आए थे तो, उनसे मुलाकात हुई थी. बिहार बीज उत्पादन के मामले में 28 वें स्थान पर है अभी भी दूसरे राज्यों से बड़े पैमाने पर बीज मंगाया जाता है. बिहार में क्या कुछ किया जा सकता है, इस पर उन्होंने बातचीत हुए है. मुख्यमंत्री भी पिछले दिनों जहानाबाद गए थे तो हम लोगों से मुलाकात की थी. हम लोगों के काम को लगातार सराहा जा रहा है.

"मोटे अनाज और काला धान, काला गेहूं जैसे उत्पाद स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद हैं. शुगर, बीपी और कैंसर जैसी बीमारियों में कितना कारगर है इसको लेकर अभी और रिसर्च की जरूरत है. लेकिन लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है."- डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद, आयुर्वेदिक कॉलेज के पूर्व प्राचार्य

क्या है आगे की योजना: नीतीश मंगलम अपने परिवार के दूसरे सदस्यों को भी अब कृषि कार्य में जोड़ रहे हैं. उनका अगला लक्ष्य स्टार्टअप कंपनी के माध्यम से सॉइल टेस्टिंग मशीन का प्रोडक्शन करना है, जिससे किसानों को खेती करने में और भी सुविधा हो. नीतीश मंगलम के अनुसार उनकी पूरी कोशिश है कि किसान परंपरागत खेती को छोड़ ऐसी खेती करें जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो.

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Last Updated : Oct 3, 2024, 9:20 PM IST
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