रांची: झारखंड में 14 लोकसभा सीट में से तीन लोकसभा क्षेत्र लोहरदगा, खूंटी और हजारीबाग से कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. 27 मार्च को दिल्ली में घोषित उम्मीदवारों की सूची में सुबोधकांत सहाय का नाम नहीं है. 28 मार्च को दिल्ली में रांची से कई बार भाजपा के सांसद रहे कद्दावर ओबीसी नेता रामटहल चौधरी कांग्रेस में शामिल हो गए. ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या रामटहल चौधरी की वजह से सुबोधकांत सहाय का लोकसभा टिकट होल्ड पर रख दिया गया है.
2019 में भाजपा छोड़ निर्दलीय मैदान में उतरे थे रामटहल चौधरी
पूर्व सांसद रामटहल चौधरी की गिनती झारखंड के कद्दावर ओबीसी भाजपा नेता के रूप में होती रही है. वे कई बार विधायक और सांसद भी रह चुके हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा द्वारा टिकट काटने से नाराज रामटहल चौधरी निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे थे. उस चुनाव में उन्हें 29 हजार 500 के करीब वोट मिले थे.
क्या जेपी पटेल के बाद अब भाजपा से आए रामटहल चौधरी को मिलेगा टिकट
हजारीबाग लोकसभा सीट से कांग्रेस ने भाजपा से आए जयप्रकाश भाई पटेल को उम्मीदवार घोषित कर दिया है. ऐसे में कयास ये लगाए जा रहे हैं कि क्या रामटहल चौधरी के कांग्रेस में शामिल होने की वजह से ही सुबोधकांत सहाय का टिकट होल्ड पर रखा गया है.
कांग्रेस में टिकट मिलने के लिए प्रक्रिया से गुजरना होता है, यूं ही नहीं मिलता टिकट- राकेश सिन्हा
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय का टिकट होल्ड पर रखने की संभावना से झारखंड कांग्रेस ने इनकार कर दिया है. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि रामटहल चौधरी के पार्टी में शामिल होने की वजह से सुबोधकांत सहाय का टिकट फाइनल नहीं हो रहा है, इस कयास में कोई सच्चाई नहीं है. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि अगली CEC की बैठक में झारखंड की शेष लोकसभा उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी.
रामटहल चौधरी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया तो I.N.D.I.A ब्लॉक मिलकर उनके लिए काम करेंगे- झामुमो
भाजपा के सिंबल पर पांच बार सांसद रहे रामटहल चौधरी के कांग्रेस में शामिल होने पर झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने प्रसन्नता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि अभी तक रांची लोकसभा सीट से उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं हुई है. अगर सहयोगी दल कांग्रेस उन्हें उम्मीदवार बनाती है तो उसमें गलत ही क्या है, वे निर्विवाद नेता और माटी पुत्र हैं. दूसरे दल से आने वाले को पार्टी का टिकट देने पर भाजपा का विरोध और रामटहल चौधरी का समर्थन के सवाल पर भी झामुमो नेता ने जवाब दिया. मनोज पांडेय ने कहा कि एक-दो दूसरे दलों से आए नेताओं को अगर टिकट मिल जाता है तो यह अपवाद है.
सुबोधकांत सहाय कांग्रेस के कद्दावर नेता, कई बार केंद्र में रहे हैं मंत्री
सुबोधकांत सहाय की गिनती राज्य के कद्दावर राजनीतिज्ञों में होती है. 1989 में रांची से लोकसभा चुनाव जीतने वाले सुबोधकांत सहाय 2004 और 2009 में भी जीत दर्ज की थी. केंद्र में तत्कालीन मनमोहन सिंह की नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय पर्यटन मंत्री और अन्य मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली. मोदी लहर में लगातार दो बार वर्ष 2014 और 2019 में वे भाजपा उम्मीदवार से पराजित हो गए.
सुबोधकांत सहाय का टिकट होल्ड पर होने की किसी भी संभावना से झारखंड प्रदेश कांग्रेस के नेता इनकार करते हैं. इस बीच पार्टी में शामिल हुए रामटहल चौधरी ने शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से शिष्टाचार भेंट की है. अब देखना होगा कि जब रांची लोकसभा सीट से कांग्रेस अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा करती है तो उसमें रामटहल बाजी मारते हैं या पार्टी सुबोधकांत पर ही भरोसा जताती है.
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