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हिमाचल में अब कांटेदार तार और जाली की बाड़बंदी पर मिलेगी सब्सिडी, सोलर फेंसिंग के लिए नहीं मिलेगा अनुदान - SUKHU GOVT ON SOLAR FENCING

हिमाचल प्रदेश में अब से सोलर फेंसिंग की जगह कांटेदार तार व जाली से बाड़बंदी के लिए किसानों को सब्सिडी दी जाएगी.

SUBSIDY ON BARBED WIRE AND FENCING in Himachal Pradesh
हिमाचल में कांटेदार तार और बाड़बंदी को बढ़ावा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 13, 2024, 9:41 AM IST

Updated : Nov 13, 2024, 10:12 AM IST

शिमला: हिमाचल में 80 फीसदी से ज्यादा आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में बसती है. जिनकी आजीविका खेतीबाड़ी पर निर्भर है, लेकिन पिछले कुछ सालों में जंगली जानवरों की लगातार बढ़ती समस्या के कारण बहुत से किसानों ने खेती बाड़ी के पारंपरिक पेशे को छोड़ना शुरू कर दिया है और अब रोजी रोटी की तलाश में शहर की तरफ पलायन कर रहे हैं. ऐसे में सुक्खू सरकार ने किसानों की पीड़ा को समझते हुए नई पहल की है. जिसके तहत अब सरकार सोलर फेंसिंग की जगह कांटेदार तार व जाली से बाड़बंदी को बढ़ावा दे रही है. इस तरीके से की गई बाड़बंदी ज्यादा मजबूत और लंबे समय तक टिकेगी.

सोलर फेंसिंग के लिए नहीं मिलेगी सब्सिडी

कांटेदार तार व जाली से बाड़बंदी के लिए सुक्खू सरकार किसानों को 70 फीसदी की सब्सिडी का लाभ देगी. बाकी का पैसा किसानों को अपनी जेब से खर्च करना होगा. वहीं, अब सरकार ने सोलर फेंसिंग के लिए सब्सिडी नहीं देने का फैसला लिया है. ऐसे में जिन किसानों व बागवानों ने पहले ही सोलर फेंसिंग के लिए आवेदन किया है. अब उन्हें भी नए सिरे से कांटेदार तार व जाली के लिए एप्लिकेशन देनी होगी. कृषि विभाग के सभी उप निदेशकों व अन्य फील्ड स्टाफ को इसको लेकर किसानों के बीच प्रचार व प्रसार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए लोक मित्र केंद्र से अपना आवेदन कर सकते हैं.

आवेदन के लिए ये जरूरी

किसानों को बाड़बंदी के लिए आवेदन करते समय कई दस्तावेज लगाने जरूरी हैं. इसमें आधार कार्ड, जमीन के खाता खतौनी, बैंक पासबुक के पहले पन्ने की फोटोकॉपी, जाति प्रमाण पत्र और बाढ़ लगाने का एस्टीमेट होना आवश्यक है. बाड़बंदी के लिए 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर स्वीकृति दी जाएगी. वहीं, लोहे के एंगल के साथ 6 फुट ऊंची कांटेदार तार बाड़ लगाने के लिए 416 रुपए की जगह 291 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान दिया जाएगा. इसी तरह से लोहे के एंगल के साथ जालीदार तार की बाड़ लगाने पर 640 की जगह 448 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान मिलेगा.

प्रदेश में 9.97 किसान परिवार

हिमाचल में अभी भी 80 फीसदी से ज्यादा की ग्रामीण आबादी कृषि और बागवानी पर निर्भर है. प्रदेश में 9.97 लाख परिवार खेती बाड़ी के पारंपरिक पेशे से जुड़े हैं. इनमें 1 हेक्टेयर से कम जमीन वाले सबसे अधिक 7.15 लाख मार्जिनल किसान है. इसी तरह से 1 से 2 हेक्टेयर जमीन होल्डिंग वाले लघु किसानों की संख्या 1.74 लाख है. 2 से 4 लैंड होल्डिंग सेमी मीडियम किसानों की संख्या 0.82 लाख है. इसके अलावा 4 से 10 हेक्टेयर मध्यम किसानों की संख्या 0.26 लाख है. वहीं, 10 हेक्टेयर से अधिक लैंड होल्डिंग वाले किसानों की संख्या सबसे कम 0.03 लाख है.

सचिव कृषि सी पाल रासु ने मुताबिक, "सोलर फेंसिंग के अच्छे परिणाम नहीं आ रहे थे. वहीं, महंगी होने की वजह से किसान कम आवेदन कर रहे थे. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए अब कांटेदार तार और जाली लगाने के लिए 70 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी."

ये भी पढ़ें: प्राकृतिक खेती में मिसाल बना CM सुक्खू के गृह जिले का ये गांव, यहां 218 बीघा भूमि पर 59 किसान कर रहे ऑर्गेनिक फार्मिंग

ये भी पढ़ें: हिमाचल में इस व्यवसाय से जुड़कर नौकरी से अधिक पैसा कमा सकते हैं युवा, देश के फाइव स्टार होटलों में रहती है मांग

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शिमला: हिमाचल में 80 फीसदी से ज्यादा आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में बसती है. जिनकी आजीविका खेतीबाड़ी पर निर्भर है, लेकिन पिछले कुछ सालों में जंगली जानवरों की लगातार बढ़ती समस्या के कारण बहुत से किसानों ने खेती बाड़ी के पारंपरिक पेशे को छोड़ना शुरू कर दिया है और अब रोजी रोटी की तलाश में शहर की तरफ पलायन कर रहे हैं. ऐसे में सुक्खू सरकार ने किसानों की पीड़ा को समझते हुए नई पहल की है. जिसके तहत अब सरकार सोलर फेंसिंग की जगह कांटेदार तार व जाली से बाड़बंदी को बढ़ावा दे रही है. इस तरीके से की गई बाड़बंदी ज्यादा मजबूत और लंबे समय तक टिकेगी.

सोलर फेंसिंग के लिए नहीं मिलेगी सब्सिडी

कांटेदार तार व जाली से बाड़बंदी के लिए सुक्खू सरकार किसानों को 70 फीसदी की सब्सिडी का लाभ देगी. बाकी का पैसा किसानों को अपनी जेब से खर्च करना होगा. वहीं, अब सरकार ने सोलर फेंसिंग के लिए सब्सिडी नहीं देने का फैसला लिया है. ऐसे में जिन किसानों व बागवानों ने पहले ही सोलर फेंसिंग के लिए आवेदन किया है. अब उन्हें भी नए सिरे से कांटेदार तार व जाली के लिए एप्लिकेशन देनी होगी. कृषि विभाग के सभी उप निदेशकों व अन्य फील्ड स्टाफ को इसको लेकर किसानों के बीच प्रचार व प्रसार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए लोक मित्र केंद्र से अपना आवेदन कर सकते हैं.

आवेदन के लिए ये जरूरी

किसानों को बाड़बंदी के लिए आवेदन करते समय कई दस्तावेज लगाने जरूरी हैं. इसमें आधार कार्ड, जमीन के खाता खतौनी, बैंक पासबुक के पहले पन्ने की फोटोकॉपी, जाति प्रमाण पत्र और बाढ़ लगाने का एस्टीमेट होना आवश्यक है. बाड़बंदी के लिए 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर स्वीकृति दी जाएगी. वहीं, लोहे के एंगल के साथ 6 फुट ऊंची कांटेदार तार बाड़ लगाने के लिए 416 रुपए की जगह 291 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान दिया जाएगा. इसी तरह से लोहे के एंगल के साथ जालीदार तार की बाड़ लगाने पर 640 की जगह 448 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान मिलेगा.

प्रदेश में 9.97 किसान परिवार

हिमाचल में अभी भी 80 फीसदी से ज्यादा की ग्रामीण आबादी कृषि और बागवानी पर निर्भर है. प्रदेश में 9.97 लाख परिवार खेती बाड़ी के पारंपरिक पेशे से जुड़े हैं. इनमें 1 हेक्टेयर से कम जमीन वाले सबसे अधिक 7.15 लाख मार्जिनल किसान है. इसी तरह से 1 से 2 हेक्टेयर जमीन होल्डिंग वाले लघु किसानों की संख्या 1.74 लाख है. 2 से 4 लैंड होल्डिंग सेमी मीडियम किसानों की संख्या 0.82 लाख है. इसके अलावा 4 से 10 हेक्टेयर मध्यम किसानों की संख्या 0.26 लाख है. वहीं, 10 हेक्टेयर से अधिक लैंड होल्डिंग वाले किसानों की संख्या सबसे कम 0.03 लाख है.

सचिव कृषि सी पाल रासु ने मुताबिक, "सोलर फेंसिंग के अच्छे परिणाम नहीं आ रहे थे. वहीं, महंगी होने की वजह से किसान कम आवेदन कर रहे थे. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए अब कांटेदार तार और जाली लगाने के लिए 70 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी."

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Last Updated : Nov 13, 2024, 10:12 AM IST
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