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चंडीगढ़ PGI में छात्र पहनेंगे कुर्ता पायजामा, छात्राएं पहनेंगी साड़ी,दीक्षांत समारोह का ड्रेस कोड बदला - Chandigarh PGI convocation

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 12, 2024, 4:56 PM IST

Updated : Sep 13, 2024, 11:40 AM IST

Chandigarh PGI convocation: PGI के वार्षिक दीक्षांत समारोह को भारतीय संस्कृति से जोड़ते हुए डॉक्टरों और डिग्रीधारक छात्रों द्वारा कुरता-पजामा और साड़ी ड्रेस कोड रखा गया है. यह पहली बार होगा,जहां छात्र अपनी डिग्री समारोह में पारंपरिक औपचारिक गाउन नहीं पहनेंगे. डॉक्टर और डिग्री धारक लेते समय पुरुषों के लिए ड्रेस कोड ऑफ-व्हाइट कुर्ता पायजामा और महिलाओं के लिए साड़ी है.

Chandigarh PGI convocation
चंडीगढ़ PGI में छात्र पहनेंगे कुर्ता पायजामा (Etv Bharat)

चंडीगढ़: PGI के वार्षिक दीक्षांत समारोह को भारतीय संस्कृति से जोड़ते हुए डॉक्टरों और डिग्रीधारक छात्रों द्वारा कुरता-पजामा और साड़ी ड्रेस कोड रखा गया है. यह पहली बार होगा,जहां छात्र अपनी डिग्री समारोह में पारंपरिक औपचारिक गाउन नहीं पहनेंगे. डॉक्टर और डिग्री धारक लेते समय पुरुषों के लिए ड्रेस कोड ऑफ-व्हाइट कुर्ता पायजामा और महिलाओं के लिए साड़ी है. जल्द ही, सभी को आवश्यक पोशाक तैयार करने के लिए कहा जाएगा. 6 अक्टूबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में लगभग 100 पदकों सहित कुल 1,550 डिग्रियां दी जाएंगी.

1550 डिग्रियां की जाएंगी प्रदान: इस समारोह में शामिल होने वाले पुरुष डॉक्टर और डिग्रीधारक ऑफ-व्हाइट कुर्ता पायजामा पहनेंगे. जबकि महिलाएं साड़ी में नजर आएंगी.यह कदम न केवल औपनिवेशिक परंपराओं से दूरी बनाने की दिशा में है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सम्मानित करने का एक प्रयास भी है. भव्य दीक्षांत समारोह में लगभग 100 पदक विजेताओं सहित कुल 1550 डिग्रियां प्रदान की जाएंगी.

जेपी नड्डा होंगे मुख्य अतिथि: यह दीक्षांत समारोह विभिन्न मेडिकल कोर्स में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए होगा, जिसमें एमएससी और बीएससी नर्सिंग, बीएससी पैरामेडिकल कोर्स, एमडी/एमएस और पीएचडी के छात्र शामिल होंगे. इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे. जो अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार पीजीआई का दौरा करेंगे.

भारतीय ड्रेस कोड को अपनाया जाएगा: बता दें कि यह निर्णय केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 23 अगस्त को जारी किए गए एक आदेश के अनुसार लिया गया है. जिसमें कहा गया था कि देश के राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (INI) जैसे पीजीआईएमईआर, एम्स दिल्ली, जेआईपीएमईआर पुडुचेरी और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान बेंगलुरु सहित अन्य केंद्रीय मेडिकल शिक्षण संस्थानों के दीक्षांत समारोहों में औपनिवेशिक परिधानों की जगह भारतीय ड्रेस कोड को अपनाया जाए.

औपनिवेशिक विरासत को बदलने का की जरूरत: मंत्रालय के आदेश में स्पष्ट किया गया था कि दीक्षांत समारोह में पहने जाने वाले काले लबादे और टोपी औपनिवेशिक विरासत का हिस्सा हैं, जिन्हें बदलने की जरूरत है. पीजीआई इस आदेश को लागू करने वाला चिकित्सा क्षेत्र का पहला राष्ट्रीय संस्थान बन गया है. इस ऐतिहासिक पहल से न केवल चिकित्सा क्षेत्र में भारतीय परंपराओं को बढ़ावा मिलेगा. बल्कि देश के शैक्षणिक संस्थानों में औपनिवेशिक छाप को हटाने का मार्ग भी प्रशस्त होगा.

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चंडीगढ़: PGI के वार्षिक दीक्षांत समारोह को भारतीय संस्कृति से जोड़ते हुए डॉक्टरों और डिग्रीधारक छात्रों द्वारा कुरता-पजामा और साड़ी ड्रेस कोड रखा गया है. यह पहली बार होगा,जहां छात्र अपनी डिग्री समारोह में पारंपरिक औपचारिक गाउन नहीं पहनेंगे. डॉक्टर और डिग्री धारक लेते समय पुरुषों के लिए ड्रेस कोड ऑफ-व्हाइट कुर्ता पायजामा और महिलाओं के लिए साड़ी है. जल्द ही, सभी को आवश्यक पोशाक तैयार करने के लिए कहा जाएगा. 6 अक्टूबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में लगभग 100 पदकों सहित कुल 1,550 डिग्रियां दी जाएंगी.

1550 डिग्रियां की जाएंगी प्रदान: इस समारोह में शामिल होने वाले पुरुष डॉक्टर और डिग्रीधारक ऑफ-व्हाइट कुर्ता पायजामा पहनेंगे. जबकि महिलाएं साड़ी में नजर आएंगी.यह कदम न केवल औपनिवेशिक परंपराओं से दूरी बनाने की दिशा में है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सम्मानित करने का एक प्रयास भी है. भव्य दीक्षांत समारोह में लगभग 100 पदक विजेताओं सहित कुल 1550 डिग्रियां प्रदान की जाएंगी.

जेपी नड्डा होंगे मुख्य अतिथि: यह दीक्षांत समारोह विभिन्न मेडिकल कोर्स में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए होगा, जिसमें एमएससी और बीएससी नर्सिंग, बीएससी पैरामेडिकल कोर्स, एमडी/एमएस और पीएचडी के छात्र शामिल होंगे. इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे. जो अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार पीजीआई का दौरा करेंगे.

भारतीय ड्रेस कोड को अपनाया जाएगा: बता दें कि यह निर्णय केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 23 अगस्त को जारी किए गए एक आदेश के अनुसार लिया गया है. जिसमें कहा गया था कि देश के राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (INI) जैसे पीजीआईएमईआर, एम्स दिल्ली, जेआईपीएमईआर पुडुचेरी और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान बेंगलुरु सहित अन्य केंद्रीय मेडिकल शिक्षण संस्थानों के दीक्षांत समारोहों में औपनिवेशिक परिधानों की जगह भारतीय ड्रेस कोड को अपनाया जाए.

औपनिवेशिक विरासत को बदलने का की जरूरत: मंत्रालय के आदेश में स्पष्ट किया गया था कि दीक्षांत समारोह में पहने जाने वाले काले लबादे और टोपी औपनिवेशिक विरासत का हिस्सा हैं, जिन्हें बदलने की जरूरत है. पीजीआई इस आदेश को लागू करने वाला चिकित्सा क्षेत्र का पहला राष्ट्रीय संस्थान बन गया है. इस ऐतिहासिक पहल से न केवल चिकित्सा क्षेत्र में भारतीय परंपराओं को बढ़ावा मिलेगा. बल्कि देश के शैक्षणिक संस्थानों में औपनिवेशिक छाप को हटाने का मार्ग भी प्रशस्त होगा.

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Last Updated : Sep 13, 2024, 11:40 AM IST
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