धमतरी : दोस्ती जितनी पुरानी हो वो उतनी एक दूसरे के प्रति विश्वास और भरोसा पैदा करती है.और यदि ये दोस्ती स्कूल के समय की हो तो फिर बात ही क्या. पुराना दोस्त यदि अचानक मिल जाए तो उसे देखते ही पुरानी यादें ताजा हो जाती है.लेकिन यदि 40 दोस्त सालों बाद एक दूसरे से मिले तो इसे आप क्या कहेंगे. जरा सोचिए वो नजारा क्या होगा. लेकिन ऐसा नजारा हकीकत में देखने मिला. धमतरी के नूतन स्कूल में 1998-99 का साइंस बैच इकट्ठा हुआ. इस बैच के 46 छात्रों ने एक दूसरे से मिलकर यादें ताजा की.
25 साल बाद रीयूनियन पार्टी : धमतरी में स्कूल के पुराने दोस्तों ने मिलकर एक ऐसा आयोजन किया जो चर्चा का विषय बना हुआ है. स्कूली दोस्तों ने 25 साल बाद रीयूनियन पार्टी रखी.जिसमें कक्षा बारहवीं के विज्ञान बैच के स्टूडेंट्स ने अपने साथियों को इकट्ठा किया. जिसमें पुराने छात्र आपस में मिले. ढोल- बाजे, मिठाइयां सारी चीजों की व्यवस्था की गई. सिर्फ विद्यार्थी ही नहीं, स्कूल के शिक्षक प्राचार्य से लेकर स्कूल का घंटी बजाने वाला चपरासी भी इस शानदार और यादगार समारोह का हिस्सा बना.
गुरुजनों का किया सम्मान : आपको बता दें कि इस बैच में पढ़ने वाले छात्र अपने जीवन में व्यस्त हैं. अलग-अलग प्रोफेशन के ये छात्र अपनी मेहनत से सफलता के पायदान पर हैं. कोई इंजीनियर है, कोई आर्मी में अफसर है, तो कोई विदेश में अच्छी पोस्ट पर नौकरी कर रहा है. तो कोई शिक्षक बनकर बच्चों की भविष्य उज्जवल कर रहा है. यह सारी उपलब्धियां कहीं ना कहीं इसी स्कूल से इसी विद्यालय से इन्हीं गुरुजनों की सिख और शिक्षा से हासिल हुई है. यह विद्यार्थी उसे शिक्षा का उस ज्ञान का महत्व समझते हैं. लिहाजा इस ज्ञान के बदले में छात्रों ने अपने गुरुजनों का आदर सम्मान और अभिनंदन किया.
पुराने दिनों में चले गए छात्र : 25 साल बाद पुराने छात्र मिले तो इन्हें देखकर जरा भी ये नहीं लग रहा था कि ये उम्रदराज हो चुके हैं. कोई बच्चों के जैसा उछल रहा था,तो कोई मस्ती के मूड में था.एक दूसरे से मिलकर इन्होंने अपने पुराने दिनों को याद किया. इस दौरान उन्होंने एक दूसरे के प्रति वही दोस्ताना व्यवहार किया जो बरसों पहले किया करते थे.ये सारा नजारा अद्भुत था. खुशी के माहौल का आकर्षण इतना ज्यादा था कि आसपास मौजूद लोग जो उस वक्त के नहीं थे वे भी इसमें शामिल हो गए.
किसने बनाया था प्लान ? : स्कूल के पुराने छात्रों को एक जगह इकट्ठा करने के लिए स्कूल के ही पुराने छात्र ने प्लान बनाया था. मुंबई निवासी शिखर अग्रवाल की पहल से इस कार्यक्रम की योजना बनाई गई. सभी छात्रों को खोजने में साढ़े 3 साल लग गए. सन 2020 से इस प्रोग्राम की तैयारी चल रही थी. प्रोग्राम में धमतरी से लेकर अमेरिका, दुबई, सिंगापुर, नागपुर, पुणे और अलग-अलग जगहों पर अपनी सेवा दे रहे छात्र पहुंचे थे. सभी छात्र इस प्रोग्राम में शामिल होने को लेकर काफी उत्साहित थे. आपस में पुराने दोस्तों से मिलने के बाद सभी को अपने पुराने दिन याद आ गए. ये सभी पुरानी ऊर्जा से भर गए.पुरानी यादों को जोड़कर आज एक नई याद इन्होंने अपने मन में संजोयी हैं.अब ये अपने आने वाली पीढ़ियों को इस पल की दास्तां सुनाकर अपनी यादें फिर से ताजा करते रहेंगे.