श्रीनगर: इस साल नीट यूजी प्रवेश परीक्षा का परिणाम देशभर में चर्चा का विषय है. परीक्षा में कथित धांधली का आरोप लगाया जा रहा है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि नीट का रिजल्ट आनन-फानन में लोकसभा चुनाव परिणाम के दिन क्यों घोषित किया गया. दूसरा 67 छात्रों ने एक साथ कैसे टॉप किया. इसको लेकर श्रीनगर गढ़वाल में प्रदर्शन किया गया.
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर छात्र संघ महासचिव आंचल राणा, छात्र संघ उपाध्यक्ष रूपेश नेगी तथा स्वाति बिष्ट ने आरोप लगाया कि पेपर लीक का खतरनाक वायरस देश में फैलता जा रहा है. इसको रोकने के लिए युवाओं को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. इन लोगों ने कहा कि नीट परीक्षा के कथित पेपर लीक के मामले में कई राज्यों में लोगों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि अभ्यर्थी 600 नंबर लाकर भी असमंजस में हैं कि उन्हें सीट मिलेगी या नहीं. इसका जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि एक ही परीक्षा केंद्र में पांच से अधिक छात्रों का टॉप रैंक स्टूडेंट्स में होना सवाल खड़े करता है. सभी महत्वपूर्ण परीक्षाओं को प्राइवेट संस्था एनटीए को सौंपकर सरकार द्वारा निजीकरण में विश्वास जताया गया है. छात्र नेताओं ने कहा कि आज छात्र इस प्रकार की घोटालेबाजी के चलते डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. यहां तक कि आत्महत्या करने तक के प्रयास करने को मजबूर हो रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने NTA के नीट परीक्षा घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की. कहा कि परीक्षा की सीबीआई जांच से ही छात्रों को न्याय मिल सकेगा.
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अंकित उछोली ने इस प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि तत्काल रूप से दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की जाए.
नीट परीक्षा में कुल 720 अंकों में 685 अंक लाकर अखिल भारतीय स्तर पर 7158 रैंक लाने वाली नीट परीक्षा की अभ्यर्थी वीनस चौधरी ने कहा कि जिन भी सेंटर्स में धांधली हुई है, या ग्रेस नंबर दिए गए हैं, उन सभी सेंटर्स की जांच होनी चाहिए. जांच में गड़बड़ पाए गए सेंटर्स पर परीक्षा दोबारा आयोजित करवाई जानी चाहिए. रोबिन असवाल ने कहा कि यदि तत्काल रूप से इस प्रकरण में सरकार और एनटीए द्वारा कार्रवाई नहीं की गई, तो देशभर के युवा सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
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