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'पढ़ने बैठता तो खाना-पानी तक भूल जाता..', जानें IITian ANMOL RAJ सफलता का राज - Success Story - SUCCESS STORY

IITian ANMOL RAJ: 'सफलता पाने के लिए दिन-रात एक करना पड़ता है', यह लाइन जेईई मेन्स 2024 के सक्सेसर अनमोल राज पर सटीक बैठती है. इन्होंने पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. परिजन बताते हैं कि पढ़ाई के चक्कर में खाना-पानी भूल जाते थे. घर वालों को तो डर लगा रहता था कि कहीं तबीयत ना खराब हो जाए, लेकिन जब अनमोल राज टॉपर बने तो माता-पिता के साथ गांव के लोग भी गर्व महसूस करने लगे. जानें अनोमल राज की सक्सेस स्टोरी.

JEE MAINS TOPPER ANMOL RAJ
जेईई मेन्स टॉपर अनमोल राज (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 29, 2024, 6:28 AM IST

पटनाः अप्रैल 2024 में जेई मेन्स का रिजल्ट जारी किया गया था. अनमोल राज स्टेट टॉपर बने थे. अपनी मेहनत की बदौलत अनमोल ने 99.86 परसेंटाइल अंक हासिल किया था. इस सफलता के पीछे कई कहानी जो अन्य छात्रों को प्रेरित कर सकता है. अनमोल राज जेई मेन्स में स्टेट टॉपर बनने के बाद आईआईटी बॉम्बे मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं.

पढ़ाई के लिए सब कुछ भूलाः जेईई-मेन टॉपर अनमोल राज की कहानी उन छात्रों के लिए प्रेरणा है जो तैयारी में अपनी एकाग्रता नहीं बना पाते हैं. अनमोल बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही कुछ नया जानने और सीखने की इतनी उत्सुकता थी. बचपन से किताब पढ़ने की आदात थी. किताब पढ़ने के क्रम में खाना-पानी, खेलना-कूदना सब कुछ भूल जाते थे.

ऑल इंडिया रैंक 856 रैंकः परिजन बताते हैं कि काफी लंबे समय तक बैठकर पढ़ाई करते थे. इसको लेकर चिंता भी होती थी कि कहीं लंबे समय तक बैठकर पढ़ने से बच्चा बीमार ना हो जाए. लेकिन सफलता मिली तो सारी समस्या और चिंता दूर हो गयी. अनमोल ने बताया कि जेईई एडवांस में ऑल इंडिया रैंक 856 लाने के बाद उन्होंने आईआईटी बॉम्बे में दाखिला लिया है.

अपने माता-पिता के साथ जेई मेन्स टॉपर अनोल राज
अपने माता-पिता के साथ जेई मेन्स टॉपर अनोल राज (ETV Bharat)

"आईआईटी बॉम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर रहे हैं. बचपन से ही गाड़ी वाले खिलौने से बहुत लगाव था. धीरे-धीरे यह जुनून बन गया. स्कूल लाइफ में ही तय कर लिया था कि आगे चलकर मैकेनिकल इंजीनियर बनेंगे. अत्याधुनिक तकनीक वाले मोटरबाइक कार और प्लेन डिजाइन करना सपना है." -अनमोल राज, छात्र, जेई मेन्स

पहली बार मन पसंद कॉलेज नहीं मिलाः अनमोल राज ने बताया कि पिछली बार एडवांस में 4000 रैंक आया था. इस कारण आईआईटी बॉम्बे उन्हें नहीं मिल रहा था. ऐसे में उन्होंने 1 साल और तैयारी करने की ठानी. उनका सपना था कि आईआईटी बॉम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करें. इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की और अंत में सफलता मिली.

तैयारी के लिए प्रैक्टिस टेस्ट जरूरीः अनमोल ने बताया कि उन्होंने तैयारी में प्रैक्टिस टेस्ट को विशेष ध्यान दिया है. प्रतिदिन 3 घंटे का एक प्रैक्टिस टेस्ट देते थे. पटना के इंफिनिटी लर्न श्री चैतन्या में उन्होंने 12वीं के बाद 1 साल आईआईटी की तैयारी की. जिसमें उन्होंने प्रैक्टिस टेस्ट को फोकस किया. संस्थान के शिक्षकों की माने तो टेस्ट में भी अनमोल को 70% से अधिक अंक हमेशा आते थे.

"अनमोल ने बताया कि वह लगभग 400 से अधिक प्रैक्टिस टेस्ट सॉल्व किया जिससे उनका क्वेश्चन सॉल्व करने का तकनीक और टाइम मैनेजमेंट बेहतर हो गया." -अनमोल राज, छात्र, जेई मेन्स

सोशल मीडिया से दूरी: अनमोल ने बताया कि किसी चीज की तैयारी कर रहे हैं तो इसके लिए कोई समय नहीं होता कि इतना घंटा पढ़ना है. जितने घंटे में पढ़ाई समझ में आ जाए करनी चाहिए. बोझिल मन से पढ़ाई नहीं करनी चाहिए. बताया कि वे तैयारी के लिए सोशल मीडिया से दूर हो गए. सोशल मीडिया अधिक स्ट्रेस देता है. कोई भी परीक्षा की तैयारी करनी है तो सोशल मीडिया से दूरी जरूरी है. एंटरटेनमेंट के लिए शाम के समय कुछ समय टहलें.

परिवार को रहती थी चिंताः अनमोल के पिता राजीव कुमार केंद्रीय जीएसटी में अधिकारी हैं. माता सविता राज हाउस मेकर हैं. अनमोल की उपलब्धि से दोनों काफी गौरवान्वित है. अनमोल की मां सविता राज बताती हैं कि उनका बेटा अध्ययन में समर्पित है. बचपन से ही इसे कुछ नया सीखने और उसके वास्तविकता को समझने के लिए समय बिताने की आदत रही है.

"जब बचपन में किताबें पढ़ने लगता था तो खाना-पीना भूल जाता था. कई बार उन्हें उसके स्वास्थ्य की चिंता होती थी की कहीं सही से नहीं खाने पीने की वजह से वह बीमार ना पड़ जाए लेकिन आज उसका अध्ययन के प्रति समर्पण है. जिसकी बदौलत आईआईटी बॉम्बे में पढ़ाई कर रहा है." -सविता राज, अनमोल की मां

यह भी पढ़ेंः 10 रुपये लेकर घर से निकले थे.. आज बना डाला करोड़ों का साम्राज्य! संत चौधरी की सफलता आपको भी प्रेरित करेगी - Success Story

पटनाः अप्रैल 2024 में जेई मेन्स का रिजल्ट जारी किया गया था. अनमोल राज स्टेट टॉपर बने थे. अपनी मेहनत की बदौलत अनमोल ने 99.86 परसेंटाइल अंक हासिल किया था. इस सफलता के पीछे कई कहानी जो अन्य छात्रों को प्रेरित कर सकता है. अनमोल राज जेई मेन्स में स्टेट टॉपर बनने के बाद आईआईटी बॉम्बे मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं.

पढ़ाई के लिए सब कुछ भूलाः जेईई-मेन टॉपर अनमोल राज की कहानी उन छात्रों के लिए प्रेरणा है जो तैयारी में अपनी एकाग्रता नहीं बना पाते हैं. अनमोल बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही कुछ नया जानने और सीखने की इतनी उत्सुकता थी. बचपन से किताब पढ़ने की आदात थी. किताब पढ़ने के क्रम में खाना-पानी, खेलना-कूदना सब कुछ भूल जाते थे.

ऑल इंडिया रैंक 856 रैंकः परिजन बताते हैं कि काफी लंबे समय तक बैठकर पढ़ाई करते थे. इसको लेकर चिंता भी होती थी कि कहीं लंबे समय तक बैठकर पढ़ने से बच्चा बीमार ना हो जाए. लेकिन सफलता मिली तो सारी समस्या और चिंता दूर हो गयी. अनमोल ने बताया कि जेईई एडवांस में ऑल इंडिया रैंक 856 लाने के बाद उन्होंने आईआईटी बॉम्बे में दाखिला लिया है.

अपने माता-पिता के साथ जेई मेन्स टॉपर अनोल राज
अपने माता-पिता के साथ जेई मेन्स टॉपर अनोल राज (ETV Bharat)

"आईआईटी बॉम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर रहे हैं. बचपन से ही गाड़ी वाले खिलौने से बहुत लगाव था. धीरे-धीरे यह जुनून बन गया. स्कूल लाइफ में ही तय कर लिया था कि आगे चलकर मैकेनिकल इंजीनियर बनेंगे. अत्याधुनिक तकनीक वाले मोटरबाइक कार और प्लेन डिजाइन करना सपना है." -अनमोल राज, छात्र, जेई मेन्स

पहली बार मन पसंद कॉलेज नहीं मिलाः अनमोल राज ने बताया कि पिछली बार एडवांस में 4000 रैंक आया था. इस कारण आईआईटी बॉम्बे उन्हें नहीं मिल रहा था. ऐसे में उन्होंने 1 साल और तैयारी करने की ठानी. उनका सपना था कि आईआईटी बॉम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करें. इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की और अंत में सफलता मिली.

तैयारी के लिए प्रैक्टिस टेस्ट जरूरीः अनमोल ने बताया कि उन्होंने तैयारी में प्रैक्टिस टेस्ट को विशेष ध्यान दिया है. प्रतिदिन 3 घंटे का एक प्रैक्टिस टेस्ट देते थे. पटना के इंफिनिटी लर्न श्री चैतन्या में उन्होंने 12वीं के बाद 1 साल आईआईटी की तैयारी की. जिसमें उन्होंने प्रैक्टिस टेस्ट को फोकस किया. संस्थान के शिक्षकों की माने तो टेस्ट में भी अनमोल को 70% से अधिक अंक हमेशा आते थे.

"अनमोल ने बताया कि वह लगभग 400 से अधिक प्रैक्टिस टेस्ट सॉल्व किया जिससे उनका क्वेश्चन सॉल्व करने का तकनीक और टाइम मैनेजमेंट बेहतर हो गया." -अनमोल राज, छात्र, जेई मेन्स

सोशल मीडिया से दूरी: अनमोल ने बताया कि किसी चीज की तैयारी कर रहे हैं तो इसके लिए कोई समय नहीं होता कि इतना घंटा पढ़ना है. जितने घंटे में पढ़ाई समझ में आ जाए करनी चाहिए. बोझिल मन से पढ़ाई नहीं करनी चाहिए. बताया कि वे तैयारी के लिए सोशल मीडिया से दूर हो गए. सोशल मीडिया अधिक स्ट्रेस देता है. कोई भी परीक्षा की तैयारी करनी है तो सोशल मीडिया से दूरी जरूरी है. एंटरटेनमेंट के लिए शाम के समय कुछ समय टहलें.

परिवार को रहती थी चिंताः अनमोल के पिता राजीव कुमार केंद्रीय जीएसटी में अधिकारी हैं. माता सविता राज हाउस मेकर हैं. अनमोल की उपलब्धि से दोनों काफी गौरवान्वित है. अनमोल की मां सविता राज बताती हैं कि उनका बेटा अध्ययन में समर्पित है. बचपन से ही इसे कुछ नया सीखने और उसके वास्तविकता को समझने के लिए समय बिताने की आदत रही है.

"जब बचपन में किताबें पढ़ने लगता था तो खाना-पीना भूल जाता था. कई बार उन्हें उसके स्वास्थ्य की चिंता होती थी की कहीं सही से नहीं खाने पीने की वजह से वह बीमार ना पड़ जाए लेकिन आज उसका अध्ययन के प्रति समर्पण है. जिसकी बदौलत आईआईटी बॉम्बे में पढ़ाई कर रहा है." -सविता राज, अनमोल की मां

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