नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा संचालित और दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध तीन अल्पसंख्यक कॉलेजों के छात्रों को छात्रसंघ चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी है. जस्टिस प्रतीक जालान की बेंच ने उन छात्रों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी है, जो नामांकन दाखिल कर चुके हैं. इसके पहले 20 सितंबर को हाईकोर्ट ने तीनों कॉलेजों के छात्रों को चुनाव लड़ने की अंतरिम अनुमति दी थी. याचिका रचित राय और अन्य छात्रों की ओर से दायर की गई थी.
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 2 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी कर 2024-25 के सत्र के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव की घोषणा की. लेकिन श्री गुरु नानकदेव खालसा कॉलेज, श्री गुरु तेगबहादुर खालसा कॉलेज और श्री गुरु गोविंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स की प्रबंध समिति ने चुनाव से अपने आप को अलग करने का फैसला किया. इसके तहत तीनों कॉलेजों में पढ़नेवाले स्टूडेंट्स इन चुनावों में भाग नहीं ले सकते थे.
छात्रसंघ चुनाव में भाग लेना या ना लेना कॉलेजों का विशेषाधिकार: सुनवाई के दौरान तीनों कॉलेजों की ओर से पेश वकील ने कहा कि लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक कॉलेजों को ये विशेषाधिकार है कि वे चाहे तो छात्र संघ चुनाव में भाग ले सकते हैं या नॉमिनेशन का विकल्प अपना सकते हैं. उन्होंने कहा कि तीनों कॉलेजों ने इस साल के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में नामिनेशन का विकल्प चुना है. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पहले तीनों कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ का हिस्सा थे. ऐसे में इस साल उन्हें छात्रसंघ चुनाव से अलग होने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए.
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