रांची: झारखंड सरकार का एक ऐसा भर्ती विज्ञापन जो पिछले 9 सालों से जी का जंजाल बन चुका है. काफी जद्दोजहद के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने 28 जनवरी और 4 फरवरी को स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करने की तैयारी की थी, लेकिन पहले ही दिन जिस तरह से परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने का मामला सामने आया, उससे आयोग की सारी तैयारियां तैयारियां धरी की धरी रह गई हैं. आयोग यह समझ नहीं पा रहा है कि प्रश्नपत्र लीक कैसे हो गये. वहीं इससे छात्र सड़कों पर हैं और सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं.
परीक्षा किया गया रद्द: 28 जनवरी को राज्य भर में हुई परीक्षा के दौरान तीसरे पेपर के प्रश्न लीक होने के बाद आयोग ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया है, लेकिन छात्रों का मानना है कि इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई है, जिसे देखते हुए सीबीआई जांच कराई जाए और 28 जनवरी को तीनों पालियों की परीक्षा निरस्त कर 4 फरवरी की परीक्षा भी स्थगित की जाए.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और अन्य छात्र संगठनों के बैनर तले बड़ी संख्या में अभ्यर्थी सोमवार की शाम राजधानी के अलबर्ट एक चौक पहुंचे और न सिर्फ मुख्यमंत्री का पुतला फूंका, बल्कि सरकार और जेएसएससी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.
जांच में जुटी JSSC: छात्रों के बढ़ते आक्रोश और आंदोलन को देखते हुए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग 4 फरवरी को होने वाली परीक्षा को स्थगित करने पर विचार कर रहा है. इसके अलावा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच शुरू कर दी है.
गौरतलब है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 28 जनवरी को राज्य के सभी जिलों में झारखंड सामान्य स्नातक योग्यता धारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (CGL) का आयोजन किया गया था, जिसमें तृतीय पाली की परीक्षा से कई घंटे पहले ही पेपर लीक हो गया. पेपर पर करीब 70 सवाल और उनके जवाब लिखे थे, जो वायरल हो गए. जब उनका मिलान किया गया तो लगभग सभी सही पाए गए. इसके बाद से लगातार रांची समेत कई जिलों में छात्रों द्वारा हंगामा और प्रदर्शन किया जा रहा है.
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