देहरादून: उत्तराखंड में पीसीएस बनने की इच्छा रखने वाले युवाओं को कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. एक तरफ परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए युवाओं को उत्तराखंड के बारे में गहराई से जानना होगा तो दूसरी तरफ रिजनिंग का अभ्यास भी बढ़ाने की जरूरत है. प्रदेश में परीक्षा पैटर्न के आधार पर पीसीएस परीक्षा के लिए किस तरह से तैयारी करें, आइये आपको बताते हैं.
उत्तराखंड में लोक सेवा आयोग ने पीसीएस परीक्षा 2021 का परीक्षा परिणाम घोषित किया है. इसके अलावा पीसीएस प्री 2024 का भी परिणाम घोषित किया गया है. इसमें रिक्त पदों के सापेक्ष कई अभ्यर्थियों का चयन हुआ है तो कई युवाओं को निराश भी होना पड़ा है. ऐसे में कुछ ऐसी महत्वपूर्ण बातें भी हैं, जिनका युवाओं को ध्यान रखना बेहद जरूरी है. मौजूदा परीक्षा पैटर्न के आधार पर परीक्षा परिणामों को देखते हुए कुछ जरूरी प्रयास भी अभ्यर्थियों को करने होंगे.
क्या होती है पीसीएस परीक्षा: पीसीएस परीक्षा राज्य सरकार द्वारा आयोजित करवाई जाती है. उत्तराखंड में इसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड लोकसेवा आयोग के पास है. पीसीएस ग्रुप ए और ग्रुप बी के तहत एक राज्य स्तरीय सिविल सेवा है. यह राज्य के कर्मचारियों का चयन करने के लिए एक बहुस्तरीय परीक्षा है. . पीसीएस परीक्षा के जरिए एसडीएम और तहसलीदार सहित विभिन्न पदों पर भर्तियां होती हैं. पीसीएस के लिए आयु सीमा हर वर्ग के हिसाब से अलग-अलग निर्धारित की गई है. इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अभ्यार्थी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम 35 से 40 वर्ष होती है, जबकि कुछ आरक्षित वर्ग (SC/ST/PWD) के लिए आयु में छूट निर्धारित की गयी है.
पीसीएस प्री में 25% उत्तराखंड से जुड़े प्रश्न: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आहूत पीसीएस परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को उत्तराखंड का ज्ञान होना बेहद जरूरी है. पीसीएस प्री की परीक्षा में करीब एक तिहाई प्रश्न उत्तराखंड से संबंधित आते हैं, जबकि मुख्य परीक्षा में भी 25% प्रश्नों को उत्तराखंड स्तर पर ही रखा जाता है. इस तरह यह स्पष्ट है कि पीसीएस परीक्षा में शामिल होने के लिए किसी भी अभ्यर्थी को गहराई से उत्तराखंड का अध्ययन करना होता है. उत्तराखंड की भौगोलिक जानकारी से लेकर राज्य की संस्कृति और ऐतिहासिक जानकारी भी रखनी होगी. इसके लिए अभ्यर्थी उत्तराखंड से जुड़ी पुस्तकों से अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं. बाजार में ऐसी कई किताबें मौजूद हैं जो अभ्यर्थियों के लिए राज्य की हर जानकारी को उपलब्ध करा रहीं हैं.
पुराने प्रश्न पत्रों से कर सकते हैं तैयारी: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा पीसीएस परीक्षा के लिए मौजूदा पैटर्न की अभ्यर्थियों को जानकारी होना जरूरी है. इसके लिए वह पुराने प्रश्न पत्रों को देख सकते हैं. उन्होंने कहा अभ्यर्थियों को बारीकी से उत्तराखंड पर आधारित पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए.
युवाओं को रीजनिंग पर मेहनत करने की जरुरत: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गई पीसीएस प्री परीक्षा 2024 के परिणाम से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि मौजूदा समय में अभ्यर्थी रीजनिंग में काफी कमजोर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में इस वक्त अभ्यर्थियों को रीजनिंग पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए. पीसीएस परीक्षा में रीजनिंग से जुड़े प्रश्न बहुत कठिन होते हैं. ऐसा भी नहीं है इसके बावजूद हाल ही में हुई परीक्षा में जो स्थिति दिखाई दे रही है उसे यह भी स्पष्ट है कि अभ्यर्थियों को अब रीजनिंग में भी काफी मेहनत करने की जरूरत है.
पैटर्न के अनुसार तैयार करें टाइम टेबल: इस तरह अभ्यर्थियों को मौजूदा पैटर्न को समझते हुए अपनी तैयारी करनी चाहिए. हर परीक्षा की तरह एकाग्रता के साथ पैटर्न के आधार पर विभिन्न विषयों को अलग से टाइम टेबल तय करना चाहिए. जिसके बाद तैयारी में जुट जाना चाहिए.